FD करने से पहले जान लीजिए ये 9 बातें, ध्यान नहीं दिया हो जाएगा नुकसान

अक्सर लोग पूरी जानकारी के बिना निवेश कर देते हैं. फिर मंथली पैसे भी जमा करते हैं और सटीक रिटर्न नहीं मिलने पर प्लान को कोसते हैं. हम आपको बता रहे हैं FD के बारे में. यदि कुछ बातों का पहले ही ध्यान रख लिया तो ही मिलेंगे अच्छे रिटर्न.

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तस्वीर: न्यूज तक.

बृजेश उपाध्याय

30 Jan 2025 (अपडेटेड: 03 Feb 2025, 09:12 AM)

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अक्सर एकमुश्त राशि को बैंक में सुरक्षित रखकर उसपर हर माह एक राशि पाने के लिए FD लोकप्रिय है. अक्सर लोग जमीन बेचने पर मिले पैसे, दूसरे आय से एकमुश्त मिले पैसों का एफडी कर हर माह एक राशि पाते हैं जिससे उन्हें दैनिक खर्च में सहयोग भी मिलता है और उनका मूलधन बैंक में सुरक्षित भी रहता है. हालांकि इसके लिए भी कुछ बातों का ध्यान देना पड़ता है. यदि इन बातों को इग्नोर कर एफडी की तरफ बढ़े तो आप शानदार लाभ से वंचित हो सकते हैं. कई मामलों में तो आपका मूलधन भी खतरे में पड़ सकता है. 

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पर्सनल फाइनेंस की इस सीरीज में हम आपको एफडी करने से पहले वो खास 9 प्वाइंट्स बता रहे हैं जिन्हें पहले जान लीजिए. इसके बाद यदि एफडी करेंगे तो उसपर सटीक ब्याज के साथ समय-समय पर बदल रही ब्याज दरों का फायदा भी आगे ले सकते हैं. भविष्य में आंख मूंदरकर अपने मूलधन पर कम ब्याज की बजाय बेहतर रिटर्न पा सकते हैं.  

1. पहले ब्याज दरों की करें तुलना

आप एफडी करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अलग-अलग बैंकों के ब्याज दरों की तुलना कर लेनी चाहिए.  यदि ऐसा नहीं किया तो हो सकता है कि आपने अपना पैसा कम ब्याज दर वाली एफडी में लगा लें और रिटर्न भी कम मिले. इसमें सरकारी और निजी बैंकों के ब्याज दर अलग-अलग हो सकते हैं. 

2. FD के लिए लॉकिंग पीरियड

  • FD का लॉकिंग पीरियड अलग-अलग होता है. यदि लॉकिंग पीरियड से पहले पैसों की जरूरत पड़ जाए और उसे निकालना पड़े तो आपको पेनल्टी भी भरनी पड़ेगी.
  • यानी फायदा लेने गए और उठा लिया नुकसान. इसलिए पैसों की जरूरत के हिसाब से लॉकिंग पीरियड का चुनाव करें. 

3. टैक्स को इग्नोर न करें 

  • यदि आप ये सोच रहे हैं कि FD पर आपको पूरा ब्याज मिलेगा, तो जरा सावधान हो जाइए.  
  • यदि आपकी FD से सालाना ब्याज 40,000 रुपए (निजी बैंकों में) और 50,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) से ज्यादा होगी तो उसपर 10% की दर से TDS (Tax Deducted at Source)  लगेगा. 
  • यदि आपने बैंक को अपना PAN नहीं दिया है, तो ये दर 20 फीसदी हो जाएगी.  
  • इसके अलावा  यदि आपकी कुल सालाना आय टैक्सेबल नहीं है, तो आप फॉर्म 15G (नॉन-सीनियर सिटीजन) या 15H (सीनियर सिटीजन) भरकर बैंक को दे सकते हैं. इससे बैंक आपका टीडीएस नहीं काटेगा. 

4. FD में एकमुश्त निवेश करना ठीक होगा? 

  • अक्सर लोग एक ही बैंक में एकमुश्त राशि की एफडी कर देते हैं.  वहीं जरूरत पड़ने पर पूरी FD तोड़नी पड़ती है, जिससे ब्याज का नुकसान हो जाता है.
  • पैसों का हिस्सा कर अलग-अलग एफडी अलग-अलग अवधि के लिए करें ताकि जरूरत पड़ने पर यदि तोड़ें भी तो पूरे फंड पर ब्याज का नुकसान न हो. 

5. ऑटो-रिन्यूअल पर रखें नजर 

  • एफडी की अवधि खत्म हो जाने पर वो पुराने ब्याज दर के तहत ऑटोरिन्यू हो जाती है. ऐसे में ब्याज दर बढ़ने के बाद भी आपको कम रिटर्न मिलता है. ऐसे में ऑटोरिन्यू का ध्यान रखें. 
  • एफडी की मैच्योरिटी होते ही उसे नए और बढ़े हुए ब्याज दर पर निवेश करें ताकि ज्यादा रिटर्न मिल सके. 

6. सबसे महत्वपूर्ण, बैंक या वित्तीस संस्था की करें जांच 

  • कई बार कई वित्तीय संस्थान या निजी बैंक ज्यादा रिटर्न का लालच देकर आपसे एफडी करा लेते हैं. 
  • ऐसे जोखिम वाले वित्तीय संस्थानों में पैसे लगाना रिस्की हो सकता है. 
  • हमेशा RBI द्वारा अनुमोदित बैंक या डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत आने वाले बैंकों को ही FD या किसी अन्य निवेश के लिए चुनें. DICGC 5 लाख रुपए तक की जमा राशि पर बीमा भी देता है. 

7. नॉमिनी का चुनाव

  • एफडी करने से पहले नॉमिनी को जरूर जोड़ें. अन्यथा अपके बाद पैसा बैंक में फंस सकता है. उसे लेने में कई कानूनी अड़चने आएंगी. 

8. कोशिश करें समय से पहले FD न तोड़ना पड़े 

  • कई बार पैसों की जरूरत पड़ने पर लोग बिना सोचे-समझे एफडी तोड़ देते हैं.
  • इसपर पेनल्टी लग जाती है और ब्याज का भी नुकसान हो जाता है. 

9. वरिष्ठ नागरिकों की एफडी में ये जरूर देखें 

  • 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को बैंक FD पर 0.25% से 0.75% तक अधिक ब्याज देते हैं.
  • ऐसे में इन बातों का ध्यान जरूर रखें. 

यदि एफडी करते समय सही प्लानिंग कर ली जाए तो ये एक बेहतर निवेश साबित हो सकता है. आपका मूलधन सुरक्षित रहने के साथ आपको रिटर्न भी अच्छा मिलेगा और आप टीडीएस भी कटने से बचा लेंगे. अक्सर इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए लोग एफडी का सहारा लेते हैं. ये एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है. 

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