शेयर बाजार (Stock market) में भारी-उथल-पुथल के बीच निवेशक घबराए हुए हैं. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा. पिछले दिनों शेयर बाजार में बड़ा डिप आने के बाद बाजार ने जैसे ही वापसी की, ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद फिर स्टॉक मार्केट को बड़ा झटका लग गया. बाजार क्रैश हो गया. निवेशक की दिन की धड़कनें बढ़ गईं. उन्हें लगा कि अब सुधार हो रहा है तभी इस बड़े झटके ने एक बार फिर उनका मनोबल तोड़कर रख दिया है. इधर बुधवार को RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कमी कर उसे 6 फीसदी कर दिया है. 2025-26 के लिए GDP (Gross domestic product ) का अनुमान भी घट गया है. दुनिया में हो रहे बदलावों पर RBI ने चिंता जाहिर की है.
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हालांकि मंगलवार को शेयर बाजार ने जबरदस्त वापसी की थी. सेंसेक्स 74 हजार तो निफ्टी 22,500 के पार पहुंच गया. फिर भी एक डर निवेशकों के मन से निकलने का नाम नहीं ले रहा है कि शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल के बीच क्या करें. अपना पैसा निकल लें या और निवेश करें? पैसे निकालकर कहां लगाएं? Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको एक्सपर्ट्स के हवाले से बता रहे हैं कि अब क्या करना चाहिए?
1- घबराने की बजाय धैर्य से लें निर्णय
स्टॉककार्ट के सीईओ प्रणय अग्रवाल ने इंडिया टुडे को बताया कि निवेशकों को सांस लेने और भावनात्मक निर्णय लेने से बचने की जरूरत है. "ब्लैक मंडे ने भारतीय बाजारों को हिलाकर रख दिया, लेकिन निवेशकों और व्यापारियों को शांत रहना चाहिए. निवेशकों को घबराहट में बिक्री से बचना चाहिए. मिराए एसेट कैपिटल मार्केट्स के निदेशक मनीष जैन ने भी धैर्य रखने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने सतर्कता से निवेश करने के लिए कहा. फॉर्च्यून में छपे एक लेख के मुताबिक 'बाय एंड होल्ड रणनीति' का राजा वैनगार्ड ने अपने ग्राहकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें बाजार के अनिश्चित समय में अपने फइनेंशियल प्लानिंग विचलित नहीं होने और धैर्य रखने की अपील की.
2. पोर्टफोलियो का पुनर्मूल्यांकन करें और रिव्यू करें
प्रणय अग्रवाल का कहना है कि निवेश की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि आपके पोर्टफोलियो में विविधता हो. अलग-अलग क्षेत्रों और एसेट्स में निवेश करने से जोखिम कम होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार जब आप शांत हो जाएं, तो अपने पूरे पोर्टफोलियो का जायजा लें. फॉर्च्यून को दिए इंटरव्यू में बैंकरेट के वित्तीय योजनाकार और फइनेंशियल एक्सपर्ट स्टीफन केट्स कहते हैं कि पैसे को कभी भी कम अवधि में वापस लेने से बचना चाहिए. निवेशकों को याद रखना चाहिए कि पिछले 15 वर्षों में धैर्य ने कितना फायदा दिया है.
3- SIP को जारी रखें
प्रणय अग्रवाल कहते हैं कि अपनी SIP को जारी रखिए. छूट वाली कीमतों पर गुणवत्ता वाले शेयर खरीदने पर विचार करना चाहिए. एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि यह समय म्यूचुअल फंड SIP को जारी रखने का ये समय काफी अच्छा है. SIP आपको बाजार की अस्थिरता को लंबी अवधि में साधने में मदद करता है. यूं कहें तो ऐसे समय में SIP में किया गया निवेश लॉन्ग टर्म फायदे का सौदा हो सकता है.
4. "डिप परचेज" पर करें विचार
यदि आपके पास और पैसा है और आप जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो बाजार की गिरावट को "डिस्काउंट पर खरीदारी" के रूप में देख सकते हैं. हालांकि, इसके लिए उन शेयरों को खरीदें जिनका लंबे समय से रिटर्न अच्छा रहा हो और उनकी लॉन्ग टर्म विजन मजबूत हो. आप वो शेयर खरीद सकते हैं जिन्हें आप महंगे होने के चलते खरीद नहीं पा रहे थे. वहीं बाजार डिप होने पर वे आपको सस्ते में मिल रहे हैं. ये शेयर बाजार उठने पर आपको बंपर रिटर्न दे सकते हैं.
5. बॉन्ड और स्थिर क्षेत्रों पर ध्यान दें
मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) जैसे एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि अस्थिरता के समय स्थिर क्षेत्रों जैसे यूटिलिटी, टेलीकम्यूनिकेशन, और कंज्यूमर गुड्स में निवेश करना बेहतर होता है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के डॉ. वीके विजयकुमार का कहना है कि फाइनेंस, एविएशन, होटल, चुनिंदा ऑटो, सीमेंट, डिफेंस और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ी कंपनियां मौजूदा आर्थिक संकट से अपेक्षाकृत प्रभावित नहीं रहती हैं. इनका सुझाव है कि इसमें निवेश करना कुछ हद तक बेहतर रहेगा.
6- कैश रिजर्व बनाए रखें
विशेषज्ञों का मानना है कि इमर्जेंसी फंड को कवर करने के लिए 6 से 9 महीने की बचत रखें. यह आपको बाजार की अस्थिरता के समय रणनीतिक निर्णय लेने में मदद करता है.
7. बॉन्ड और गोल्ड में निवेश करें
सरकारी बॉन्ड और गोल्ड जैसे सुरक्षित विकल्पों में निवेश करें. ये एसेट्स बाजार की अस्थिरता के दौरान सुरक्षित मानी जाती हैं और अक्सर उनकी कीमत बढ़ती है.
8. स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग करें
स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करें ताकि आपके निवेश किसी निश्चित मूल्य पर स्वचालित रूप से बिक जाएं. यह अतिरिक्त नुकसान को रोकने में मदद करता है.
तो क्या बाजार से पैसे निकालने चाहिए?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि बाजार से पूरी तरह बाहर निकलना सही नहीं है. ऐसा करने से आप बाजार में भविष्य में आने वाले उछाल का लाभ नहीं ले पाएंगे. बाजर की हिस्ट्री पर नजर डालें तो अधिकांश बेनिफिट बाजार के कुछ ही दिनों में होते हैं, ये उसका गोल्डन टाइम होता है. ये अक्सर गिरावट के बाद सुधरने के दौरान आता है. निवेश प्रबंधन कंपनी हार्टफ़ोर्ड फंड्स के मुताबिक, शेयर बाज़ार के 78 फीसदी सबसे अच्छे दिन मंदी बाद या तेजी के पहले दो महीनों के दौरान आते हैं.
हार्टफ़ोर्ड फ़ंड्स का मामना है कि "अगर आप पिछले 30 सालों में बाज़ार के 10 सबसे अच्छे दिनों से चूक गए, तो आपका रिटर्न आधा हो जाएगा. सबसे अच्छे 30 दिन चूकने से आपका रिटर्न आश्चर्यजनक रूप से 83 फीसदी तक कम हो सकता है."
RBI ने GDP का अनुमान घटाया
इधर भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of india) ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटा दिया है. अब रेपो रेट 6 फीसदी हो गया है. जीडीपी का अनुमान 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया है. आरबीआई गवर्नर ने वैश्विक विकास के लिए नई चुनौतियों की तरफ इशारा किया है. गवर्नर संजय मलहोत्रा ने कहा कि अनिश्चितता भी ग्रोथ को प्रभावित करती है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि ट्रम्प द्वारा फार्मास्यूटिकल्स पर टैरिफ लगाने की संभावना नहीं है क्योंकि वे अब पीछे हट गए हैं और इसलिए, इस सेगमेंट में लचीलापन दिखने की संभावना है.
निष्कर्ष:
शेयर बाजार की गिरावट के समय घबराने की बजाय रणनीतिक रूप से काम करें. धैर्य रखें, अपने निवेश की समीक्षा करें, विविधता बनाए रखें, और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं. यदि आप अनिश्चित महसूस करते हैं, तो वित्तीय सलाहकार से संपर्क करके अपनी रणनीति को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं.
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