Giriraj Singh Yatra: गिरिराज सिंह पूरे टशन में बिहार में हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे हैं. हिंदुओं का कितना साथ गिरिराज सिंह को मिलेगा, यह देखने वाली बात होगी लेकिन उससे पहले बीजेपी ने गिरिराज सिंह की यात्रा से पल्ला झाड़ लिया है. बीजेपी ने साफ कर दिया है कि यह गिरिराज सिंह की व्यक्तिगत यात्रा है. इससे भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. चलिए आपको वह सात कारण बता देते हैं जिस वजह से बीजेपी ने गिरिराज की यात्रा से पल्ला झाड़ा है.
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1.दोनों हाथ में लड्डू रखना चाहती है बीजेपी ?
भाजपा जहां गिरिराज की यात्रा से फायदा तो उठाना चाहती है, वहीं यात्रा से जो राजनीतिक नुकसान होगा उससे बचना चाहती है. इसलिए भारतीय जनता पार्टी गिरिराज सिंह की यात्रा को उनकी व्यक्तिगत यात्रा बता रही है.
2. यात्रा की असफलता का बोझ नहीं उठाना चाहती बीजेपी?
गिरिराज सिंह की हिंदुत्व वाली यात्रा के असफल होने का भी डर बीजेपी को सता रहा है और बीजेपी बिहार में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती. इसलिए बीजेपी ने गिरिराज की यात्रा से पल्ला झाड़ लिया है.
3. बिहार में सॉफ्ट हिंदुत्व वाला रहा है बीजेपी का मॉडल
बिहार में भाजपा हमेशा हिंदुत्व के मुद्दे पर बैक फुट पर रहती है और नीतीश की पिछलग्गू बनकर बिहार में हिंदुओं के साथ भी और पिछड़ी जाति की बात भी करके सत्ता में बनी रहना चाहती है.
4. बिहार में क्षेत्रीय नेताओं को असहज नहीं करना चाहती BJP
बिहार में बीजेपी का अपना एक नेतृत्व मंडल है, जिसके बड़े नेता हैं सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, दिलीप जायसवाल. ऐसे में गिरिराज सिंह की यात्रा को फुल सपोर्ट करके बीजेपी इन बड़े नेताओं को नाराज नहीं करना चाहती. अगर यह बड़े नेता नाराज हुए तो बिहार बीजेपी में और असहज स्थिति हो जाएगी जिसका सीधा असर आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा.
5. नीतीश के नाराज होने का भी बीजेपी को सता रहा डर
नीतीश कुमार के सहयोग से केंद्र की मोदी सरकार सहज तरीके से चल रही है ऐसे में गिरिराज की हिंदुओं को एकजुट करने वाली इस सांप्रदायिक यात्रा को सपोर्ट करके बीजेपी नीतीश कुमार को नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहती. क्योंकि अगर नीतीश नाराज हुए तो बिहार में भी बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाएगी और केंद्र की मोदी सरकार भी हिल जाएगी.
6. चिराग मांझी कुशवाहा के नाराज होने का डर
इस यात्रा से एक ओर जहां नीतीश के नाराज होने का डर है, वहीं चिराग मांझी और कुशवाहा के भी नाराज होने की संभावना बीजेपी को सता रही है और बीजेपी इन नेताओं को भी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नाराज नहीं करना चाहती.
7. यात्रा से NDA के वोट बैंक पर पड़ेगा खराब असर
बता दें की गिरिराज की यात्रा से अगर हिंदू एकजुट हुए तो जहां बीजेपी का वोट बैंक मजबूत होगा. वहीं एनडीए के अन्य साथी जैसे नीतीश, चिराग, कुशवाहा और मांझी का वोट बैंक खराब हो सकता है. क्योंकि इन दलों के मूल वोटर जहां पिछड़े हैं वहीं ये दल महागठबंधन के मुस्लिम वोट बैंक को भी काटकर एनडीए की मदद करते हैं.
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