बैंक ग्राहकों की जेब कैसे कर रहा खाली, AAP सांसद राघव चड्‌ढा ने बताया डेटा जो उड़ा देंगे होश!

Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा ने बैंकिंग बिल 2024 पर बोलते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग व्यवस्था से लोगों का विश्वास कमजोर रहो रहा है. 

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राघव चड्‌ढा की फाइल फोटो: इंडिया टुडे.

बृजेश उपाध्याय

27 Mar 2025 (अपडेटेड: 27 Mar 2025, 02:30 PM)

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सर्व साधारण आदमी को बैंकों पर खूब भरोसा होता है. वे अपना धन बैंकों में जमा कर चैन की सांस लेते हैं. कर्ज लेना तो बैंक के दरवाजे खटखटाते हैं. उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद होती है कि जमा पैसे को बैंक बढ़ाता है और सुरक्षित रखने के साथ उसमें बढ़ोत्तरी करके देता है. हालांकि बैंकों के हिडेन चार्जेज कब आम लोगों की जेब काट लेता है ये पता ही नहीं चलता है. इसपर न्यूज तक के खास सीरीज पर्सनल फाइनेंस में हमने विस्तार से बताया था. अब ये मामला संसद में भी गूंजा है. 

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्‌ढा ने बैंकिंग बिल 2024 पर बोलते हुए कहा- बैंक ईंट या सीमेंट से बनी किसी इमारत का नाम नहीं है. बैंक स्टील या एल्युमिनियम से बने एटीएम का नाम नहीं है. न ही एक काउंटर से दूसरे काउंटर पर दौड़ रहे बैंक ग्राहकों का नाम है. बैंक नाम है विश्वास का, न्याय का, अधिकार का और समानता का. पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग व्यवस्था से लोगों का विश्वास कमजोर रहो रहा है. 

हिडेन चार्ज और फीस पर डेटा चौंकाने वाले तथ्य 

राघव चड्‌ढा ने कहा- एक समस्या बैंकों के हिडेन चार्ज और फीस है. मैं चाहूंगा कि ये नाना प्रकार के चार्ज जो आज मैं सदन में लाया हूं ये माननीय वित्त मंत्री जी तक पहुंचे ताकि देश के आम आदमी की जेब जो बैंकिंग सिस्टम काट रहा है उसे पता लगे. 

मिनिमम बैलेंस पेनल्टी- बैंक ने वसूले 3500 करोड़ रुपए

यदि आप न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं तो 100 रुपए से 600 रुपए प्रतिमाह बैंक आपके अकाउंट से काट लेता है. इस चार्ज को लगाने के बाद बैंकों ने वित्तीय वर्ष 20222-23 में 3500 करोड़ रुपए लोगों से वसूले हैं.

एक्स्ट्रा ATM यूज 

आपको एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए दो से तीन मोहलत मिलती है. अगर आप चौथा या पांचवा ट्रांजेक्शन कर ले तो हर प्रति ट्रांजेक्शन पर बीस रुपए एटीएम चार्ज आपको देना पड़ता है. 

इनएक्टिविटी फीस 

इनएक्टिविटी फीस 100 से 200 रुपए सालाना बैंक वसूलता है. यानी कि अगर अकाउंट का बहुत ज्यादा यूज नहीं करते हैं तो बैंक इन एक्टिविटी के नाम पर भी चार्ज लगा देता है. यहां क्लिक करके पढ़ें इसकी पूरी डिटेल

बैंक स्टेटमेंट फीस 

यदि आप बैंक स्टेटमेंट मंगवाते हैं तो बैंक स्टेटमेंट चार्ज के नाम पर आपसे 50-100 रुपए लेता है. 

SMS अलर्ट फीस 

फिर आप कहते हैं हमें एसएमएस अलर्ट के माध्यम से मेरे बैंक के खाते में क्या आ रहा है उसकी जानकारी मिले. तो एसएमएस अलर्ट चार्ज के नाम पर भी प्रति क्वार्टर बीस से पच्चीस रुपये आपसे लिया जाता है. 

ऑनलाइन पेमेंट पर भी चार्ज 

ऑनलाइन पेमेंट करेंगे, एनईएफटी की तो ट्रांजेक्शन फीस भी ली जाती है. 

पहले लोन देते हैं फिर प्रोसेसिंग फीस भी वसूलते हैं 

जबरदस्ती आपको पहले लोन बेचते हैं और फिर उसके बाद लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1 से 3 फीसदी तक लोन अमाउंट काट लेते हैं. 

प्री क्लोजर चार्जेस 

जब आपकी किस्मत ठीक चल रही हो और आप समय से पहले अपना लोन का भुगतान करने बैंक पहुंच जाएं तो लोन प्री क्लोजर चार्जेस अर्ली पेमेंट पेनल्टी के नाम पर भी बैंक आपसे पैसा वसूलता है. यहा क्लिक करके पढ़ें...कैसे कटता है प्री क्लोजर चार्ज...जानें पूरी डिटेल

सिग्नेचर और नॉमिनी डिटेल बदले पर भी वसूली 

साधारण सा सिग्नेचर बदलवाना हो, नॉमिनी की डिटेल्स बदलवानी हो उस चेंज पर भी 200 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन के नाम पर बैंक आपसे पैसा वसूलता है.

डिमांड ड्रॉफ्ट पर भी वसूली 

डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर बनाने जाए तो तो 100-200 रुपए प्रति डिमांड ड्राफ्ट आपसे पैसा वसूलता ही वसूलता है. 

राघव चड्‌ढा ने कहा- 'यानी कि कस्टमर्स की जेब काटी जा रही है और कस्टमर्स को पता भी नहीं लगता कि कितना पैसा बैंक इन नाना प्रकार के चार्ज के चलते आम आदमी से वसूल रहा है.' 

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