छत्तीसगढ़ का मैनपाट, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ भी कहा जाता है, अब राज्य का प्रमुख टूरिज्म हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. सरगुजा जिले में स्थित यह खूबसूरत हिल स्टेशन समुद्र तल से लगभग 3,780 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां सालभर ठंडी और ताजी हवा बहती है. हरियाली से ढके जंगल, झरने और घाटियां इसे प्रकृति प्रेमियों और शांत वातावरण की तलाश करने वालों के लिए आदर्श स्थल बनाते हैं.
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मैगनेटिक हिल और झरने बन रहे मुख्य आकर्षण
मैनपाट का सबसे अनोखा आकर्षण है मैगनेटिक हिल, जहां गाड़ी को न्यूट्रल करने पर वह अपने आप चढ़ाई की ओर खिंचती है. यह रहस्यमय अनुभव यहां आने वाले पर्यटकों के लिए रोमांचकारी होता है. इसके अलावा टीपापुर और तलगांव झरने भी बेहद लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट हैं, जहां परिवार और दोस्त प्रकृति की गोद में सुकून के पल बिता सकते हैं.
बौद्ध संस्कृति और तिब्बती समुदाय का अद्भुत मेल
मैनपाट न केवल प्राकृतिक सुंदरता बल्कि सांस्कृतिक विविधता के लिए भी जाना जाता है. 1960 के दशक में तिब्बत से आए शरणार्थियों ने यहां बसकर तिब्बती बौद्ध संस्कृति को जीवंत रखा है. रावलमठ बौद्ध मठ और तिब्बती कॉलोनियां आज भी पर्यटकों को अलग संस्कृति और शांतिपूर्ण वातावरण का अनुभव कराती हैं.
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कैंपिंग और एडवेंचर का भी है मौका
जो पर्यटक सिर्फ सैर-सपाटा नहीं, बल्कि कुछ एडवेंचर चाहते हैं, उनके लिए मैनपाट एक आदर्श स्थल है. यहां कैम्पिंग, ट्रेकिंग और जंगल सफारी जैसी गतिविधियों का लुत्फ उठाया जा सकता है. जंगलों में ट्रेकिंग के दौरान आपको हिरण, नीलगाय और पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियाँ देखने को मिल सकती हैं.
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी रौनक
मैनपाट में मई के पहले हफ्ते में 'मैनपाट समर फेस्टिवल' का आयोजन होने वाला है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, हस्तशिल्प प्रदर्शनी और लोक नृत्य होंगे. टूरिज्म बोर्ड का दावा है कि इस साल मैनपाट में सैलानियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 30% ज्यादा होगी. अगर आप भी गर्मी से राहत और रोमांच का मजा लेना चाहते हैं, तो मैनपाट आपका इंतजार कर रहा है.
कैसे पहुंचे मैनपाट?
मैनपाट तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अंबिकापुर है, जो लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित है. सड़क मार्ग से मैनपाट की यात्रा खूबसूरत पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरती है. रायपुर से यहां की दूरी लगभग 360 किलोमीटर है.
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