Personal Finance News: अक्सर लोग बैंक अकाउंट में अपने पैसे डालकर तसल्ली रख लेते हैं कि उनके पैसे सुरक्षित हैं. पैसे घटेंगे नहीं बल्कि बढ़ेंगे. पर कई बार पैसे थोड़े-थोड़े अमाउंट के साथ घटने लगता है. काफी लोग तो इसपर नजर नहीं रख पाते. जो चेक करते रहते हैं वे अक्सर हड़बड़ा जाते हैं. परेशान होने के साथ बैंक के कस्टमर केयर को फोन लगाने लग जाते हैं.
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कुछ ऐसा ही हुआ रघुवीर के साथ. उन्होंने एक निजी बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवाया. अकाउंट में पैसे डालकर छोड़ दिए. जब अकाउंट का बैलेंस चेक किया तो परेशान हो गए. पैसे बढ़ने की बजाय कम हो गए थे. Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको बैंकिंग और खाते से जुड़ी ऐसी कई बातें बता रहे हैं जहां कुछ गलतियां आपको भारी पड़ सकती हैं.
बैंक खाते पर कटते हैं कई तरह के चार्जेस
1. मिनिमम बैलेंस चार्ज
- बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होता है.
- यदि बैलेंस कम हुआ तो बैंक हर महीने पेनल्टी के रूप में पैसे काटने लग जाता है.
- ये चार्ज बैंक, अकाउंट के प्रकार और ब्रांच लोकेशन (मेट्रो/अर्बन/रूरल) पर डिपेंड करता है.
- आमतौर पर 5 रुपए से लेकर 600 रुपए तक चार्ज काटे जाते हैं.
2. डेबिट कार्ड/एटीएम कार्ड चार्ज
- बैंक हर साल डेबिट कार्ड/एटीएम मेंटेनेंस फीस लेता है.
- ये फीस 100 रुपए से 750 रुपए तक होती है.
- एटीएम से फ्री लिमिट के बाद पैसे निकालने पर भी चार्ज भी लगता है.
- ये चार्ज 15 रुपए से लेकर 25 रुपए तक होता है.
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3. चेक बाउंस पेनाल्टी
- चेक बाउंस होने पर बैंक 150 रुपए से लेकर 750 तक का पेनाल्टी चार्ज करता है.
4. फंड ट्रांसफर चार्ज (NEFT/RTGS/IMPS)
- फंड NEFT से ट्रांसफर करने पर बैंक 2.5 रुपए से लेकर 25 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज लेता है.
- ये चार्ज इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी रकम ट्रांसफर की जा रही है.
- RTGS पर भी बैंक 25-50 प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज काटा जाता है. (ये 2 लाख रुपए से ज्यादा पर लागू है).
- IMPS के जरिए फंड ट्रांसफर पर 5 रुपए से लेकर-25 रुपए तक प्रति ट्रांजेक्शन काटा जाता है.
5. एसएमएस अलर्ट चार्ज
- बैंक हर महीने 10 रुपए से लेकर-25 रुपए तक SMS अलर्ट के लिए भी चार्ज काटता है.
6. पैसे जमा करने और निकालने पर भी चार्ज
- फ्री लिमिट के बाद कैश जमा/निकासी पर बैंक 50 रुपए से लेकर-150 रुपए तक चार्ज काट काटता है. ये अलग-अलग बैंकों पर अलग-अलग राशि के साथ निर्भर करता है.
7. स्टेटमेंट या पासबुक चार्ज
- बैंक स्टेटमेंट की प्रिंट कॉपी लेने पर ₹50-₹200 तक का चार्ज लग सकता है. कुछ बैंक नहीं भी लेते हैं.
चार्ज कैलकुलेशन कैसे होता है?
- मिनिमम बैलेंस चार्ज का कैलकुलेशन औसत मासिक बैलेंस (AMB) के आधार पर होता है.
- IMPS/NEFT/RTGS चार्ज ट्रांजेक्शन वैल्यू के अनुसार लगता है.
- फ्री लिमिट पार करने पर ही अतिरिक्त चार्ज काटा जाता है.
बैंक के इन चार्जेस से ऐसे बचें?
- बैंक खाते के मुताबिक उसका मिनिमम बैलेंस कम न होने दें.
- ऑटो-स्वीप अकाउंट चुन सकते हैं जिसमें पैसा एफडी में चला जाता है और ब्याज भी मिलता है. मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की झंझट नहीं रहती है.
- मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं हो पाता तो जीरो बैलेंस अकाउंट जैसे जनधन खाता खुलवाएं.
- फ्री लिमिट के बाद एटीएम से निकासी पर ध्यान दें.
- चेक जारी करते समय बैंक में उस अमाउंट का बैलेंस मेंटेन रखें. बाउंस होने पर चार्जेस कटते हैं.
- चेक पर सिग्नेचर का भी ध्यान रखें.
- बैंक की वेबसाइट पर या ब्रांच में जाकर बैंक चार्जेस की लिस्ट ले लें ताकि जानकारी रहे कि ये चार्जेस कितने हैं.
- कुछ बैंक क्रेडिट कार्ड का ऑटो-डेबिट सेट करने पर भी चार्ज काट लेते हैं. ऐसे में पहले उसकी शर्तें पढ़ें.
- फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन, चेकबुक चार्ज, एसएमएस चार्ज वगैरह की भी जानकारी रखें.
- यूपीआई, नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें ताकि एटीएम/डेबिट कार्ड और चेक बुक के चार्जेस से बच जाएंगे.
- एसएमएस अलर्ट के चार्ज से बचने के लिए बैंक के ऐप से ईमेल अलर्ट सेट करें.
- अपने खाते में चार्जेस को चेक करते रहें. अगर कोई चार्ज गलत लगता है, तो तुरंत बैंक में शिकायत करें.
- अगर आप प्रइम कस्टमर हैं (जैसे सैलरी अकाउंट हो या बैंक में निवेश हो), तो कुछ रिक्वेस्ट पर कुछ चार्जेस बैंक माफ भी कर सकता है. ये बैंक पर डिपेंड करेगा.
- यदि बैंक ज्यादा चार्जेस काट रहा है तो कम चार्जेस वाले बैंक में खाता खुलवा सकते हैं.
नोट: आपका बैंक कौन-कौन से चार्ज काटता है, यह अकाउंट टाइप और बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है. आप नेट बैंकिंग या बैंक ब्रांच से इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं. बैंक इसमें समय-समय पर बदलाव भी करते रहते हैं.
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