यूनियन बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी बड़ा ऐलान हुआ है. अक्सर एकमुश्त पैसों को एफडी या अन्य किसी प्लान में लगाकर मंथली ब्याज पाने वाले बुजुर्गों को टीडीएस के रूप में अपने ब्याज का 10 फीसदी देना पड़ता था. अब केंद्र सरकार ने बुजुर्गों को बड़ा तोहफा देते हुए ऐसे आय की लिमिट 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख कर दी है. यानी एफडी या अन्य किसी योजना के जरिए आ रहा ब्याज सालाना 1 लाख रुपए से ज्यादा होगा तो उसपर 10 फीसदी टीडीएस कटेगा.
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इसके अलावा वित्तमंत्री निर्मलासीतारमण ने बुजुर्गों को अपडेटेड रिटर्न भरने की सीमा बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है. इससे पहले ये सीमा दो साल थी. इसके अलावा किराए पर टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपए किया गया है. पहले ये सीमा 2.4 लाख रुपए थी. अब 6 लाख रुपए से ऊपर के किराए पर किराया देने वाला 10 फीसदी यानी 60 हजार रुपए काटकर केंद्र सरकार के खाते में जमा करेगा.
ऐसे समझें टीडीएस को
मान लीजिए रमेश ने किराए पर दुकान ली है. प्रॉपर्टी मालिक जॉर्ज उनसे 51 हजार रुपए मंथली किराया लेते हैं. ऐसे में वे सालाना 6 लाख 12 हजार रुपए ले रहे हैं. बजट के नए प्रस्ताव के मुताबिक अब 6 लाख तक से ज्यादा की ऐसी आमद पर टीडीएस देना होगा. यानी रमेश 6 लाख 12 का 10 फीसदी टीडीएस काटकर केंद्र सरकार के खाते में जमा कर देंगे और बाकी रकम वे जॉर्ज के अकाउंट में किराए के रूप में डाल देंगे. पहले ये टीडीएस 2.40 लाख से ज्यादा की रकम पर ही था.
गौरतलब है कि वित्तमंत्री ने इनकम न्यू रिजीम में इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाकर और 12 लाख 75 हजार तक की सैलरी वालों को इनकम टैक्स में छूट का लाभ देकर वाहवाही लूट ही है. माजा जा रहा है कि ये बजट मध्यवर्गीय तबके पर फोकस है.
60 साल से कम उम्र है तो कितना कटता है TDS?
सवाल ये है कि 60 साल से कम उम्र है तो ऐसे ब्याज से आय पर टीडीएस कितना कटता है? यदि ऐसे निवेश से आय 40,000 रुपए सालाना से ज्यादा है तो 10 फीसदी TDS बैंक काट लेता है. यदि बैंक में पैन अपडेट नहीं है तो ये राशि 20 फीसदी कटती है. यदि आपको टीडीएस बचाना है तो सबसे पहले एक ही बैंक में एकमुश्त राशि न निवेश करें. यदि एक ही बैंक में एक मुश्त राशि निवेश होगी और सालाना रिटर्न 40,000 या इससे ज्यादा होगा तो बैंक टीडीएस काटकर सरकार के खाते में जमा कर देगा. तो अब क्या करें?
- एक मुश्त राशि का निवेश अलग-अलग बैंकों में करें.
- इससे अचानक तोड़ने पर पूरी राशि नहीं टूटती है और पूरी राशि पर फाइन भी नहीं लगता है.
- यदि आपकी पूरी आय टैक्सेबल नहीं है यानी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आता है तो बैंक फॉर्म भरकर दें.
- ये फॉर्म फॉर्म 15G (60 वर्ष से कम उम्र के लिए) है.
- फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) है.
- टैक्स कट भी गया है तो ITR भरकर टैक्स रिफंड ले सकते हैं.
- कोशिश करिए कि ऐसी योजनाओं में निवेश करिए जिसमें TDS नहीं कटता हो जैसे किसान विकास पत्र.
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