CrudeOil Price Hike: इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण इंटरनेशनल में कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. इजरायल, ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब देने की तैयारी में जुटा हुआ है. इससे किसी भी समय तेल के ठिकानों पर हमला होने की आशंका है. इस स्थिति ने तेल की कीमतों में उछाल ला दिया है, जिससे ग्लोबल मार्केट अस्थिर हो गया है.
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तेल की कीमतों पर गोल्डमैन सैक्स की भविष्यवाणी
मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को देखकर, गोल्डमैन सैक्स ने तेल की कीमतों को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है. गोल्डमैन के मुताबिक, अगर इजरायल ईरानी तेल ठिकानों पर हमला करता है, तो कीमतों में 20 डॉलर प्रति बैरल तक का इजाफा हो सकता है. इसके साथ ही, अगर ईरानी तेल उत्पादन में प्रति दिन 1 मिलियन बैरल की गिरावट आती है, तो अगले साल कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा.
सिटीग्रुप की रिपोर्ट: तेल की सप्लाई में संभावित गिरावट
गोल्डमैन सैक्स के अलावा सिटीग्रुप ने भी इस मामले पर अपनी राय दी है. सिटीग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, अगर इज़रायल ईरानी तेल फैसिलिटीज पर हमला करता है, तो बाजार से 1.5 मिलियन बैरल की सप्लाई कम हो जाएगी. छोटे इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे डाउनस्ट्रीम एसेट्स पर हमला होने की स्थिति में 3 लाख से 4.5 लाख बैरल का उत्पादन नुकसान होगा.
भारत पर असर
कच्चे तेल की कीमतों में अगर उछाल आता है तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की उम्मीदें कमजोर हो सकती हैं. महंगा कच्चा तेल भारत की अर्थव्यवस्था पर नेगेटिव असर डाल सकता है. अगर कच्चे तेल की कीमतों में 10 डॉलर का इजाफा होता है, तो भारत में महंगाई 0.3% तक बढ़ सकती है. करंट अकाउंट डेफिसिट 12.5 अरब डॉलर तक बढ़ सकती है, जो जीडीपी के 43 बेसिस प्वाइंट के बराबर है.
मिडिल ईस्ट में तनाव और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर वैश्विक बाजार और खासतौर पर भारत पर गहरा पड़ेगा.
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