रोहित के कई बैंक अकाउंट हैं. उन्होंने कुछ बैंक अकाउंट में पैसे डालकर इसलिए छोड़ दिए हैं कि वे पैसे इमर्जेंसी में काम आएंगे. अचानक उन्हें पैसों की जरूरत पड़ती है और बैंक से पैसे निकालने की कोशिश करते हैं पर पैसे निकल नहीं पाते हैं. वे अपना बैलेंस भी नहीं देख पाते हैं. अचानक वे परेशान हो जाते हैं और बैंक जाते हैं. पता चलता है कि उनका खाता निष्क्रिय (Inactive) हो गया है.
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अब सवाल ये है कि खाता निष्क्रिय कैसे हो जाता है? पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) की इस सीरीज में हम आपको बैंक अकाउंट के निष्क्रिय (Inactive) और अप्रयुक्त (Dormant) हो जाने के बारे में बता रहे हैं. हम ये भी बताएंगे कि आप इससे कैसे बच सकते हैं. इनएक्टिव और डोरमेंट खातों के बारे में पूरी डिटेल आपको बता रहे हैं.
खाता निष्क्रिय कैसे होता है?
यदि बैंक अकाउंट में 1 साल तक कोई लेन-देन नहीं होता है तो ऐसे खाते निष्क्रिय हो जाते हैं. निष्क्रिय होने की दशा में खाता चालू तो रहता है पर कुछ सेवाएं प्रतिबंधित कर दी जाती हैं. कई बार सुरक्षा कारणों से बैंक तय करता है कि कौन सी सेवाएं रोकी जाएं. बैंक खाते को ब्लॉक भी कर सकता है.
अकाउंट डॉर्मेंट (Dormant Account) कैसे होता है?
जब बैंक खाते में 24 महीने यानी 2 सालों तक कोई लेन-देन नहीं होता है तब उस निष्क्रिय खाते की अधिक सुरक्षा जांच की जरूरत पड़ती है. फिर बैंक पूरी तरह से इसकी सेवाओं पर रोक लगा देता है. यानी खाते से किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं किया जा सकता है.
इससे जुड़े सवाल-जवाब
Q- खाता निष्क्रिय होने पर उसमें न्यूनतम राशि मेंटेन न होने पर क्या फाइन लगता है?
A- नहीं खाता निष्क्रिय या डॉरमेंट होने की दशा में उसपर किसी तरह का शुल्क चार्ज नहीं किया जाता है.
Q- निष्क्रिय खातों को सक्रीय करने पर कोई शुल्क लगता है?
A- ऐसा नहीं है. बिना किसी शुल्क के इसे एक्टिव किया जा सकता है.
Q- निष्क्रिय या डॉरमेंट होने पर बचत खाते में ब्याज आएगा या बंद हो जाएग?
A- साधारण ब्याज उस खाते में डिपॉजिट होता रहेगा.
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