नौकरी वाला हो या बिजनेस वाला, हर कोई चाहता है कि उसका एक सपनों का घर हो. 36 साल के विक्टर भी यही चाहते हैं. विक्टर मेट्रो सिटी में रहते हैं और एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. उनका डर ये है कि घर के चक्कर में कहीं EMI का दबाव, जॉब इनसिक्योरिटी के बीच ऐसा रिस्क वो कैसे लें? घर कितना महंगा लें कि ईएमआई देने के बाद भी उनका मंथली खर्च और दूसरे काम प्रभावित न हों.
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विक्टर यदि प्रॉपर कैलकुलेशन करने के बाद घर खरीदने से पहले अपना सिबिल स्कोर, इमर्जेंसी फंड वगैरह की तैयारी कर लें तो उन्हें मुश्किल नहीं होगी. वे सपनों का घर खरीद पाएंगे और बिना टेंशन के उसमें मौज से रह पाएंगे. उनके लिए ये एक प्रॉपर्टी निवेश भी होगा. उन्हें मंथली रेंट देने से छुटकारा मिलेगा. जो रेंट वो देते थे उससे थोड़ा बढ़कर EMI दे देंगे.
सैलरी को ऐसे परखें
घर लेने से पहले कितना महंगा घर लें? इस सवाल का जवाब जानने के लिए अपनी सालाना सैलरी का 4 या 5 गुना करें. विक्टर की वार्षिक आय 9.60 लाख है. ऐसे में वे 38 लाख से 48 लाख तक का घर खरीद सकते हैं. इसके लिए उन्हें डाऊन पेमेंट और इमर्जेंसी फंड की भी व्यवस्था पहले से कर लेना चाहिए.
सिबिल स्कोर
लोन लेने के लिए आपका सिबिल अच्छा होना चाहिए जिससे कम से कम ब्याज पर आपको होम लोन मिल सके. सिबिल स्कोर चेक करने के बाद बैंकों से संपर्क करें और कोशिश करें कि कम से कम ब्याज दर पर लोन मिल सके. प्रॉपर्टी अच्छी होगी तो कम ब्याज दर पर बड़े बैंक भी लोन देने को राजी हो जाएंगे.
यदि घर खरीद रहे हैं या जमीन लेकर बनवा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उस लोकेशन के आसपास स्कूल, अस्पताल और बाजार हो. सड़क की कनेक्टिविटी अच्छी हो.
इमर्जेंसी फंड क्यों जरूरी
विक्टर निजी कंपनी में काम करते हैं. उनके मन में एक बात खटकती रहती है और वो है जॉब इनसिक्योरिटी. ऐसे में विक्टर को इमर्जेंसी फंड का इंतजाम कर लेना चाहिए. इसके लिए उन्हें अपने ईएमआई की कम से कम 3-6 महीने की व्यवस्था कर लेनी चाहिए. विक्टर की सैलरी 80,000 रुपए मंथली है. ऐसे में इन्हें ऐसा बजट बनाना चाहिए.
EMI कैलकुलेशन
ईएमआई मंथली टेक होम सैलरी का 35-40 फीसदी रखें. इससे ज्यादा रखने पर मंथली बजट बिगड़ जाएगा. सबसे पहले EMI को कैलकुलेट करेंगे. विक्टर के पास 20 लाख रुपए डॉऊन पेमेंट के लिए हैं. ऐसे में उन्हें 15 साल के लिए 28 लाख रुपए के लिए लोन लेना होगा. हम हम लोन कैलकुलेटर पर देखेंगे तो इस पैसे के लिए विक्टर को हर महीने 26,600 की EMI देनी होगी. ये अमाउंट 35 फीसदी से भी कम है.
इस अमाउंट के आधार पर कम से कम 6 महीने का इमर्जेंसी फंड घर के नाम पर होना चाहिए. यानी 1 लाख 60 हजार रुपए कम से कम एफडी या आरडी करके रखना होगा ताकि नौकरी जाने या किसी आपातकालीन स्थिति में भी EMI चुका सकें. इसे एक साल के लिए यानी 3 लाख 20 हजार कर दें और और बेहतर रहेगा.
विक्टर का मंथली बजट कैलकुलेशन
- EMI: 26,600₹ (33.25%)
- जरूरी खर्च : 30,000 ₹
- बिजली, पानी और गैस: ₹3,000
- यातायात/ईंधन: ₹3,000
- इंटरनेट और मोबाइल: ₹2,000
- स्वास्थ्य/बीमा/मनोरंजन: ₹7,000
- बचत और फ्लेक्सिबिलिटी : ₹5,400
- इमर्जेंसी फंड घर के लिए: 8000₹
नोट: घर खरीदने से पहले ही यदि विक्टर इमर्जेंसी फंड तैयार करना शुरू कर दें तो घर खरीदने के बाद मंथली 8 हजार रुपए वे दूसरे निवेश में लगा सकते हैं. फिलहाल विक्टर अपने मंथली जरूरी खर्च में से कटौती कर हर माह 7-8 हजार रुपए का लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट का सकते हैं.
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