Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इस वक्त एक बड़ा सवाल उठ रहा है—क्या नीतीश कुमार बीजेपी से समर्थन वापस लेंगे? समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां नीतीश कुमार पर बीजेपी का साथ छोड़ने का दबाव बना रही हैं. यह मुद्दा जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उठाया गया. जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार से बीजेपी से नाता तोड़ने की अपील की.
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जयप्रकाश नारायण की जयंती पर गरमाई सियासत
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को JPNIC (जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) में स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोका गया. इससे अखिलेश यादव बेहद नाराज हुए और उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा. इसी के साथ उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी अपील की कि वे बीजेपी का समर्थन छोड़कर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में वापस लौटें.
नीतीश के लिए मौका या चुनौती?
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. एक ओर जहां इस बयान ने नीतीश कुमार के लिए धर्मसंकट की स्थिति पैदा की है, वहीं दूसरी ओर यह उनके लिए बीजेपी से दूरी बनाने का एक मौका भी बन सकता है. नीतीश और लालू यादव दोनों जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से निकले नेता हैं. नीतीश अकसर जेपी के सिद्धांतों पर चलने की बात करते रहे हैं.
नीतीश कुमार फिलहाल NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ हैं. लेकिन उन्होंने इंडिया गठबंधन को दो कारणों से छोड़ा था—पहला, सीट बंटवारे पर असहमति और दूसरा, इंडिया ब्लॉक में उनकी अनदेखी. इंडिया ब्लॉक में नीतीश को कोई महत्वपूर्ण पद या सम्मान नहीं मिला, जिस वजह से उन्होंने वापस एनडीए का दामन थाम लिया.
क्या करेंगे नीतीश कुमार?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर आने वाले दिनों में एनडीए में नीतीश की मांगें या शर्तें नहीं मानी जातीं, तो वे इसे आधार बनाकर बीजेपी से समर्थन वापस लेने का फैसला ले सकते हैं. बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, और नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक स्थिति को लेकर भविष्य की रणनीति तैयार कर सकते हैं.
वरिष्ठ पत्रकारों की राय
वरिष्ठ पत्रकारों का भी मानना है कि नीतीश कुमार आने वाले दिनों में कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं. हालाँकि, अभी तक नीतीश ने अखिलेश यादव के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वे इस मुद्दे पर क्या फैसला लेंगे.
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