ATM से कैश निकालना होगा अब और महंगा, 1 मई से लागू होंगे नए चार्ज, RBI ने दी हरी झंडी

Personal Finance: अगर आप नियमित रूप से ATM से पैसे निकालते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. 1 मई 2025 से ATM ट्रांजैक्शन महंगा होने जा रहा है, जिसके बाद हर बार पैसे निकालने पर आपको पहले से ज्यादा शुल्क देना होगा.

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ललित यादव

26 Mar 2025 (अपडेटेड: 26 Mar 2025, 12:11 PM)

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Personal Finance: अगर आप नियमित रूप से ATM से पैसे निकालते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. 1 मई 2025 से ATM ट्रांजैक्शन महंगा होने जा रहा है, जिसके बाद हर बार पैसे निकालने पर आपको पहले से ज्यादा शुल्क देना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसके तहत इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी की जाएगी. आइए जानते हैं कि नए नियम क्या हैं और इनका आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा.

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होम नेटवर्क से बाहर ATM का इस्तेमाल होगा महंगा

1 मई से लागू होने वाले नए नियमों के अनुसार, अगर आप अपने होम बैंक के नेटवर्क से बाहर किसी अन्य बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं या बैलेंस चेक करते हैं, तो आपको बढ़ा हुआ शुल्क देना होगा. वर्तमान में भी होम नेटवर्क से बाहर के ATM के इस्तेमाल पर शुल्क लागू है, लेकिन अब यह शुल्क और बढ़ने वाला है. यह बदलाव NPCI के प्रस्ताव पर आधारित है, जिसे RBI ने मंजूरी दी है.

कितना बढ़ेगा चार्ज?

नए नियमों के तहत, अगर आप अपने बैंक के अलावा किसी अन्य बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं, तो अभी तक प्रति ट्रांजैक्शन 17 रुपये का शुल्क लगता था, जो अब बढ़कर 19 रुपये हो जाएगा. वहीं, बैलेंस चेक करने का शुल्क 6 रुपये से बढ़कर 7 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन हो जाएगा. यह बढ़ोतरी उन ट्रांजैक्शनों पर लागू होगी, जो मुफ्त ट्रांजैक्शन लिमिट से अधिक होंगे.

मुफ्त ट्रांजैक्शन की सीमा क्या है?

बैंकों ने मुफ्त ट्रांजैक्शन की एक सीमा तय की है. मेट्रो शहरों में अपने होम बैंक के अलावा अन्य बैंकों के ATM से 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन की अनुमति है, जबकि गैर-मेट्रो शहरों में यह सीमा 3 ट्रांजैक्शन की है. इस सीमा से अधिक ट्रांजैक्शन करने पर ही नया शुल्क लागू होगा.

व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटर्स की मांग

व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटर्स लंबे समय से इंटरचेंज फीस बढ़ाने की मांग कर रहे थे. उनका कहना है कि परिचालन लागत में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण मौजूदा शुल्क अपर्याप्त है. इस मांग को देखते हुए NPCI ने प्रस्ताव दिया था, जिसे अब RBI ने हरी झंडी दे दी है. हालांकि, इस फैसले से छोटे बैंकों पर दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि वे अपने सीमित ATM नेटवर्क के चलते अन्य बैंकों के ATM पर अधिक निर्भर हैं.

इंटरचेंज फीस क्या है?

इंटरचेंज फीस वह राशि है, जो एक बैंक दूसरे बैंक को तब देता है, जब उसका ग्राहक किसी अन्य बैंक के ATM से पैसे निकालता है. इस फीस में बढ़ोतरी का असर सीधे ग्राहकों पर पड़ेगा, क्योंकि बैंक इस अतिरिक्त लागत को ग्राहकों से ही वसूलते हैं.

ग्राहकों के लिए सलाह

अगर आप ATM से बार-बार पैसे निकालते हैं, तो कोशिश करें कि अपने होम बैंक के ATM का ही इस्तेमाल करें. साथ ही, मुफ्त ट्रांजैक्शन की सीमा का ध्यान रखें, ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके. डिजिटल पेमेंट के विकल्पों को अपनाना भी एक बेहतर उपाय हो सकता है.

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