दिल्ली के सीएम का नाम तय! अब जानिए किसे मिल सकती है दिल्ली कैबिनेट में जगह?

दिल्ली चुनाव के बाद ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी सरकार में सीएम के अलावा वो 6 चेहरे कौन होंगे जो सीएम के साथ कैबिनेट मंत्री की शपथ लेगें. तो ऐसे में आइए जानते हैं दिल्‍ली की नई भाजपा सरकार के मंत्रीमंडल में कौन-कौन से चेहरे शामिल हो सकते हैं?

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दिनेश यादव

19 Feb 2025 (अपडेटेड: 19 Feb 2025, 06:45 PM)

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दिल्ली चुनाव के नतीजे आए 11 दिन हो गए हैं, लेकिन दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये तय नहीं हो पाया है. हालांकि 19 फरवरी की शाम 7 बजे होने वाली विधाायक दल की बैठक में सीएम का नाम तय हो जाएगा. जिसके शपथ ग्रहण के कार्ड भी बंट गए है. 20 फरवरी को 12 बजकर 35 मिनट का समय भी तय हो गया है. इस के साथ ही बीजेपी ने ये भी एलान किया है कि सीएम के साथ कैबिनेट मंत्रियों की भी शपथ होगी.

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ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी सरकार में सीएम के अलावा वो 6 चेहरे कौन होंगे जो सीएम के साथ कैबिनेट मंत्री की शपथ लेगें. तो ऐसे में आइए जानते हैं दिल्‍ली की नई भाजपा सरकार के मंत्रीमंडल में कौन-कौन से चेहरे शामिल हो सकते हैं?

ये हो सकते हैं संभावित मंत्री?

दिल्ली की कैबिनेट में मंत्रियों का चयन करते हुए जाट, दलित, महिला, पूर्वांचली समाज को साधने का प्रयास करेगी..
जिसमें विजेंद्र गुप्‍ता, मोहन सिंह बिष्‍ट, प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्‍ता, कैलाश गहलोत, पंकज चौधरी, कैलाश गंगवाल का नाम शामिल है. अब इन चेहरों की चर्चा क्यों हो रही है इसे भी समझ लीजिए.

सबसे पहले बात प्रवेश वर्मा की... 

चुनाव के बाद प्रवेश वर्मा का सीएम लिस्‍ट में नाम आगे चल रहा था..हालांकि अगर वो सीएम पद से चूके तो उनका मंत्री बनना तय है..प्रवेश वर्मा ने नई दिल्‍ली विधासनसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर भाजपा की प्रचंड जीत का मजा दोगुना किया था..साथ ही पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे होने के अलावा बीजेपी के मौजूदा विधायकों में सबसे बड़ा जाट चेहरा हैं..

विजेंन्‍द्र गुप्‍ता 

वैश्‍य समाज से ताल्‍लुक रखने वाले विजेंद्र गुप्‍ता का नाम सीएम की रेस में भी शामिल बताया जा रहा है लेकिन अगर सीएम नहीं बने तो इनका मंत्री बनना तय है..रोहिणी सीट पर भाजपा को लगातार तीसरी बार जीत दिलाने वाले विजेंद्र गुप्‍ता केजरीवाल सरकार के खिलाफ सदन और दिल्‍ली की सड़कों पर उतरकर आवाज उठाते रहे हैं..आम आदमी पार्टी की दोनों ही सरकार में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं

मोहन सिंह बिष्‍ट 

जिन्होंने करावल नगर से टिकट कटने के बावजूद  मुस्‍तफाबाद की 40 प्रतिशत मुस्लिम बहुल्‍य सीट पर भगवा फहराया है..बिष्ट के लिए प्रचार करने आए अमित शाह ने भरे मंच से लोगों के सामने ये ऐलान भी किया था कि आप मोहन जी को जिताकर भेजिए इन्हें सम्मान देने का काम हम करेंगे..ऐसे में मोहन सिंह बिष्ट को इस बड़ी जीत का इनाम उन्‍हें मंत्री बनाकर देना तय माना जा रहा है.

रेखा गुप्‍ता 

हालांकि रेखा गुप्‍ता का नाम सीएम की रेस में शामिल बताया जा रहा है लेकिन हर हाल में इनका दिल्‍ली भाजपा सरकार में मंत्री बना तय है क्योंकि रेखा गुप्ता का बैकग्राउंड संघ से है..महिला मंत्री को कैबिनेट में शामिल कर बीजेपी महिला वोटरों के बीच संदेश देना चाहेगी.

कैलाश गंगवाल

जो दलित चेहरा है. पहली बार विधायक बने हैं..बड़ी जीत के बाद भी बीजेपी दलित सीटों में बड़ी सेंधमारी नहीं कर पाई..ऐसे में गंगवाल को दलित चेहरे के रूप में कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.

चंदन चौधरी 

दिल्‍ली की संगम विहार सीट से भाजपा को जीत दिलाने वाले चंदन चौधरी भी दिल्‍ली भाजपा कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं. युवा हैं और सबसे बड़ी बात पूर्वांचली हैं.

कैलाश गहलोत

आम आदमी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कैलाश गहलोत को गर्वनेंस का अनुभव है..जिस वजह से उनकी भी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. इसके अलावा आपको बता दें कि दिल्ली की हर सरकार की कैबिनेट में यमुना पार के मंत्रियों का दबदबा रहा है.

क्या हुआ था मदन लाल खुराना के समय 

साल 1993 में पहली बार दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी. मदन लाल खुराना मुख्यमंत्री बने तो उस समय यमुनापार में बीजेपी ने 16 में से 15 सीटें जीती थीं. तब घोंडा विधायक लाल बिहारी तिवारी को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग दिया गया जबकि कृष्णा नगर विधायक डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य विभाग संभाला था.

कांग्रेस सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य में यमुनापार का दबदबा रहा..उस समय गीता कॉलोनी से विधायक डॉ. एके वालिया स्वास्थ्य मंत्री रहे. गांधी नगर से विधायक अरविंदर सिंह लवली ने शिक्षा का जिम्मा संभाला और शाहदरा से विधायक डॉ. नरेंद्र नाथ ऊर्जा मंत्री रहे.

आम आदमी पार्टी की सरकार में यमुनापार से तीन मंत्री रह चुके हैं. मनीष सिसोदिया उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री थे, समाज कल्याण विभाग सीमापुरी विधायक राजेंद्र पाल गौतम के पास था और पर्यावरण मंत्रालय बाबरपुर विधायक गोपाल राय के पास था इसके अलावा साल  2015 में करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा को सरकार में जल मंत्री बनाया गया था.

यमुनापार ने बीजेपी को 16 में से 11 सीटें दी हैं

साल 2020 में आम आदमी पार्टी की लहर में यमुनापार ने छह सीटें जीतकर भाजपा की लाज बचाई थी. घोंडा से अजय महावर, रोहतास नगर से जितेंद्र महाजन, करावल नगर और अब मुस्तफाबाद से मोहन सिंह बिष्ट और विश्वास नगर से ओपी शर्मा ने लगातार जीत दर्ज की है.

ऐसे में अगर यमुनापार को तवज्जो देने वाली रवायरत इस सरकार में भी जारी रहती है तो कम से कम यमुनापार के 2 मंत्रियों का दबदबा बीजेपी की सरकार में देखने को मिलेगा..अब कौन सीएम की शपथ लेगा और कौन मंत्री की अब इंतजार की उलटी घड़ियां शुरू हो गईं. 7 बजे विधायक दल की बैठक के बाद सब कुछ तय हो जाएगा.

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