Bihar Politics: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर बिहार की राजनीति पर भी पड़ने वाला है. 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मोदी मैजिक अभी भी मजबूत है. बीजेपी के लिए यह जीत उत्साह बढ़ा देने वाली है. इसका असर बिहार में एनडीए गठबंधन की राजनीति पर भी पड़ेगा.
ADVERTISEMENT
बढ़ेगा बीजेपी का कॉन्फिडेंस
बीजेपी की जीत से एनडीए के भीतर जेडीयू और चिराग पासवान की दादागिरी कम हो सकती है. लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. उनका स्ट्राइक रेट जेडीयू और चिराग पासवान के मुकाबले कमजोर रहा. तब से बिहार में नीतीश कुमार और चिराग ने बीजेपी पर दबाव बनाए रखा. नीतीश कुमार के बीजेपी से दूरी बनाने और चिराग पासवान के कड़े फैसलों ने कई बार बीजेपी को संकट में डाला. लेकिन हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के नतीजों ने इस समीकरण को बदल दिया है. इन राज्यों में बीजेपी की कामयाबी से नीतीश और चिराग को अपनी स्थिति का आकलन करने की जरूरत पड़ेगी.
2025 बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर असर
लोकसभा चुनाव के बाद जेडीयू और चिराग पासवान सीट शेयरिंग में बड़ा हिस्सा मांगने की योजना बना रहे थे. जेडीयू खुद को एनडीए में "बड़ा भाई" के रूप में प्रस्तुत कर रही थी. चिराग भी ज्यादा सीटों की मांग कर रहे थे. लेकिन हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के नतीजों के बाद, बीजेपी अब बिहार में सीट शेयरिंग पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर सकती है. बीजेपी अब गठबंधन में खुद को बड़े हिस्से के लिए तैयार करेगी, जो जेडीयू और चिराग के लिए चुनौती बन सकता है.
बिहार में BJP को मिला बूस्टर डोज
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के नतीजों ने बीजेपी को बिहार में एक मजबूत बूस्टर डोज दिया है. इन नतीजों से यह साफ हो गया है कि मोदी मैजिक अभी भी असरदार है और बीजेपी किसी से पीछे नहीं है. हरियाणा में जहां बीजेपी आराम से सरकार बनाने जा रही है, वहीं जम्मू-कश्मीर के हिंदू बहुल इलाकों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. यह नतीजे बीजेपी के लिए 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नई एनर्जी और आत्मविश्वास लेकर आए हैं.
ADVERTISEMENT