बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सभी के निशाने पर नीतीश कुमार की शराबबंदी, PK, मुकेश सहनी ने खोला मोर्चा

सुकन्या सिंह

26 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 26 2024 10:22 AM)

Liquor Ban in Bihar: 2016 में बिहार में शराब बंदी कानून को लागू करते वक्त नीतीश कुमार को RJD और कांग्रेस का पूरा साथ मिला था. उस वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी और शराबबंदी लागू करने के बाद कांग्रेस RJD और JDU के नेता हाथ में हाथ डाले शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाते नजर आए थे.

nitish kumar

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Liquor Ban in Bihar: बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है और ऐसे में नीतीश की शराबबंदी एक ऐसा मुद्दा है जिसके खिलाफ JDU को छोड़कर सभी दल एक मत नजर आ रहे हैं. प्रशांत किशोर से लेकर मुकेश सहनी तक सभी शराबबंदी को लेकर CM नीतीश कुमार पर हमलावर है. आपको बता दें कि, साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने वादा किया था कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो वह बिहार में शराबबंदी कर देंगे. अपने वादे पर खरे उतरते हुए उन्होंने बिहार में शराब बंदी कर दी. हालांकि वो इसे लागू कराने में नाकाम साबित हुए है. प्रदेश में गैर कानूनी तरीके से खुलेआम शराब की होम डिलीवरी हो रही है. विपक्षी पार्टियां इसे लेकर उन पर निशाना साध रही है. 

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1 घंटे में उखाड़ कर फेंक देंगे नीतीश की शराबबंदी: प्रशांत किशोर 

इससे पहले प्रशांत किशोर ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि अगर जनसुरज की सरकार बनी तो वह 1 घंटे के अंदर नीतीश कुमार की शराबबंदी को उखाड़ कर फेंक देंगे. साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी दावा कर दिया था कि शराब बंदी हटाने के बाद जो सरकार को राजस्व मिलेगा उस पैसे से वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चकाचक कर देंगे.

शराबबंदी हटा देंगे मुकेश सहनी? 

शराबबंदी के मुद्दे पर वीआईपी और महा गठबंधन की तरफ से मुकेश सहनी का बड़ा बयान सामने आया है. बुधवार को मुकेश सहनी ने साफ कर दिया कि, अगर महा गठबंधन की सरकार बनी तो नीतीश की विफल शराबबंदी बिहार की जनता को विश्वास में लेकर  हटा दी जाएगी.

शराबबंदी पर NDA में अलग-थलग पड़े नीतीश कुमार! 

अगर हम सत्ता पक्ष की बात करें तो नीतीश की शराब बंदी वाले कानून पर तीर चलाने का कोई मौका उनके ही सहयोगी जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा नहीं छोड़ते हैं. वही बीजेपी की हम बात करें तो पार्टी के नेता जब नीतीश के साथ होते है तो दबी जुबान में और जब अलग होती है तो खुलेआम बिहार की शराबबंदी के खिलाफ मोर्चा खोल देते है. बीजेपी जैसी ही स्थिति लालू यादव की पार्टी RJD की भी है. नीतीश अगर साथ हो तो RJD को शराबबंदी पसंद आती है और अगर नीतीश NDA के साथ हो तो RJD शराबबंदी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2016 में बिहार में शराब बंदी कानून को लागू करते वक्त नीतीश कुमार को RJD और कांग्रेस का पूरा साथ मिला था. उस वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी और शराबबंदी लागू करने के बाद कांग्रेस RJD और JDU के नेता हाथ में हाथ डाले शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाते नजर आए थे.

क्या बिहार में शराबबंदी कानून को लागू नहीं करवा पाए नीतीश कुमार? 

2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने वादा किया था कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो वह बिहार में शराबबंदी कर देंगे. अपने वादे पर खरे उतरते हुए नीतीश कुमार बिहार में शराब बंदी तो कर देते हैं लेकिन नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को बिहार में इंप्लीमेंट करवाने में नाकाम नजर आते हैं. बिहार में गैर कानूनी तरीके से शराब की होम डिलीवरी हो रही है. पैसा फेक तमाशा देख वाले अंदाज में दोगुनी तीन गुने कीमत पर बिहार में शराब बिकता है. प्रदेश में शराब की अवैध सप्लाई चैन खूब फल फूल रहा है. अब 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की शराबबंदी नीतीश कुमार की पार्टी JDU के अलावा सभी दलों के निशाने पर है. देखने वाली बात होगी की बिहार में शराबबंदी कानून का अंजाम निकट भविष्य में क्या होता है?

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