बिहार एनडीए में आनंद मोहन और चिराग पासवान के बीच विवाद और आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म होता नहीं दिख रहा है. आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद जहां चिराग पासवान पर धोखा देने का लगातार आरोप लगा रहे हैं तो वहीं चिराग पासवान भी आरोपों पर पलटवार कर आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद के एनडीए में होने पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं.
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ना 3 में हैं और ना 13 में हैं आनंद मोहन
हाजीपुर पहुंचे चिराग पासवान ने कहा आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद ना 3 में हैं न 13 में हैं फिर उन्हें एनडीए गठबंधन की चिंता क्यों सता रही है. चिराग पासवान ने आरोप लगाया की आनंद मोहन एनडीए गठबंधन के नेताओ में बीच खटास पैदा करने के लिए ऐसे ऊलजलूल आरोप लगा रहे हैं.
उपचुनाव में नहीं जाने पर चिराग की सफाई
उपचुनाव में गठबंधन की सीटों पर प्रचार नहीं करने के आरोपों पर सफाई देते हुए चिराग पासवान ने साफ किया कि चुनावी व्यस्तताओं और अलग-अलग राज्यों के चुनाव प्रचार की वजह से चुनावी कार्यक्रम तय होता है. चुनाव प्रचार को लेकर एनडीए के दलों में किसी तरह का मतभेद नहीं है. ऐसे में आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद का आरोप ये इशारा करता है कि आनंद मोहन जैसे लोग गठबंधन के नेताओं और उनके रिश्तो में खटास डालना चाहते हैं. चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ समय में उनके और नीतीश कुमार के संबंध बहुत अच्छे हुए हैं और कुछ लोग नीतीश के साथ उनके अच्छे रिश्ते को बर्दास्त नहीं कर रहे है, इसीलिए गठबंधन के अंदर शामिल कुछ नेता इस तरह के उटपटांग बयानबाजी कर रहे हैं.
ललन सिंह के मुस्लिम वाले बयान पर चिराग का जवाब
वहीं ललन सिंह के मुसलमानों के वोट नहीं देने वाले बयान को लेकर जब चिराग पासवान से सवाल हुआ तो चिराग पासवान ने जेडीयू का बचाव किया और जेडीयू को सेकुलर पार्टी बताया. चिराग पासवान ने कहा की ललन सिंह ने अपने लोकसभा चुनाव के अनुभव के आधार पर ये बयान दिया होगा.
पशुपति पारस के सवाल पर हंसने लगे चिराग
चर्चा जब चिराग पासवान की हो तो चाचा पारस का संदर्भ अनायास निकल आता है. चाचा भतीजे की लड़ाई और एनडीए में अपनी अपनी दावेदारी के बीच ताजा अपडेट ये है कि चाचा पारस ने खुद को मोदी के परिवार से अलग कर लिया. पशुपति पारस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से मोदी के परिवार हटा लिया. कयास लगाया जा रहा है कि लगातार एनडीए से किनारे हुए पशुपति पारस ने खुद को एनडीए से दूर करने का मन बना लिया है. सवाल जब चिराग पासवान से हुआ तो चिराग खिलखिला उठे और उलटे सवाल करने लगे कि चाचा तो कब के एनडीए से विदा हो चुके हैं. ऐसे में चाचा पारस के एनडीए में रहने या दूर होने का सवाल अब बेमानी है.
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