बिहार के दरभंगा जिले में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. यहां एक लड़के को उसके परिवार वालो ने मरा हुआ मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं, कल्याण विभाग ने मृतक परिवार को चार लाख रुपये की सरकारी मदद भी दे दी. लेकिन इस बीच करीब 70 दिन बाद मृत घोषित हो चुका वो लड़का वापस लैट आया. जिससे आसपास के सभी लोग हैरान रह गए. बताया जा रहा है कि लड़के का अपहरण कर लिया गया था, लेकिन वह किसी तरह बचकर अपने घर लौट आया है. अब उसे अदालत में पेश किया गया है.
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लड़का हो गया था किडनैप
'आजतक' के प्रह्लाद कुमार की रिपोर्ट के अनुसार, दरभंगा के सिमरा गांव के रहने वाले एक नाबालिग लड़के को दो महीने पहले किडनैप (अपहरण) कर लिया गया था. इसके कुछ दिन बाद उसके परिवारवालों से कॉल के जरिए 45 हजार रुपये की डिमांड की गई. इस बीच परिवार ने 5 हजार रुपये दे दिए. लेकिन, जब लड़के के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो मामले की जानकारी पुलिस क दी गई.
युवक की पटरी पर मिला बॉडी
इस बीच 28 फरवरी को एक युवक की बॉडी रेलवे ट्रैक पर मिली. युवक बुरी तरह से घायल पड़ा था, ऐसी में उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बॉडी की पहचान के लिए परिवारवालों को बुलाया. जानकारी के अनुसार बॉडी की पहचान रात के अंधेरे में करवाई गई. इस दौरान डेड बॉडी का चेहरा भी काफी सूजा हुआ था. इसके बाद भी बॉडी परिवारवालों को सौंपकर अंत्येष्टि कर दी गई.
ऐसे हुआ था किडनैप
इसके बाद करीब 70 दिन बाद 'मरा हुआ' वो लड़का वापस लौटा तो सब चौंक गए. लड़के ने दरभंगा व्यवहार न्यायालय पहुंचकर अपने अपहरण के बारे में पूरी जानकारी दी. उसने बताया कि उस दिन वो दरभंगा के राज खेल मैदान में था. इस बीच कुछ लोग आए और उन्होंने उसका मुंह दबाकर किडनैप कर लिया. इसके बाद किडनैपर्स उसे नेपाल ले गए, यहां उसे एक घर में रखा गया. इस बीच कमरे का दरवाजा खुला था तो मौका देखकर वह भाग गया और स्थानीय लोगों की मदद से परिवार को फोन कर जानकारी दी.
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वीडियो कॉल से की पहचान
पहले तो परिवार को उसकी बात पर भरोसा नहीं हुआ. लेकिन, जब उसने वीडियो कॉल किया और खुद को दिखाया तब परिवार को यकीन हुआ. इसके बाद परिवार उसे लाने के लिए नेपाल पहुंचा. वापस आने के बाद परिवार ने वकील और स्थानीय पुलिस को घटना के बारे में बताया.
लड़के के वकील मुकेश कुमार ने बताया कि बॉडी की पहचान कराने के दौरान अंधेरा था और बॉडी के चेहरे पर सूजन थी, तो बॉडी को लेकर संदेह था. ऐसे में, परिवार ने DNA टेस्ट की मांग की थी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने जबरदस्ती बॉडी परिवार को दे दी.
वहीं,अब लड़के को उसके परिवार को सौंप दिया गया है. लड़के के लापता होने के दौरान भी काफी बवाल हुआ था. परिवारवालों ने बॉडी के साथ सड़क पर प्रदर्शन किया था. उस समय पुलिस के ऊपर भी हमला हुआ था.
सहायता राशि लौटने की पेशकश
दरभंगा के एसएसपी एसएसपी जगन्नाथ रेड्डी ने इस घटना के बाद संबंधित स्थानीय थाना के SHO को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया था. इसके साथ ही परिवार ने सरकार की तरफ से मिली चार लाख रुपये की सहायता भी लौटाने की पेशकश की है. बताया जा रहा है कि फिलहाल पुलिस इस मामले में युवक से पूछताछ कर रही है.
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