Astro Gyan: क्या आपके घर में मोर पंख गलत दिशा में रखा हुआ है? अगर हां, तो यह आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है. वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ कमल नंदलाल ने अपने शो "वास्तु का सच" में बताया कि मोर पंख, जो हर सनातनी घर में शुभता का प्रतीक माना जाता है, गलत जगह पर रखने से नुकसानदायक हो सकता है. आइए जानते हैं कि मोर पंख को सही दिशा में रखकर आप अपने जीवन से नकारात्मकता को कैसे दूर कर सकते हैं और आर्थिक समृद्धि कैसे पा सकते हैं.
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मोर पंख का महत्व और उपयोग
मोर पंख भारतीय संस्कृति में एक पवित्र और शुभ वस्तु माना जाता है. लोग इसे हनुमान जी के मंदिर में झाड़ू के रूप में, देवी-देवताओं की सेवा के लिए, और यहाँ तक कि घर में सजावट के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. कमल नंदलाल के अनुसार:
- राहु की महादशा में लोग इसे कमरे में लगाते हैं.
- सरस्वती की तस्वीर के पास इसे रखने से स्टूडेंट्स को सफलता मिलती है.
- जहाँ मोर पंख होता है, वहाँ छिपकली नहीं आती.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे पूजा घर में रखना वास्तु के हिसाब से गलत है? कमल नंदलाल बताते हैं कि 99.9% लोग अनजाने में यह गलती करते हैं.
क्यों नहीं रखना चाहिए पूजा घर में मोर पंख?
मोर पंख का मुख्य गुण है नकारात्मक ऊर्जा को सोखना. यह एक प्राकृतिक चार्ज उत्पन्न करता है, जैसे सर्दियों में स्वेटर रगड़ने से बिजली पैदा होती है. यह चार्ज राहु को नियंत्रित करता है और किसी भी ऊर्जा को "झाड़" देता है. लेकिन अगर इसे घर के पूजा घर या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में रखा जाए, तो यह सकारात्मक ऊर्जा को भी रोक देता है. नतीजा? आर्थिक नुकसान और घर में अशांति.
कमल नंदलाल कहते हैं, "ईशान कोण से सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में फैलती है और दक्षिण-पश्चिम दिशा से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है. मोर पंख को दक्षिण-पश्चिम में रखने से यह नकारात्मकता को खत्म करता है."
सही दिशा और नियम
वास्तु के अनुसार, मोर पंख को सही जगह पर रखना बेहद जरूरी है:
सर्वश्रेष्ठ दिशा: दक्षिण-पश्चिम (South-West), दक्षिण, या पश्चिम.
गलत दिशा: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण), उत्तर, या पूर्व. इन दिशाओं में रखने से धन हानि होती है.
उपयोग: इसे श्रीकृष्ण की तस्वीर (जैसे गोवर्धन पर्वत उठाए हुए) या स्टूडेंट्स के लिए सरस्वती की तस्वीर के पास लगाएं.
छिपकली और कुबेर का कनेक्शन
कमल नंदलाल ने एक रोचक तथ्य भी साझा किया. वे कहते हैं, "कुबेर की सवारी छिपकली है. जहाँ धूप और धुआँ होता है, वहां कीड़े जमा होते हैं और छिपकली उन्हें खाने आती है. मोर पंख लगाने से छिपकली दूर रहती है, जिससे कुबेर का प्रभाव बढ़ता है. लेकिन इसे ईशान कोण में रखने से यह प्रक्रिया उलटी हो जाती है."
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