सैलरी से दनादन कट रहा इनकम टैक्स तो मत होइए परेशान, बस कर लीजिए ये काम, फ्यूचर भी होगा सेफ

केवल कमाना ही जरूरी नहीं है बल्कि उन पैसों का सटीक मैनेजमेंट भी करना होगा नहीं तो जेब हमेशा खाली रहेगी. तमाम जुगत के बावजूद जब इनकम टैक्स कटता है तो अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं.

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तस्वीर: न्यूज तक.

बृजेश उपाध्याय

26 Jan 2025 (अपडेटेड: 26 Jan 2025, 10:41 AM)

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केवल कमाना ही जरूरी नहीं है बल्कि उन पैसों का सटीक मैनेजमेंट भी करना होता है. ऐसा नहीं किया तो जेब हमेशा खाली रहेगी. तमाम जुगत के बावजूद जब इनकम टैक्स कटता है तो अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं. ऐसी ही समस्या का सामना उमंग भी कर रहे हैं. उमंग की उम्र 37 साल है. ये एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. इनकी सैलरी 12 लाख सालाना है. अब उमंग के सामने ये समस्या है कि वे ऐसा क्या करें कि अपना इनकम टैक्स बचा पाएं. 

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उमंग इनकम टैक्स में राहत देने वाली योजनाओं में निवेश कर धारा 80C के तहत 1.5 लाख तक की छूट ले सकते हैं. इसके अलावा इनका एचआरए 1 लाख 40 हजार है. ये रेंट पर रहते हैं. हर महीने 12 हजार रुपए रेंट देते हैं. ऐसे में ये एचआरए में 1 लाख 40 हजार दिखा सकते हैं. इसके अलावा धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस, धारा 80CCD(1B) के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS), धारा 24(b) के तहत होम लोन के ब्याज पर छूट, धारा 80E के तहत एजुकेशन लोन पर इनकम टैक्स में छूट ले सकते हैं. आइए इसे डिटेल में समझते हैं...

1- 80C के तहत 1.5 लाख तक की छूट

  • पब्लिक प्राविडेंट फंड (PPF): सालाना अधिकतम डेढ़ लाख और न्यूनतम 500 रुपए निवेश कर सकते हैं. 
  • राष्ट्रीय बचत पत्र NSC:  एक निश्चित आय वाली निवेश योजना है, इसमें न्यूनतम 1000 और अधिकतम की कोई सीमा नहीं है. 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. 
  • जीवन बीमा पॉलिसी (LIC): इसमें निवेश के अलग-अलग प्लान और लॉन-इन पीरियड है. 
  • सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): ये बेटियों के लिए है. न्यूनतम सालाना निवेश 250 रुपए और अधिकतम 1,50,000 तक कर सकते हैं. इसमें अधिकम 21 साल का लॉकइन पीरियड होता है. 
  • इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS): यह म्यूचुअल फंड का एक प्रकार है जिसमें 3 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है. इसमें न्यूनतम निवेश 500 (SIP या एकमुश्त) और अधिकतम की कोई सीमा नहीं होती है. 

2. धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा 

  • अपना, परिवार और माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करने पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है.  खुद और परिवार के लिए ₹25,000 तक की छूट और वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए अतिरिक्त ₹50,000 तक की छूट का लाभ मिलता है. 

3- धारा 80CCD(1B) के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)

  •  NPS में निवेश करने पर आप अतिरिक्त ₹50,000 तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं, जो 80C की सीमा के अतिरिक्त है. 
  • एनपीएस में एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 1000 रुपए का निवेश कर सकते हैं. अधिकतम की कोई सीमा नहीं है.
  • टियर-1 अकाउंट में 60 वर्ष की आयु तक लॉक-इन होता है. (हालांकि कुछ शर्तों के साथ आंशिक निकासी संभव है). 
  • टियर-2 अकाउंट में कोई लॉक-इन नहीं होता और कभी भी पैसे की निकासी की जा सकती है. 

4. धारा 80CCD(1) के तहत छूट   

  • धारा 80CCD(1) के तहत, अटल पेंशन योजना में किए गए निवेश पर ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है. 

  • धारा 80CCD(1B) के तहत, NPS और APY मिलाकर अतिरिक्त ₹50,000 तक की टैक्स छूट मिलती है. 

  • इसमें न्यूनतम राशि प्रति माह 42 रुपए और अधिकतम 1,454 रुपए प्रति माह है. ये राशि उम्र के हिसाब से तय की जाती है. 
     

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5. होम लोन पर ब्याज धारा 24(b)

  • होम लोन के ब्याज भुगतान पर ₹2 लाख तक की कटौती का लाभ लिया जा सकता है.

6. एजुकेशन लोन के ब्याज पर छूट (धारा 80E)

  • एजुकेशन लोन के ब्याज भुगतान पर भी इनकम टैक्स में छूट का लाभ मिलता है, जिसकी कोई उच्चतम सीमा नहीं है, लेकिन यह लाभ 8 वर्षों तक उपलब्ध है. 

7. HRA और LTA क्लेम कर सकते हैं

  • अगर किराए के घर में रहते हैं, तो HRA क्लेम करें. 
  • अगर कंपनी में LTA (Leave Travel Allowance) का ऑप्शन है, तो इसपर टैक्स बचा सकते हैं. 
  • इसके अलावा कंपनी ऑप्शन देती है तो टेलीफोन बिल, इंटरनेट बिल को क्लेम करके टैक्स बचा सकते हैं.

अगर उमंग सही प्लानिंग करें, तो 4-5 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स छूट मिल सकती है और उनके हाथ में ज्यादा मंथली इनकम आएगी. टैक्स बचाने के साथ रिटायरमेंट प्लानिंग और लॉन्ग-टर्म वेल्थ ग्रोथ भी हो जाएगी. इन निवेश विकल्पों का उपयोग करके आप न केवल अपने कर दायित्व को कम कर सकते हैं, बल्कि अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार भी बना सकते हैं. 

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