यूनियन बजट पेश होने के बाद अब न्यू टैक्स रिजीम की चर्चा काफी तेज हो गई है. न्यू टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स फाइल करने पर 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री हो गई है. इसमें सैलरी वालों के लिए ये सीमा 12 लाख 75 हजार तक है. ऐसे में लोग सवाल करने लगे हैं कि ये ओल्ड और न्यू क्या है? तो आइए हम इस गफलत को खत्म कर दोनों टैक्स रिजीम की पूरी गणित और इसके फुल डिटेल के साथ आपको बता रहे हैं.
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रेखा एक निजी कंपनी में जॉब करती हैं. उनकी सालाना इनकम 10 लाख रुपए है. रेखा अभी तक कई निवेश के जरिए इनकम टैक्स बचाने की कोशिश कर रही थीं. 1 फरवरी 2025 को पेश हुए केंद्रीय बजट का सबसे बड़ा ऐलान '12 लाख तक की आय पर इनकम टैक्स में छूट' के बाद रेखा को टैक्स देना होगा? तो क्या रेखा को अपने निवेश की डिटेल, किराया, बच्चे की स्कूल फीस, मेडिकल इंश्योरेंस वगैरह की कॉपी निकालकर इनकम टैक्स भरते समय इस्तेमाल करना होगा ताकि टैक्स बचाया जा सके?
इस सवाल का जवाब है- अब ये सब नहीं करना है. रेखा को इनकम टैक्स के डॉक्यूमेंट सबमिशन में 'न्यू टैक्स रिजीम' चुनना है. इसके बाद किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी. उनकी सैलरी पर टैक्स जीरो हो जाएगा.
क्या है न्यू टैक्स रिजीम ?
1 अप्रैल 2020 से पहले एक ही टैक्स रिजीम था. इसमें इनकम टैक्स की अलग-अलग धाराओं में छूट के तहत लोग निवेश कर इनकम टैक्स बचाते थे. सरकार अलग-अलग बजट में इन्ही टैक्स स्लैब में बदलाव कर लोगों को राहत देती रहीं या उनके ऊपर टैक्स लादती रहीं. वहीं 1 अप्रैल 2020 को केंद्र सरकार ने एक नए टैक्स रिजीम को इंट्रोड्यूज कर दिया. इसके बाद इनकम टैक्स के दो ऑप्शन हो गए. एक ओल्ड टैक्स रिजीम और दूसरा न्यू टैक्स रिजीम. ओल्ड टैक्स रिजीम का टैक्स स्लैब इसके बाद चेंज न करके सरकार अब न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में ही बदलाव करने लगी. 1 फरवरी 2025 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में मध्य वर्ग को बड़ा उपहार देते हुए टैक्स स्लैब बदला और 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री भी कर दी.
ओल्ड टैक्स रिजीम में ये हैं टैक्स स्लैब
ओल्ड टैक्स रिजीम में ढाई लाख तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. ढाई से तीन लाख पर 5%, 3 से 5 पर 5%, 5 से 10 पर 20% और 10 लाख से ज्यादा पर 30 फीसदी टैक्स देना होता है. इसकी फुल डिटेल जानने के लिए यहां क्लिक करें
ओल्ड टैक्स रिजीम में ऐसे मिलती है राहत
ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स से राहत देने वाले प्लान में इनवेस्ट कर धारा 80C के तहत 1.5 लाख तक की छूट मिल जाती है. इसके अलावा एचआरए यानी मकान का किराया, धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस, धारा 80CCD(1B) के तहत राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS), धारा 24(b) के तहत होम लोन के ब्याज पर छूट, धारा 80E के तहत एजुकेशन लोन पर इनकम टैक्स में छूट मिल जाती है. इनकम टैक्स की धाराओं में ये छूट लेकर रेखा अपनी 10 लाख की सालाना आय को टैक्स फ्री कर सकती हैं. इसमें सैलरीड पर्सन को 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलता है. 5 लाख रुपए तक की सैलरी पर 12,500 रुपए का टैक्स रिबेट धारा 87A के तहत भी मिलता है. इनकम टैक्स की अलग-अलग धाराओं में निवेश को लेकर फुल डिटेल जानने के लिए यहां क्लिक करें
न्यू टैक्स रिजीम क्या है
इसमें 1 फरवरी 2025 को बजट पेश होने से पहले तक 7 लाख 75 हजार रुपए तक की सैलरी टैक्स फ्री थी. यहां 7 लाख रुपए तक की सैलरी पर धारा 87A के तहत 25,000 रुपए का टैक्स रिबेट मिलता है. सैलरीड पर्सन के लिए 75,000 रुपए तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. 1 फरवरी को पेश बजट के बाद 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री कर दी गई है. वहीं सैलरीड पर्सन को इसमें स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन के साथ इस सीमा को 12 लाख 75 हजार रुपए कर दिया गया है. इसके ऊपर की सैलरी पर टैक्स के लिए टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है. इसकी फुल डिटेल जानने के लिए यहां क्लिक करें
ओल्ड वर्सेज न्यू टैक्स रिजीम स्लैब
पुरानी कर व्यवस्था (old tax regime) | नई कर व्यवस्था (new tax regime) |
स्लैब | टैक्स | स्लैब (1 फरवरी 2025 से पहले) | टैक्स | स्लैब नया (1 फरवरी 2025 से) | टैक्स |
ढाई लाख तक | 0 | 3 लाख रुपए तक | 0 | 4 लाख रुपए तक | 0 |
ढाई लाख 1 रुपए से 3 लाख | 5% | 3 लाख 1 रुपए से 7 लाख | 5% | 4 लाख 1 रुपए 8 लाख | 5% |
3 लाख 1 से 5 लाख रुपए | 5% | 7 लाख 1 रुपए से 10 लाख | 10% | 8 लाख 1से 12 लाख | 10% |
7 लाख 1 रुपए से 10 लाख | 20% | 10 लाख 1 रुपए से 12 लाख | 15% | 12 लाख 1 से 16 लाख | 15% |
10 लाख रुपए से ज्यादा | 30% | 12 लाख 1 रुपए से 15 लाख | 20% | 16 लाख 1 से 20 लाख | 20% |
----- | --- | 15 लाख रुपए से ज्यादा | 30% | 20 लाख 1 से 24 लाख | 25: |
----- | --- | ----- | ----- | 24 लाख 1 से ज्यादा | 30% |
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