सिरसा में BJP को लगा बड़ा झटका, जिस गोपाल कांडा के लिए वापस लिया था कैंडिडेट, वो बुरी तरह हारे

सुमित पांडेय

• 05:15 PM • 08 Oct 2024

Haryana Election Results 2024: राष्ट्रीय लोकहित पार्टी के उम्मीदवार भाजपा समर्थित गोपाल कांडा चुनाव हार गए हैं. उन्हें कांग्रेस के गोकुल सेतिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा है. कांडा की हार तब हुई है, जब बीजेपी ने उनके खिलाफ अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लिया था.

गोपाल कांडा

सिरसा सीट से गोपाल कांडा का समर्थन कर सकती है बीजेपी (फाइल फोटो)

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Haryana Election Results: हरियाणा विधानसभा चुनाव बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की तरफ मजबूती से बढ़ रही है. हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक सिरसा की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. सिरसा से बीजेपी ने गोपाल कांडा को जितवाने के लिए अपने प्रत्याशी की उम्मीदवारी आखिरी मौके पर वापस ले लिया था, लेकिन अब बीजेपी को यहां बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय लोकहित पार्टी (HLP) के गोपाल कांडा चुनाव हार गए हैं. उन्हें कांग्रेस के गोकुल सेतिया ने 7234 वोटों से हरा दिया. गोपाल कांडा को बड़ा झटका लगा है.

गोपाल कांडा की करारी हार

हॉट सीट सिरसा विधानसभा का फाइनल रिजल्ट आ गया है. राष्ट्रीय लोकहित पार्टी के उम्मीदवार भाजपा समर्थित गोपाल कांडा चुनाव हार गए हैं. गोपाल कांडा को कुल 71786 वोट मिले हैं. वहीं, कांग्रेस के गोकुल सेतिया को 79020 वोट मिले हैं. गोपाल कांडा की हार 7234 वोटों से हुई है. कांडा की हार तब हुई है, जब बीजेपी ने उनके खिलाफ अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लिया था. इसके बावजूद उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, जननायक पार्टी के उम्मीदवार को महज 1762 वोट मिले हैं. सिरसा गोपाल कांडा का पहले से गढ़ रहा है. इसके बावजूद इस बार उन्हें वहां की जनता ने ठुकरा दिया है.

बता दें कि सिरसा सीट पर अभी गोपाल कांडा का ही कब्जा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में गोकुल सेतिया से वह बस 600 वोटों से चुनाव जीते थे. 2014 में गोपाल कांडा करीब 6000 वोटों से चुनाव हार गए थे. ऐसे में इस बार भी गोपाल कांड की राहें आसान नहीं दिख रही है. बता दें कि सिरसा से बीजेपी कैंडिडेट रोहतास जांगड़ा ने अचानक अपना नामांकन वापस ले लिया है. रोहतास का नाम बीजेपी की तीसरी और अंतिम लिस्ट में जारी किया गया था.

कौन हैं गोपाल कांडा?

गोपाल कांडा हरियाणा के सिरसा सीट से मौजूदा विधायक हैं, और उनका सफर काफी दिलचस्प और उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. उनके पिता मुरलीधर एक प्रसिद्ध वकील थे, और गोपाल कांडा ने अपने करियर की शुरुआत 90 के दशक में एक छोटी सी रेडियो रिपेयर की दुकान 'जूपिटर म्यूजिक होम' खोलकर की थी. इसके बाद उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर 'कांडा शू शॉप' शुरू की, जिससे उनकी नेताओं और अफसरों से नजदीकियां बढ़ीं. कांडा ने बाद में शू फैक्ट्री की स्थापना की और चौटाला परिवार के करीब आ गए.

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1999 से 2004 के बीच उनके व्यापार में तेजी से विस्तार हुआ. 2007 में, कांडा ने अपने पिता के नाम पर MDLR (मुरलीधर लख राम) एयरलाइंस शुरू की, लेकिन यह एयरलाइंस 2009 में बंद हो गई. इसी साल उन्होंने राजनीति में कदम रखा और निर्दलीय चुनाव लड़कर सिरसा से जीत हासिल की. इसके बाद वह हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री बने. हालांकि, 2012 में उनकी एयरलाइंस की एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली, और सुसाइड नोट में गोपाल कांडा पर गंभीर आरोप लगाए गए. इस मामले में कांडा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल भी जाना पड़ा.

कांडा को 2014 में मिली थी बड़ी हार 

जेल से छूटने के बाद, कांडा ने हरियाणा लोकहित पार्टी बनाई, लेकिन 2014 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. फिर 2019 में उन्होंने सिरसा से फिर से जीत हासिल की और बीजेपी को समर्थन दिया. 2023 में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गीतिका शर्मा मामले में उन्हें और अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया.

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