Stock Market Update: अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन का दिखा असर, शेयर बाजार में फिर मचा हाहाकार

9 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर गिरावट देखने को मिली. अमेरिका द्वारा चीन पर 104% टैरिफ लगाने के फैसले का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा. सेंसेक्स 380 अंक और निफ्टी 136 अंक की गिरावट के साथ बंद हुए.

NewsTak

रजत देवगन

• 08:03 PM • 09 Apr 2025

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भारतीय शेयर बाजार में 9 अप्रैल एक बार फिर गिरावट का माहौल देखने को मिला. अमेरिका द्वारा हाल ही में घोषित जवाबी टैरिफ का असर घरेलू शेयर बाजार पर साफ तौर पर बरकरार है. एक दिन की मामूली राहत के बाद, प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों ने फिर से नीचे की राह पकड़ी. तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 379.93 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,847.15 अंक पर बंद हुआ है. वहीं, निफ्टी 50 भी दबाव में रहा और इसमें भी भारी बिकवाली देखी गई.

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निफ्टी 136 अंक गिरकर 22,399 पर बंद हुआ है. आज सुबह ही प्री ओपन मार्केट में नेगेटिव संकेत मिल रहे थे. प्री ओपन में बीएसई सेंसेक्स 123 अंक लुढ़का था. आज बीएसई सेंसेक्स में पूरे दिन बिकवाली रही. बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा कर दी है, जिसका असर वैश्विक और भारतीय बाजारों पर पड़ रहा है.

कौन रहा टॉप पर, कौन पिछड़ा?

निफ्टी में कुछ चुनिंदा शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया. नेस्ले इंडिया 3.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ टॉप गेनर रहा, इसके बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने 2.61 प्रतिशत, टाइटन ने 1.81 प्रतिशत, पावर ग्रिड ने 1.78 प्रतिशत और टाटा कंज्यूमर ने 1.66 प्रतिशत की बढ़त हासिल की. दूसरी ओर, निफ्टी के टॉप लूजर्स में विप्रो रहा, जिसके शेयर 4.23 प्रतिशत टूट गए. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 3.40 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 3.31 प्रतिशत, लार्सन एंड टुब्रो (L&T) 3.13 प्रतिशत और ट्रेंट 2.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए.  

फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में भी मिला-जुला रुख देखने को मिला. एनबीसीसी 4.7 प्रतिशत और मैक्स हेल्थ 4.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ गेनर्स में शामिल रहे, जबकि मुथूट फाइनेंस 6.6 प्रतिशत और महानगर गैस लिमिटेड (MGL) 5.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे ज्यादा नुकसान में रहे. मिडकैप सेगमेंट में ज्योति लैब्स ने 10.2 प्रतिशत की शानदार छलांग लगाई. वहीं कारट्रेड 9 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे ज्यादा पिछड़ा.

क्यों आई गिरावट?

बाजार के जानकारों के मुताबिक, अमेरिका द्वारा चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है. इससे पहले चीन ने अमेरिकी आयात पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में अमेरिका ने यह कदम उठाया. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिना लेविट ने इसे चीन की गलती करार देते हुए कहा कि अमेरिका अपने मजदूरों और कंपनियों को बचाने के लिए सख्त कदम उठाएगा. इस तनाव का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा, क्योंकि निवेशक जोखिम से बचने के मूड में दिखे. खास तौर पर IT और फार्मा जैसे निर्यात-निर्भर सेक्टरों पर दबाव बढ़ा, क्योंकि अमेरिकी बाजार इनके लिए बड़ा ठिकाना है.

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