Income Tax Budget 2025: इनकम टैक्स में हो सकते हैं ये 4 बड़े बदलाव, Tax की मौजूदा गणित की जानें Full डिटेल

Income Tax Slabs 2025-26 Updates: आज यूनियन बजट 2025-26 पेश होने जा रहा है. इस बजट में सैलरीड पर्सन के लिए क्या है? इनकम टैक्स में छूट मिलेगी? या ओल्ड वर्सेज न्यू के झंझट से मिलेगा छुटकारा? क्या होगा? देखें

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तस्वीर: न्यूज तक.

बृजेश उपाध्याय

28 Jan 2025 (अपडेटेड: 01 Feb 2025, 11:14 AM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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फिलहाल न्यू टैक्स रिजीम में 75 लाख सालाना की सैलरी आयकर से मुक्त हो जाती है.

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वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में निवेश पर पैसे बचा सकते हैं.

New Income Tax Budget 2025 : इनकम टैक्स पेयर्स की नजर आज यानी 1 फरवरी पर है. यूनियन बजट 2025-26 कुछ ही देर में पेश होने वाला है. अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ सकती है. ये सीमा 3 लाख रुपए से बढ़कर 4 लाख रुपए हो सकती है. यानी 4 लाख रुपए तक टैक्स जीरो हो सकता है. इसके अलावा सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ा सकती है. 

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तीसरे बदलाव की बात करें तो सरकार 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा में टैक्स पेयर का उसके परिवार के साथ छूट 25000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर सकती है. इस सेक्शन में बुजुर्ग माता-पिता के स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स में छूट 50,000 है. दोनों मिलाकर करदाता इनकम टैक्स की धारा 80D में 1 लाख रुपए तक की छूट ले सकता है. ऐसा होना एक बड़े तबके के लिए और खास तौर पर मध्यवर्ग के लिए बड़ी राहत की बात होगी.

ये संभावना भी 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 5 फीसदी टैक्स स्लैब में 4-8 लाख तक की इनकम को शामिल कर लिया जाए. कुल मिलाकर सरकार इस बार टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर सिंगल टैक्स सिस्टम अपना सकती है. 

New tax Regime: न्यू टैक्स रिजीम से 7.70 लाख तक की आय टैक्स फ्री 

यूनियन बजट 2024-25 में न्यू टैक्स रिजीम में 7.75 लाख रुपए तक के सैलरीड पर्सन का टैक्स जीरो हो जाता है. वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 लाख तक की आय को सरकार टैक्स फ्री कर देती है. इसके अलावा इसमें कई तरह की कर माफी का ऑप्शन मिलता है जिसमें निवेश कर आप इनकम टैक्स बचा सकते हैं. वहीं न्यू टैक्स रिजीम में ऐसे ऑप्शन नहीं मिलते हैं. ध्यान देने वाली बात है कि केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2020 से दो टैक्स रिजीम का ऑप्शन देना शुरू किया था. इससे पहले एक ही टैक्स रिजीम था. 

इनकम टैक्स Old Vs New tax regime 

रमन की आय 10 लाख रुपए सालाना है. इनकम टैक्स के दोनों रिजीम के बीच ये फंसे हुए हैं. उन्हें किस रिजीम में जाना चाहिए? किसमें वे ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं?  इस पूरे टैक्स कैलकुलेशन को इनकम टैक्स एक्सपर्ट CA मनोज लांबा से समझते हैं. 

पहले New tax regime से कैलकुलेशन (10 लाख वार्षिक) 

  • न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपए तक की कमाई पर टैक्स- 0 (बचा 7 लाख रुपए)
  • सरकार इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत 25,000 रुपए का टैक्स रिबेट देती है. 
  • ये रिबेट न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख तक की सैलरी पर मिलता है. यहां रमन को नहीं मिलेगा. 
  • इसके अलावा सैलरीड पर्सन के लिए 75,000 रुपए तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. 
  • ये डिडक्शन रमन को मिलेगा. ऐसे में रमन की सैलरी का कैलकुलेशन 10000-75,000= 9 लाख 25 हजार पर होगा. 
  • अब 7 लाख 1 रुपए से 9 लाख 25 हजार रुपए पर 10% टैक्स लगेगा.
  • इसमें रमन को बाकी बचे 2 लाख 25 हजार रुपए पर 22,500 रुपए इनकम टैक्स देना होगा. 
  • यानी रमन को न्यू टैक्स रिजीम में 10 लाख सालाना सैलरी पर 22,500 रुपए इनकम टैक्स देना होगा. 

Old tax regime से कैलकुलेशन (10 लाख वार्षिक) 

  • रमन की सैलरी में ढाई लाख रुपए तक टैक्स 0. 
  • ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपए तक की सैलरी पर 12,500 रुपए का टैक्स रिबेट धारा 87A के तहत मिलता है. 
  • रमन की सैलरी 10 लाख होने से ये नहीं मिलेगा. हालांकि 50,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन यहां मिलेगा. 
  • ऐसे में रमन की सैलरी 9.50 लाख से काउंट करते हैं. 
  • 2.5 लाख 1 रुपए से 3 लाख तक 5% यानी 2500 रुपए इनकम टैक्स. 
  • 3 लाख से 5 लाख तक 5 फीसदी यानी 10,000 रुपए का इनकम टैक्स. 
  • 5 लाख से 10 लाख तक 20 फीसदी 4.50 लाख का 20% (90,000) रुपए का इनकम टैक्स देना होगा.
  • ओल्ड टैक्स रिजीम में रमन को कुल  टैक्स 1 लाख रुपए से ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा. 
  • हालांकि रमन HRA, LTA, 80 C के तहत डेढ़ लाख तक की टैक्स बचत, 80 D के तहत 75 हजार तक टैक्स छूट पा सकते हैं. 
  • इसके अलावा 80CCD(1B) , 80 D, 24(b), धारा 80E के प्रावधानों में निवेश कर क्लेम करके अपना पूरा टैक्स 0 कर सकते हैं. 

ओल्ड टैक्स रिजीम में आयकर बचाने के लिए कहां-कहां कर सकते हैं निवेश, यहां देखें Full डिटेल

ध्यान देने वाली बात है कि पिछले बजट में नई कर व्यवस्था मे स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया गया है. वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में यह 50,000 रुपए ही है. आने वाले बजट में सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर सकती है. इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत टैक्स रिबेट की बात करें तो नए टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपए तक की सैलरी पर 25,000 रुपए तक का टैक्स रिबेट मिलता है. जैसे ही सैलरी 7 लाख 1 रुपए होगी तो ये रिबेट नहीं मिलेगा. वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपए तक की सैलरी पर 12,500 का टैक्स रिबेट मिलता है. जैसे ही सैलरी 5 लाख 1 रुपए होगी तो ये रिबेट नहीं मिलेगा. 

यहां देखिए वर्तमान टैक्स स्लैब का चार्ट

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