Chhath 2024: बिहार में छठ महापर्व है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व को लेकर अब बिहार में शिक्षक गुहार लगा रहे हैं. हर साल इस मौके पर स्कूल में दिवाली से लेकर छठ तक छुट्टी रहती थी. साल 2023 में भी छठ की छुट्टी थी लेकिन इस बार छठ में शिक्षकों को स्कूल आना होगा. इतना ही नहीं दिवाली के मौके पर राज्य के बाहर के शिक्षक अपने घर भी छुट्टी में नहीं जा पाएंगे.
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नहाय खाय और खरना के दिन शिक्षकों को आना होगा स्कूल
सरकारी विद्यालयों में कार्यरत कुल शिक्षकों में 60 फीसदी महिला शिक्षिका हैं. जिनमें से अधिकतर महिला शिक्षका महापर्व छठ खुद से करती हैं. विडम्बना यह है कि शिक्षा विभाग के द्वारा जारी वर्ष 2024 के अवकाश तालिका में 7,8 और 9 नवंबर को छठ पर्व की छुट्टी दी गई है, जबकि चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत 5 नवंबर नहाय खाय के साथ हो रही है. वहीं 6 नवंबर खरना ,7 को संध्या कालीन अर्घ्य और 8 को सुबह का अर्घ्य होना है. नहाय खाय और खरना दोनों तिथियों को सरकारी विद्यालय खुले हैं. शिक्षिकाएं इस बात से परेशान हैं कि इस वर्ष कैसे हो पाएगा छठ पर्व.
दीपावली में भी सिर्फ एक दिन का अवकाश
सरकारी विद्यालयों में 31 अक्टूबर को दीपावली में मात्र एक दिन की ही छुट्टी दी गयी है. बाहरी राज्य के हजारों शिक्षक या दूर दराज क्षेत्र में पोस्टेड वैसे शिक्षक जो अपने घर से अत्यधिक दूरी पर पोस्टेड हैं वे अपने घर परिवार के साथ दीपावली का त्योहार नहीं मना पाएगें. मात्र एक दिन में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर आना जाना संभव नहीं है. इस बात से शिक्षकों में मायूसी का माहौल है.
संघ ने सरकार से की अपील
टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि आजादी के बाद से वर्ष 2023 तक हमेशा दीपावली से छठ तक छुट्टी रहती थी जबकि इस वर्ष 2024 में पहली बार दीपावली से छठ तक कि लगातार छुट्टी नहीं दी गयी है. अवकाश तालिका निर्माण में अदूरदर्शिता के कारण ही नहाय खाय और खरना जैसे अवसर पर विद्यालय खुला रखना और छुट्टी नहीं देना निंदनीय है. विभाग और सरकार से मांग करते हैं कि अविलंब अवकाश तालिका में संशोधन करके पूर्व के वर्षों के भांति ही दीपावली से लेकर छठ तक अवकाश की घोषणा करें.
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