जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. इस भयावह हमले के बीच एक कपड़ा व्यापारी ने अपनी सूझबूझ से 11 लोगों की जान बचाकर मिसाल कायम कर दी. चश्मदीदों के अनुसार अगर नजाकत अली वहां न होते, तो मरने वालों की संख्या और ज्यादा हो सकती थी.
ADVERTISEMENT
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के चिरमिरी क्षेत्र के चार दोस्त अपने-अपने परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टियां बिताने 18 अप्रैल को कश्मीर पहुंचे थे. 21 अप्रैल को ये सभी पहलगाम आए और अगले दिन बैसरन की ओर घूमने निकले.
फायरिंग के बाद मची भगदड़
22 अप्रैल को जब सभी पर्यटक कुलदीप, शिवांश जैन, हैप्पी बधावान और अरविंद्र अग्रवाल, बैसरन में थे. इस बीच शिवांश जैन ने अपने परिवारवालों को बताया कि हमले की वजह से लैंडस्लाइड होने की वजह से रास्ता बंद हो गया. इसी दौरान टूरिस्ट रोड के दोनों फंस गए. बताया का रहा कि इस बीच आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिससे वहां भगदड़ वाली स्थिति उत्पन्न हो गई . मौके पर मौजूद कपड़ा व्यापारी नजाकत अली ने यहां फंसे 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
नजाकत बन गए फरिश्ता
जानकारी के मुताबिक हर साल सर्दियों में चिरमिरी कपड़े बेचने आने वाले नजाकत अली की इन परिवारों के साथ पहचान होने की वजह से सभी दोस्त अपनी परिवार के साथ घूम रहे थे. जब फायरिंग शुरू हुई, तो वे घबराए नहीं. उन्होंने इस दौरान समझदारी से काम लिया और सभी को सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दिया. नजाकत पहलगाम के ही निवासी हैं और उन्हीं की मदद से ये सभी परिवार कश्मीर घूमने पहुंचे थे.
बीजेपी नेता का परिवार भी फंसा
बता दें कि कुलदीप स्थापक की पत्नी पूर्वा स्थापक चिरमिरी नगर निगम के वार्ड-13 से बीजेपी की पार्षद हैं. वे भी हमले के समय परिवार के साथ वही मौजूद थीं. कुलदीप के मामा राकेश परासर ने बताया कि परिवार में तीन बच्चे भी थे, लेकिन नजाकत अली ने सभी को लॉज तक पहुंचा दिया. इसके बाद सेना के वाहनों की मदद से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया.
एहसान कभी नहीं चुका पाएंगे - BJP नेता
वहीं इस पर छत्तीसगढ़ भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश विशेष अरविन्द एस अग्रवल ने अपने फेसबुक से एक पोस्ट शेयर कर नजाकत अली के इस मदद की तारीफ की. उनके फोटो पोस्ट कर हुए लिखा, "आपने अपनी जान दांव में लगाकर हमारी जान बचाई , हम नजाकत भाई का एहसान कभी नहीं चुका पाएंगे."
सभी लोग सुरक्षित
शिवांश जैन की मां के अनुसार, उनका बेटा, बहू और पोता पूरी तरह सुरक्षित हैं. हमले के बाद सभी परिवार होटल लौट आए और फिर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए. परिजनों ने हमले की खबर मिलते ही अपनों से संपर्क किया, जिससे थोड़ी राहत मिली.
ये भी पढ़िए: बिहार से गरजे मोदी, पाक को सीधा संदेश, कहा- ऐसा बदला लेंगे जिसकी कल्पना भी...
ADVERTISEMENT