भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही बड़ी गिरावट के बाद अब रिकवरी के संकेत दे रहे हैं. जानकारों का कहना है कि निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहिए.
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विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर बाजार में अनिश्चितता, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी और जियोपॉलिटिकल तनावों के कारण भारतीय बाजार प्रभावित हुआ है. इसके अलावा, निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर मुनाफा वसूली भी गिरावट की एक प्रमुख वजह रही है.
रिकवरी के संकेत
- विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की वापसी.
- घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की मजबूत भागीदारी.
- भारतीय कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजे.
बाजार के ताजा हालात
निवेशकों के लिए रणनीति
- लॉन्ग टर्म निवेश करें: बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लॉन्ग टर्म निवेश पर फोकस करें. अच्छी क्वालिटी वाले स्टॉक्स में निवेश करना बेहतर रहेगा.
- सावधानी से ट्रेड करें: अगर आप शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो स्टॉप-लॉस लगाकर चलें और मार्केट ट्रेंड पर नज़र बनाए रखें.
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाएं: सिर्फ इक्विटी में निवेश करने की बजाय, अन्य एसेट क्लास जैसे कि गोल्ड, बॉन्ड्स और म्यूचुअल फंड में भी निवेश करें.
- फंडामेंटल्स को प्राथमिकता दें: किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले उसकी बैलेंस शीट, प्रॉफिट ग्रोथ और बिजनेस मॉडल को समझें.
- इमरजेंसी फंड तैयार रखें: बाजार की अस्थिरता को देखते हुए एक मजबूत इमरजेंसी फंड रखना जरूरी है ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा बनी रहे.
विशेषज्ञों की राय
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि मौजूदा गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन इसके लिए मजबूत रिसर्च और धैर्य की जरूरत है. ये निवेशक लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए अच्छी कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह सही समय हो सकता है.
निष्कर्ष
बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा, लेकिन सही रणनीति अपनाकर निवेशक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. विशेषज्ञों की सलाह है कि घबराहट में शेयर न बेचें, बल्कि अवसरों को पहचाने और निवेश को लेकर एक मजबूत दृष्टिकोण बनाए रखें.
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