Astrology Tips: क्या आप जानते हैं कि आपके घर की उत्तर दिशा में रखी एक छोटी सी चीज आपको करोड़पति बना सकती है? वास्तु शास्त्र के जाने-माने विशेषज्ञ कमल नंदलाल ने हाल ही में एक खास रहस्य साझा किया है, जो आपके जीवन को समृद्धि और सफलता की ओर ले जा सकता है. उनका कहना है कि वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा बेहद शक्तिशाली होती है, और इसे सही तरीके से उपयोग करने से धन के देवता कुबेर आपके घर में प्रवेश कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि यह कैसे संभव है और इसके पीछे का विज्ञान क्या है.
ADVERTISEMENT
उत्तर दिशा का महत्व
कमल नंदलाल के अनुसार, वास्तु शास्त्र और नवग्रह मंडल में उत्तर दिशा को सबसे प्रभावशाली माना गया है. यह वह दिशा है जहां से मैग्नेटिक वेव्स (चुंबकीय तरंगें) निकलती हैं, जो पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों से जुड़ी होती हैं. भारत के संदर्भ में उत्तर दिशा का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि यहां हिमालय पर्वत स्थित है. हिमालय में भगवान शिव और उनके मित्र धन के देवता कुबेर का वास माना जाता है. कुबेर को स्थिर धन का स्वामी कहा जाता है, जो लक्ष्मी से अलग स्थायी संपत्ति और बचत का प्रतीक हैं.
नंदलाल बताते हैं, "लक्ष्मी चंचल होती हैं, आती-जाती रहती हैं, लेकिन कुबेर स्थिर धन देते हैं. अर्थशास्त्र में भी यही कहा गया है कि असली कमाई वही है जो आप बचा पाते हैं, न कि जो आप कमाते हैं."
कुबेर और शिव का संबंध
कुबेर को रावण का सौतेला भाई और धन का अधिपति माना जाता है. वास्तु में उत्तर दिशा कुबेर की दिशा कहलाती है, और भगवान शिव उनके संरक्षक हैं. शिवलिंग की योनिमुख भी हमेशा उत्तर की ओर होती है, जो इस दिशा की पवित्रता को दर्शाता है. कमल नंदलाल कहते हैं कि अगर इस दिशा को सही तरीके से व्यवस्थित किया जाए, तो कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त करना आसान हो जाता है.
उत्तर दिशा में क्या रखें?
वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार, उत्तर दिशा में एक पारद शिवलिंग रखना चाहिए. पारद यानी पारा, जिसे बुध ग्रह का धातु कहा जाता है, कुबेर की प्रिय वस्तु है. यह धातु हमेशा गतिशील रहती है और धन में वृद्धि का प्रतीक है. लेकिन इसे रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है:
- आकार: पारद शिवलिंग सवा इंच से बड़ा नहीं होना चाहिए.
- स्थान: इसे उत्तर दिशा में रखें, और इसकी योनिमुख उत्तर की ओर हो.
- देखभाल: इस जगह को साफ, हरा-भरा, और खुला रखें. टॉयलेट, भारी फर्नीचर या बंद स्थान कुबेर को आने से रोकते हैं.
- पांच तत्वों का संतुलन: रोजाना वहां दीपक (अग्नि), धूप (वायु), तिलक (जल), प्रसाद (पृथ्वी), और फूल (आकाश) अर्पित करें.
उत्तर दिशा को कैसे तैयार करें?
कमल नंदलाल सुझाव देते हैं कि उत्तर दिशा में हरियाली होनी चाहिए, जैसे छोटा गार्डन या हरे रंग का प्रयोग. यह दिशा बुद्धि (बुध), कुबेर, और परमशिव का प्रतीक है. अगर यह जगह बंद या गंदी होगी, तो कुबेर का प्रवेश असंभव है. वे कहते हैं, "कुबेर को खुली और स्वच्छ जगह पसंद है, क्योंकि वे भारी-भरकम देवता हैं."
बचत बढ़ाने का प्रयास
नंदलाल मानते हैं कि अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो साल भर के भीतर आपकी बचत बढ़ेगी और आप करोड़पति बनने की ओर बढ़ सकते हैं. वे इसे वास्तु और शिव की कृपा का संयुक्त प्रभाव मानते हैं.
यह भी पढ़ें: जिनके कान पर बाल होते हैं..उनका जीवन कैसा होता है? सामुद्रिक शास्त्र में छुपा है राज!
ADVERTISEMENT