35 साल के अनिल पिछले 10 सालों से एक आईटी कंपनी में नौकरी कर रहे हैं. उन्होंने अलग-अलग शहरों में जॉब की और किराए पर रहे. अब उन्हें लगता है कि उनका अपना मकान होना चाहिए. किराए का पैसा केवल रहने के नाम पर मकान मालिक के पास चला जाता है. यदि वे पैसे EMI के रूप में जाते तो नोएडा में अपना भी एक फ्लैट होता. अपना घर होने का सपना देख रहे अनिल को जॉब इनसिक्योरिटी और EMI के दबाव की भी चिंता है. वे इस उहापोह में हैं कि घर किराए पर लेकर पैसे बचाकर लॉन्ग टर्म निवेश ज्यादा फायदे का सौदा होगा या अपना मकान लेना?
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तो आइए समझते हैं अनिल के लिए क्या सही है और क्या गलत. अनिल जैसे तमाम नौकरी-पेश युवओं को ऐसे मौके पर अपने बजट के साथ किन पैरामीटर्स की इस्तेमाल करना चाहिए. दोनों में फायदा किसमें है. यदि दोनों निवेश में ही फायदा है तो निवेश की राशि को ध्यान में रखते हुए कैसे अपना बजट बनाएं?
घर खरीदने के फायदे
- घर के मालिक होंगे.
- एक स्थायी संपत्ति होती है.
- भविष्य में इस प्रॉपर्टी का दाम बढ़ेगा.
- बार-बार मकान बदलने की जरूरत नहीं होगी.
- मकान मालिक की किचकिच से बचेंगे.
- अपने घर को मनमुताबिक रिनोवेट कर सकते हैं.
- घर में नहीं रहने पर इसे किराए पर देकर कमा सकते हैं.
- होम लोन पर मिलने वाले कर छूट का फायदा ले सकते हैं.
घर खरीदने के नुकसान
- भारी-भरकम डाऊन का इंतजाम करना होता है.
- रजिस्ट्रेशन और अन्य खर्चे भी बड़े होते हैं.
- लंबे समय तक EMI भरना वित्तीय बोझ बढ़ाता है.
- घर के रखरखाव और मरम्मत के खर्च उठाने पड़ते हैं.
- कहीं और जॉब का ऑफर आने पर घर का मोह रोकता है.
- यदि प्रॉपर्टी का रेट डाऊन हुआ या बढ़ा नहीं तो नुकसान.
किराए पर लेने के फायदे
- घर खरीद कर रहने की तुलना में किराए का घर कम खर्च वाला है.
- स्थान बदलना आसान होता है.
- रखरखाव का खर्च मकान मालिक वहन करता है.
- आप अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार स्थान और प्रकार का चयन कर सकते हैं.
- बचाए गए पैसे को दूसरे निवेशों में लगाकर ज्यादा रिटर्न ले सकते हैं.
किराए पर लेने के नुकसान
- किराए पर रहते हुए कोई संपत्ति नहीं बनती.
- हर महीने किराया देना पड़ता है, जो दीर्घकालिक खर्च है.
- मकान मालिक की शर्तों का पालन करना पड़ता है.
- कभी-कभी अचानक मकान खाली करने को कहा जा सकता है.
- बार-बार घर बदलने की मजबूरी नहीं होती.
- किराए पर पैसे खर्च होते हैं, जिनका लॉन्ग टर्म लाभ नहीं है.
मापदंड | घर खरीदेंगे तो... | किराए पर लेंगे तो... |
प्रारंभिक लागत | उच्च (डाउन पेमेंट, रजिस्ट्रेशन) | कम (डिपॉजिट) |
मासिक खर्च | ईएमआई (ब्याज सहित) | किराया |
लचीलापन | सीमित | अधिक |
स्वामित्व | हां | नहीं |
रखरखाव का खर्च | खुद उठाना | मकान मालिक पर निर्भर |
निवेश की संभावना | हां, मूल्य बढ़ने पर लाभ | नहीं |
कर लाभ | होम लोन पर टैक्स छूट | नहीं |
यदि आपने घर खरीदने का मन बनाया है तो किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अपना बजट कैलकुलेशन कैसे करें? अपनी एनुअल सैलरी के मुताबिक प्रॉपर्टी का चुनाव कैसे करें? क्या-क्या तैयारियां हों जिससे आप न परेशान होंगे न ही आर्थिक दबाव झेलेंगे. पर्सनल फाइनेंस की अगली सीरीज में हम आपको बताएंगे.
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