आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है, तो लोग बैंक या रिश्तेदारों से मदद मांगने के बजाय क्विक लोन ऐप्स की तरफ भागते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि बैंक से लोन लेने पर वो दस्तावेजों और नियमों में फंसाकर देर कर देंगे या लोन देने से मना कर देंगे. वहीं रिश्तेदारों से मांगने में शर्म-संकोच आड़े आती है. मसलन लोग ऐसे एप्स पर भरोसा कर लेते हैं जो मिनटों में लोन देने का वादा करते हैं.
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पर क्या आपको पता है कि इनके जाल में फंसने के बाद कई बर्बाद हो चुके हैं. इनके वादे और दावे सुनने में तो बहुत आसान लगते हैं, पर इनके चक्कर में फंसने के बाद असली चेहरा सामने आता है. Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको ऐसे एप्स और इनके वादे के साथ हकीकत के बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या हैं ये क्विक लोन ऐप्स
बैंकिंग मामलों के जानकार अश्विनी राणा बताते हैं कि ये फर्जी लोन ऐप्स पहले तो आसान कर्ज़ का झांसा देते हैं, फिर मनमानी शर्तों के साथ ब्याज दर वसूलते हैं. कई मामलों में ₹10,000 के लोन के बदले लोगों को ₹20,000 तक चुकाना पड़ा है.
लोन वसूली के लिए देते हैं ये धमकी
इन ऐप्स की सबसे खतरनाक बात यह है कि ये आपके मोबाइल की निजी जानकारी मांगते हैं- जैसे कॉन्टैक्ट लिस्ट, गैलरी, मैसेज, बैंक डिटेल्स आदि. अगर आप समय पर भुगतान नहीं कर पाए, तो ये लोग आपको और आपके जानने वालों को कॉल करके बदनाम करने की धमकी देने लगते हैं.
सरकार भी सतर्क, फिर भी रोज़ बनते हैं नए ऐप्स
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार, सितंबर 2022 से अगस्त 2023 के बीच गूगल ने 2,200 से ज्यादा फर्जी लोन ऐप्स को हटाया, लेकिन हर दिन नए नाम से ये ऐप्स फिर से प्ले स्टोर पर आ जाते हैं.
ऐसे पहचाने फर्जी लोन ऐप्स को
1. RBI अप्रूवल नहीं होता
- ऐप RBI या NBFC (Non-Banking Financial Company) द्वारा रजिस्टर्ड नहीं होता.
- वेबसाइट या ऐप पर कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं दिया होता.
2. जरूरत से ज्यादा परमिशन मांगते हैं
- ऐप फोन के कॉन्टैक्ट, कैमरा, मैसेज, लोकेशन, गैलरी तक पहुंच मांगता है.
- असली लोन ऐप्स इतनी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते.
3. बहुत ज्यादा ब्याज और छिपे चार्ज
- 7 दिन या 14 दिन की बेहद छोटी अवधि के लोन देने का वादा करते हैं.
- 50% से ज्यादा ब्याज, प्रोसेसिंग फीस के नाम पर मोटी रकम काट ली जाती है.
4. कंपनी की जानकारी गायब या फर्जी
- वेबसाइट या ऐप पर न तो कंपनी का ऑफिस एड्रेस होता है, न ही कस्टमर केयर नंबर.
- दिए गए नंबर काम नहीं करते या हमेशा बिजी रहते हैं.
5. धमकी और बदनामी का डर
- लोन समय पर न चुकाने पर फोन करके डराते हैं.
- आपके कॉन्टैक्ट्स को फोन करके आपको बदनाम करने की धमकी देते हैं.
6. सोशल मीडिया और WhatsApp के जरिए लिंक भेजते हैं
- कोई ऐप अगर WhatsApp या फेसबुक मैसेज के जरिए लोन ऑफर करे, तो वह ज़रूर फर्जी हैं.
सेफ रहने के तरीके
- Google Play Store पर ऐप रेटिंग, रिव्यू और डाउनलोड जरूर चेक करें.
- सिर्फ RBI अप्रूव्ड बैंक या NBFC से लोन लें.
- Sachet Portal (https://sachet.rbi.org.in/) पर जाकर किसी कंपनी की वैधता चेक करें.
- शक हो तो cybercrime.gov.in पर शिकायत करें.
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