अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए बिहार सरकार छात्रावास की सुविधा मुहैया करा रही है. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की तरफ से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 99 एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए 15 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं.
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बिहार सरकार में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री जनक राम ने कहा कि इन छात्रावासों में से 19 छात्रावासों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 12 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया था, वहीं वर्ष 2024-25 में 18 करोड़ रुपये का बजट प्रावधानित किया गया है.
उन्होंने कहा कि विभाग के स्तर से संचालित छात्रावास योजना के तहत विभाग अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए मुफ्त आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. इन छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को बिस्तर, गद्दे, पढ़ाई के लिए टेबल-कुर्सी, बिजली, पानी, बर्तन, रसोइया जैसी सुविधाएं निःशुल्क दी जाती हैं. छात्रावास में रहने वाले छात्रों को प्रति माह 15 किलोग्राम खाद्यान्न (9 किलो चावल और 6 किलो गेहूं) प्रदान किया जाता है.
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास अनुदान योजना के तहत इन छात्रों को प्रति माह 1,000 रुपये की दर से अनुदान दिया जाता है। यह राशि उनकी शिक्षा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए होती है. छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति और उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है. इन छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को उनकी आवश्यकता के मुताबिक सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं दी जाती हैं. उनके करियर के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं.
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