Ram Navami 2025: आज रामनवमी के दिन जरूर करें ये एक काम, भगवान राम की कृपा से बदल सकती है आपकी किस्मत!

Ram navami puja muhurat 2025: आज 6 अप्रैल 2025, रामनवमी का पर्व भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. ज्योतिषी प्रवीण मिश्रा से जानिए आज का शुभ मुहूर्त, पूजा का महत्व और पूजा करने की विधि.

Representative Image (Photo Ai)

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न्यूज तक

• 06:00 AM • 06 Apr 2025

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रामनवमी (Rama Navami 2025) का पर्व न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह वह दिन है जब त्रेता युग में धर्म, मर्यादा और आदर्शों के अवतार भगवान श्रीराम, इस धरती पर प्रकट हुए थे. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व हर वर्ष करोड़ों भक्तों के लिए भक्ति, श्रद्धा और आत्मिक ऊर्जा का विशेष अवसर लेकर आता है.

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इस साल रामनवमी 6 अप्रैल यानी आज मनाई जा रही है और ज्योतिषीय दृष्टि से इस दिन दोपहर 12 बजे का समय भगवान राम की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. इस विशेष मुहूर्त में की गई पूजा से न केवल जीवन में सकारात्मकता आती है, बल्कि प्रभु की कृपा से मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं.आइए ज्योतिष प्रवीण मिश्रा से जानते हैं रामनवमी (Rama Navami) का महत्व, पूजा का समय और सरल विधि जिससे आप घर पर ही विधिपूर्वक इस पर्व को मना सकें.

रामनवमी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

इस साल चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. मान्यता है कि भगवान राम का जन्म दोपहर 12 बजे हुआ था, इसलिए 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजे पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है. पूजा के लिए सुबह 11:30 से दोपहर 12:30 तक का समय सबसे उत्तम रहेगा.

क्यों खास है दोपहर 12 बजे का समय?

ऐसी मान्यता है कि भगवान राम का जन्म ठीक दोपहर 12 बजे हुआ था. इसीलिए इस समय पूजन करने से भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है. यह समय सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति से भरा होता है.

पूजा की सरल विधि

रामनवमी की पूजा आप घर पर आसानी से कर सकते हैं. यहाँ दो विधियाँ बताई जा रही हैं- चित्र और मूर्ति के साथ पूजा:

चित्र से पूजा:

  • भगवान राम का चित्र लें, जिसमें माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी भी हों.
     
  • चित्र को कुश या फूल से जल छिड़ककर स्नान कराएं.
     
  • तिलक लगाएं, फूल और माला अर्पित करें.
     
  • इसके बाद आरती करें.

मूर्ति से पूजा:

  • पीतल या चांदी की मूर्ति का अभिषेक करें.
     
  • अभिषेक के लिए सबसे पहले गंगाजल मिश्रित पानी, फिर कच्चा दूध, दही, शहद और अंत में फिर से गंगाजल का प्रयोग करें.
     
  • मूर्ति को साफ करें, वस्त्र पहनाएं, तिलक लगाएं, अक्षत (चावल) और तुलसी दल अर्पित करें.
     
  • कमल का फूल चढ़ाएं और खीर या फल का भोग लगाएं.
     
  • आरती करें.

भोग और प्रसाद

घर पर खीर या हलवा बनाएं और तुलसी दल के साथ भगवान को अर्पित करें. बाहर से फल लाकर भोग में शामिल करें. पूजा के बाद प्रसाद को परिवार, पड़ोसियों और मित्रों में बांटें.

मंत्र और पाठ

पूजा के बाद तुलसी की माला से "श्री राम चंद्राय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. इसके अलावा रामायण की चौपाइयों का पाठ करें. समय हो तो सुंदरकांड का पाठ भी शुभ माना जाता है. अपनी मनोकामना भगवान के चरणों में रखें.

रामनवमी का महत्व

रामनवमी मनाने से मन में सकारात्मकता बढ़ती है और जीवन की परेशानियों से लड़ने की शक्ति मिलती है. यह पर्व हमें भगवान राम के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा देता है. जैसा कि ज्योतिष प्रवीण मिश्रा कहते हैं, "जब हम प्रभु का जन्मदिन मनाते हैं, तो मन में उत्साह और पॉजिटिविटी बढ़ती है."

भाव से करें पूजा

पूजा में सबसे महत्वपूर्ण है आपका भाव. प्रेम और श्रद्धा से की गई पूजा में छोटी-मोटी गलतियाँ भी भगवान स्वीकार करते हैं. तो इस रामनवमी अपने घर में भगवान राम का जन्मोत्सव जरूर मनाएं और उनकी कृपा प्राप्त करें.

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