Investment Tips: भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट कर कटौती कर दी है. इसका असर ये हुआ कि EMI भले ही सस्ती हो गई पर निवेश पर मिलने वाला रिटर्न अब कम होने लगा है. बैंकों ने FD (fixed deposit) पर ब्याज दर कम कर दिया है. ऐसे में अब FD पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाएगा. देश में ऐसे कई बुजुर्ग और घरेलू महिलाएं हैं जो एकमुश्त राशि निवेश कर मंथली या तिमाही ब्याज से अपना घर और दूसरे खर्च चलाती हैं.
ADVERTISEMENT
बढ़ती महंगाई के बीच उनकी आमदनी कम होने से अब वे क्या करें? अपना पैसा कहां लगाएं जिससे उन्हें अच्छा ब्याज मिले और मंथली इनकम घटने की बजाय बढ़ जाए. Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको FD के अलावा दूसरे बेहतर ऑप्शन बताने जा रहे हैं जिसमें आज के वक्त पैसे लगाकर शानादार मंथली तिमाही रिटर्न लिया जा सकता है. इसके साथ ही निवेशक का मूलधन भी सेफ रहेगा.
बैंकों ने FD घटाए ब्याज दर
कई बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर घटा दिए हैं. बैंक ऑफ इंडिया 400 दिनों वाली FD पर 7.3 फीसदी ब्याज दे रहा था. अब उसने ये स्कीम 15 अप्रैल यानी आज से बंद ही कर दी है. इसके अलावा बैंकों ने सेविंग अकाउंट पर भी मिलने वाले ब्याज दर में कटौती की है.
कहां जाएं निवेशक?
यदि निवेशक सीनियर सिटीजन हैं तो वे SCSS में निवेश कर सकते हैं. इसमें फिलहाल 8.2 फीसदी ब्याज दर मिल रहा है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की मंथली स्कीम POMIS में भी निवेश कर सकते हैं. इसमें फिलहाल 7.4 फीसदी का वार्षिक ब्याज मिल रहा है.
Personal Finance : पैसे डबल करने हैं तो पोस्ट ऑफिस की KVP स्कीम है गजब की, जानें इसकी पूरी डिटेल
राधेश्याम की उम्र 62 साल है. बुजुर्ग होने और बच्चों के दूसरे शहरों में नौकरी करने के कारण वे खेती नहीं करा पा रहे थे. ऐसे में उन्होंने खेती की कुछ जमीन बेच दी ताकि उन पैसों को बैंक में निवेश पर मंथली या तिमही ब्याज ले सकें. इस रिटर्न का इस्तेमाल वे अपने रोजाना के खर्च और मेडिकल वगैरह पर कर सकें. इन्होंने कुल 40 लाख रुपए FD में 5 साल के लिए निवेश किए थे. इसपर इन्हें अब तक मंथली 24,000 रुपए के करीब मिल रहे थे. इससे इनका मंथली खर्च आसानी से चल जा रहा था. वहीं अब FD पर ब्याज दर कम होने से ये मंथली इनकम कम हो जाएगा. ऐसे में राधेश्याम SCSS या POMIS में पैसे लगाकर मंथली इनकम कर सकते हैं.
FD VS POMIS Vs SCSS
विशेषता | SCSS (Senior Citizen Saving Scheme) | FD (Fixed Deposit) | POMIS (Post Office Monthly Income Scheme) |
निवेश राशि | ₹30 लाख (अधिकतम पति-पत्नी का ज्वाइंट खाता) | ₹30 लाख | ₹15 लाख (पति-पत्नी-बच्चे के नाम संयुक्त) अधिकतम |
ब्याज दर (2025) | 8.2% प्रति वर्ष | 7.3% प्रति वर्ष | 7.4% प्रति वर्ष |
अवधि | 5 साल | 5 साल | 5 साल |
मासिक इनकम | ₹20,500 लगभग | ₹18000 लगभग (ये अब कम हो जाएगा) | ₹9250 लगभग |
ब्याज भुगतान | तिमाही (3 महीने में एक बार) | मासिक (अगर मासिक विकल्प चुना हो) | मासिक |
मैच्योरिटी पर | ₹30 लाख + बचा हुआ ब्याज | ₹30 लाख | ₹15 लाख |
टैक्स लाभ | ₹1.5 लाख तक 80C में टैक्स छूट | कुछ मामलों में 80C (Tax Saver FD) | नहीं मिलता |
ब्याज पर टैक्स | टैक्सेबल (TDS कटता है) | टैक्सेबल (TDS लागू) | टैक्सेबल |
जोखिम | सरकारी गारंटी | बैंक पर निर्भर (डीआईसीजीसी ₹5 लाख तक) | सरकारी गारंटी |
पात्रता | 60 वर्ष या उससे अधिक आयु | सभी नागरिक | सभी नागरिक (18+), जॉइंट भी हो सकता है. |
यह भी पढ़ें:
FD Vs NSC : शानदार और सेफ रिटर्न चाहिए तो NSC में लगा सकते हैं पैसे, FD से ज्यादा मिलता है ब्याज
ADVERTISEMENT