Justice Yashwant Verma के घर के बाहर मिले आधे जले नोट, सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड की जांच रिपोर्ट की सार्वजनिक!

Justice yashwant verma news: दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच तेज हो गई है. उनके घर के बाहर से जले हुए नोटों के बंडल मिलने से नया विवाद खड़ा हो गया है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर दी है.

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News Tak Desk

23 Mar 2025 (अपडेटेड: 23 Mar 2025, 06:26 PM)

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कैश कांड में फंसे दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच तेज हो गई है. इसी बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उनके घर के बाहर से जले हुए नोटों के बंडल दिख रहे हैं, जिससे मामला और गंभीर हो गया है.  इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, जिसमें अधजले नोटों की तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं.

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आग के बाद सामने आया ‘कैश कांड’

बता दें कि 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित तुगलक रोड आवास में आग लगने की सूचना मिली थी. फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन जब अधिकारी पहुंचे तो स्टोर रूम पहुंचे, तो वहां बोरियों में नोटों के बंडल देखकर हैरान रह गए थे. इसमें  कुछ अधजले नोट थे. वहीं, अब NDMC की सफाई टीम को घर के बाहर भी जले हुए नोटों के अवशेष मिले हैं, जिससे नए सवाल खड़े हो गए हैं.

नकदी पर फायर ब्रिगेड के प्रमुख का बयान

आपको बता दें कि  सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी रविवार कोजांच के सिलसिले में  दिल्ली फायर सर्विस स्टेशन स्थित फायर ब्रिगेड प्रमुख अतुल गर्ग के आवास पहुंचे. अतुल ने दो दिन पहले एक  बयान कहा था कि जब उनकी टीम मौके पर पहुंची, तो उन्हें स्टोर रूम में घरेलू सामान और स्टेशनरी जली हुई मिली, लेकिन कोई नकदी नहीं दिखी. आग पर 15 मिनट में काबू पा लिया गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट में अधजले नोटों के बंडल मिलने की पुष्टि की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक की रिपोर्ट

वहीं, शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी वेबसाइट पर 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी , जिसमें सिफारिश की गई है कि जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए. इस रिपोर्ट में  जस्टिस वर्मा के जवाब को भी शामिल किया है. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों खारिज किया है. उन्होंने कहा कि ये उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश लग रही है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर का था प्रस्ताव

आपको बता दें कि जब मामले को लेकर विवाद और बढ़ तो जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर की बात  सामने आई हैं.  इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा  जैसे इस मामले को निपटाया जा रहा है, उससे जनता का भरोसा डगमगा रहा है. एक बार जनता का भरोसा समाप्त हो गया तो पूरा लोकतंत्र ही खत्म हो जाएगा.

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