सीवान: जहरीली शराब से 20 लोगों की मौत, विपक्ष की मांग खत्म हो शराबबंदी, मंत्री ने दिया ये जवाब

अनिकेत कुमार

17 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 17 2024 2:44 PM)

Siwan Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब से एक बार फिर मौत का तांडव मचा है. सीवान और सारण जिले में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना के बाद बिहार में सियासी माहौल एकदम गरम हो चुका है. राजनीतिक बयानबाजी खूब तेज है.

सीवान शराब ट्रेजेडी

सीवान शराब ट्रेजेडी

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Bihar Hooch Tragedy: बिहार के सीवान और सारण जिलों में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है. इससे राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. विपक्ष ने इस घटना के बाद शराबबंदी को पूरी तरह खत्म करने की मांग की है, जबकि सरकार के मंत्री किसी भी कीमत पर इसे बरकरार रखने की बात कर रहे हैं.

शराबबंदी पर तीखी बयानबाजी

इस घटना के बाद कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बिहार सरकार से शराबबंदी खत्म करने की मांग की है. अजीत शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को शराब बिक्री की इजाजत दे देनी चाहिए और इसकी कीमत दोगुनी कर देनी चाहिए. उनका कहना है कि इससे बिहार का राजस्व बढ़ेगा, क्योंकि सरकार शराबबंदी को सफल बनाने में असफल रही है और राजस्व का नुकसान हो रहा है.

राजद ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया

कांग्रेस की मांग का समर्थन करते हुए राजद ने भी शराबबंदी पर पुनर्विचार की बात कही है. राजद के मुख्य प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार खुद ही शराब माफियाओं को संरक्षण दे रही है, जिसके चलते शराबबंदी के बावजूद लोग जहरीली शराब पीने को मजबूर हैं और इस वजह से मौतें हो रही हैं. तिवारी ने कहा कि शराबबंदी की मौजूदा नीति की समीक्षा होनी चाहिए.

'VIP'  का भाजपा पर हमला

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ बिहार में ही शराबबंदी की बात क्यों करती है, जबकि उन राज्यों में भी यह लागू नहीं है जहां उनकी सरकार है. उन्होंने कहा, "क्या भाजपा को सिर्फ बिहार के लोगों की सेहत की चिंता है, दूसरे राज्यों की नहीं?" इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी की आड़ में स्कूली बच्चों का इस्तेमाल शराब की डिलीवरी के लिए किया जा रहा है.

'शराबबंदी नहीं होगी खत्म'

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि शराबबंदी की वजह से हुई मौतें दुखद हैं और अधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि दोषी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी. विपक्ष की शराबबंदी खत्म करने की मांग पर मंत्री सदा ने स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर शराबबंदी खत्म नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने विभाग संभाला है, वह लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा.

मंत्री ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर विपक्ष का मानना है कि सरकार शराब माफियाओं को संरक्षण दे रही है, तो उन्हें इसके पुख्ता सबूत पेश करने चाहिए. उन्होंने शराबबंदी को जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि यह नीति जनता की भलाई के लिए है.

भाजपा का पलटवार: शराबबंदी को विफल नहीं होने देंगे

इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी विपक्ष पर निशाना साधा. भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर सरकार की शराबबंदी नीति को विफल करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग इस घटना को अंजाम दे रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. भाजपा ने शराबबंदी को एनडीए सरकार की एक अच्छी पहल बताते हुए कहा कि यह नीति जनहित में लागू की गई थी और इसे जारी रखा जाएगा.

राजनीतिक हलचल और मौतों का बढ़ता सिलसिला

बिहार में जहरीली शराब से मौतों की यह घटना एक बार फिर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार का कारण बन गई है. जहां विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बताते हुए शराबबंदी को खत्म करने की मांग कर रहा है. वहीं सरकार ने इसे बरकरार रखने की बात पर जोर दिया है. फिलहाल राज्य में शराबबंदी की नीति को लेकर चल रही यह बहस थमने का नाम नहीं ले रही है, जबकि लोगों की मौत का सिलसिला भी थमा नहीं है.

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