बिहार सरकार की नई पहल, ई-ग्राम कचहरी से निपटाए हजारों मामले

बिहार सरकार ने ग्रामीण जनता को त्वरित न्याय दिलाने और कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचाने के लिए ई-ग्राम कचहरी प्रणाली की शुरुआत की है. सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से न सिर्फ प्रदेश के गांवों में न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल एवं प्रभावी बना रही है.

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न्यूज तक

04 Apr 2025 (अपडेटेड: 04 Apr 2025, 03:40 PM)

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बिहार सरकार ने ग्रामीण जनता को त्वरित न्याय दिलाने और कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचाने के लिए ई-ग्राम कचहरी प्रणाली की शुरुआत की है. सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से न सिर्फ प्रदेश के गांवों में न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल एवं प्रभावी बना रही है. बल्कि, ई-गवर्नेंस के माध्यम से नागरिकों को सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने में एक मिसाल भी कायम कर रही है.

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अब तक 22 हजार 684 मामले दर्ज

राज्य में अब तक कुल 22 हजार 684 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ऑनलाइन मामलों के पंजीकरण की सुविधा के साथ बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां इस तरह की व्यवस्था लागू की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 अक्टूबर 2024 को इस अत्याधुनिक न्याय प्रणाली का शुभारंभ किया था, जो अब गांवों में प्रभावी रूप से कार्य कर रही है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के 38 जिलों में अब तक कुल 22 हजार 684 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इनमें दीवानी और फौजदारी दोनों प्रकार के मामले शामिल हैं. इनमें से 11 हजार 941 दीवानी और 10 हजार 743 फौजदारी मामले हैं. सरकार की तत्परता और सुधारवादी नीतियों के चलते अब तक 5 हजार 353 मामलों का सफल निपटारा किया जा चुका है.

पूर्वी चंपारण में न्यायिक प्रक्रिया सक्रिय

राज्य में दर्ज मामलों की संख्या के आधार पर पूर्वी चंपारण अग्रणी है. इस जिले की 396 ग्राम पंचायतों में कुल 1,427 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 497 दीवानी और 930 फौजदारी मामले शामिल हैं. न्याय वितरण प्रणाली की सक्रियता के कारण अब तक 157 दीवानी और 334 फौजदारी मामलों का सफल समाधान किया जा चुका है.

मुजफ्फरपुर और औरंगाबाद में सकारात्मक प्रगति

मुजफ्फरपुर जिले में 1,337 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 591 दीवानी और 746 फौजदारी मामले शामिल हैं. यहां पंचायत स्तर पर न्यायिक प्रक्रिया को और मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे मामलों के समाधान की गति और तेज होगी. वहीं, औरंगाबाद जिले में कुल 1,278 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 971 दीवानी और 307 फौजदारी मामलों का निपटारा किया गया है.

इन जिलों में मामलों की संख्या सबसे कम 

शेखपुरा, शिवहर और अरवल ऐसे जिले हैं, जहां मामलों की संख्या सबसे कम पायी गई. शेखपुरा में कुल 95, शिवहर में 111 और अरवल में 137 मामले दर्ज हुए हैं. यह प्रशासनिक कुशलता और सुशासन की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है.

ई-ग्राम कचहरी प्रणाली से न्याय प्रक्रिया में सुधार

राज्य में कुल दर्ज 22 हजार 684 मामलों में से 2,503 दीवानी और 2,850 फौजदारी मामलों का निपटारा किया गया है. ये आंकड़े बताते हैं कि सरकार के डिजिटल न्यायिक सुधारों और पंचायत स्तर पर प्रशासनिक प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

मंगलवार और शुक्रवार को ग्राम कचहरी आयोजित

बिहार सरकार की ओर से न्यायिक प्रक्रिया में अधिक तेजी लाने के लिए प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को ग्राम पंचायत में ग्राम कचहरी का आयोजन किया जाता है. साथ ही ग्राम कचहरी सचिव और न्याय मित्र की बहाली भी शुरू हो चुकी है. सरकार डिजिटल प्रणाली के व्यापक उपयोग, पंचायत स्तर पर न्यायिक तंत्र को मजबूत करने और विवाद निपटान प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. 
     
इन सुधारों से आम जनता को त्वरित और पारदर्शी न्याय मिलने में आसानी होगी और राज्य में सुशासन की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया जा सकेगा. बिहार सरकार की यह पहल ग्रामीण स्तर पर न्याय को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रही है.

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