राहुल गांधी के हाथों में लाल रंग की एक किताब तो आपने जरूर देखी होगी. ये किताब लोकसभा चुनाव के दौरान भी देखी गई. अब महाराष्ट्र चुनाव की रैली में राहुल गांधी के हाथों में फिर ये लाल किताब दिखने लगी. इसपर महायुति ने हमला बोल दिया. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और वर्तमान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- 'राहुल गांधी लाल किताब लेकर अर्बन नक्सलियों और अराजक तत्वों से समर्थन लेने की कोशिश कर रहे हैं.'
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महायुति के इस गंभीर आरोप पर कांग्रेस पार्टी के लीडर जयराम रमेश समेत दूसरे नेताओं ने पलटवार किया है. जयराम रमेश सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए पीएम मोदी और अमित शाह कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. साथ ही उन्होंने केके वेणुगोपाल की लिखी प्रस्तावना के अंश भी शेयर किए हैं.
जयराम रमेश ने कहा- देवेंद्र फडणवीस हताश हो रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी पर तथाकथित "अर्बन नक्सलियों" से समर्थन प्राप्त करने के लिए "लाल किताब" दिखाने का आरोप लगाया है. जिस किताब पर श्री फडणवीस आपत्ति जता रहे हैं, वह भारत का संविधान है, जिसके मुख्य निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर हैं. यह भारत का वही संविधान है जिस पर नवंबर 1949 में आरएसएस ने हमला किया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं है. यह भारत का वही संविधान है जिसे गैर-जैविक प्रधानमंत्री बदलना चाहते हैं.'
जयराम रमेश ने आगे कहा- 'जहां तक "लाल किताब" का सवाल है, श्री फडणवीस को पता होना चाहिए कि इसमें भारत के सबसे प्रतिष्ठित कानूनी व्यक्तित्वों में से एक के.के. वेणुगोपाल द्वारा लिखी गई प्रस्तावना है, जो 2017-2022 के दौरान भारत के अटॉर्नी जनरल थे. इससे पहले गैर-जैविक देवता और स्वयंभू चाणक्य को भी लाल किताब भेंट की जा चुकी है. जहाँ तक "अर्बन नक्सल" का सवाल है, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 9 फरवरी, 2022 और 11 मार्च, 2020 को संसद को बताया कि भारत सरकार इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करती है. श्री फडणवीस को पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए.'
ध्यान देने वाली बात है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नागपुर की रैली में भी राहुल गांधी के हाथ में ये लाल किताब दिखाई दिया. मोदी सरकार और महायुक्ति पर संविधान के बहाने राहुल गांधी ने हमला बोला. लेकिन भाषण खत्म होने के अगले ही दिन बीजेपी ने राहुल गांधी के हाथों में संविधान की लाल किताब को लेकर आरोप लगा दिया. बीजेपी का आरोप है कि नागपुर की रैली में जिस 'लाल किताब' को राहुल गांधी ने लहराया, जिसके कवर पर कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया लिखा हुआ था, उस लाल किताब के अंदर कोरे पन्ने थे. बाहर संविधान लिखा और अंदर खाली पन्ने थे.
कांग्रेस ने कहा- हमने नोटपैड बांटा था
हालांकि कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को नोटपैड बांटा है. जबकि, बीजेपी इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो गई है. राहुल गांधी की नागपुर रैली को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है. बीजेपी कांग्रेस नेता की इस रैली पर जमकर निशाना साधते हुए कह रही है कि कांग्रेस पार्टी संविधान को नोटपैड की तरह इस्तेमाल कर रही है. बीजेपी ने कोरे कागज का हवाला देते हुए इसका वीडियो वायरल किया है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि,राहुल गांधी द्वारा भारत के संविधान के प्रति अनास्था स्पष्ट रूप से देखी गई. मेरा आरोप सही साबित हुआ. वे लाल किताब हाथ में लेकर संविधान का गौरव नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके साथ मौजूद अर्बन नक्सली और अलगाववादी ताकतों को संकेत देने, उनकी सहायता लेने के लिए यह नाटक और नौटंकी कर रहे हैं. वे रोज संविधान का अपमान कर रहे हैं.
नोटपैड पर हमलावर क्यों है BJP? देखें
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भी किया पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भी पलटवार किया. वडेट्टीवार ने कहा,'राहुल गांधी के नागपुर दौरे से बीजेपी इतनी डरी हुई क्यों है? संविधान सम्मान सम्मेलन में आए हुए मान्यवरों को नोटपैड और पेन दिए जाते हैं. उसी नोटपैड का वीडियो बनाकर इस तरह के बेतुके आरोप लगाना दूर-दूर तक समझदारी नहीं दिखाता. राहुल गांधी नागपुर आए तो बीजेपी वाले इतने घबरा गए? फेक नैरेटिव बनाने वालों, डरो मत. संविधान और राहुल गांधी समय-समय पर तुम्हारे झूठ का पर्दाफाश करेंगे. यह तो बस शुरुआत है.'
विजय वडेट्टीवार के ट्वीट पर बीजेपी ने दोबारा जवाब दिया है. BJP ने कहा,'सत्य स्वीकारने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. राहुल गांधी के 'नकली संविधान' का खुलासा होने के बाद विजय वडेट्टीवार इसे संभालने आए हैं.
राहुल गांधी संविधान लेकर क्यों घूम रहे
दरअसल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के पहले से कांग्रेस पार्टी बीजेपी को संविधान के मुद्दे पर घेर रही है. कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि बीजेपी 400 सीटों के साथ सत्ता में आई तो संविधान बदल देगी. हालांकि, इसके बाद भी बीजेपी गठबंधन के साथियों के साथ केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे को अब तक नहीं छोड़ा है. इससे पहले भी कई रैलियों में राहुल गांधी संविधान की कॉपी मंच से लोगों को दिखा चुके हैं. अब महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव है, मतदान 20 नवंबर को और मतगणना 23 नवंबर को होगा. इस बीच एक बार फिर से राहुल की संविधान की लाल किताब पर सियासत गरमा गई है.
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