राजनीति में हमेशा वक्त एक जैसा नहीं रहता. सत्ता के साथ रहने का अलग सुख है. सत्ता चले का दुख अलग है. ओडिशा में नवीन पटनायक ने करीब 25 साल तक राज किया. ओडिशा में तैनात आईएएस वीके पांडियन इतने सुहाए कि अपना बना लिया. 13 साल सीएम के प्राइवेट सेक्रेटी बनकर साथ रहे पांडियन. इतने करीब हो गए कि नवीन पटनायक को भविष्य दिखने लगा. नवीन बाबू बीजेडी की राजनीतिक विरासत सौंपने के लिए आईएएस जैसी नौकरी छुड़वाकर राजनीति में ले लाए.
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कहा जाता है कि ओडिशा में चुनाव नवीन पटनायक नहीं, वीके पांडियन लड़ रहे थे. पांडियन ही ओडिशा सरकार और बीजेडी चला रहे थे. बीजेपी को पांडियन का कद बेहद अखरता रहा. 2024 के चुनावों ने बीजेडी, नवीन पटनायक के साथ वीके पांडियन की तकदीर बदल दी. एक झटके में राजपाट सत्ता सुख चला गया. वीके पांडियन का आईएस छोड़कर राजनीति में आना बेहद बुरा साबित हुआ. झटका इतना बड़ा लगा कि हारते ही पांडियन अंडरग्राउंड हुए. फिर राजनीति से संन्यास ले लिया. अरसे से वीके पांडियन न कहीं दिखे हैं, न कहीं चर्चे हैं.
सुजाता कार्तिकेयन सुर्खियों में
नवीन पटनायक को हराकर सत्ता में आई बीजेपी अब पांडियन के हिस्से वाली सजा उनकी पत्नी सुजाता कार्तिकेयन को मिल रही है. सुजाता कार्तिकेयन भी सीनियर आईएएस अफसर हैं और ओडिशा सरकार में तैनात हैं. 4 जून को चुनाव के नतीजे आने से पहले ही सुजाता कार्तिकेयन 31 मई से लंबी छुट्टी पर चली गईं थी. सुजाता और पांडियन की बेटी को 10th का एक्जाम देना था. इसी नाम पर चाइल्ड केयर लीव ग्राउंड पर 6 महीने की छुट्टी ली थी. तब नवीन पटनायक और वीके पांडियन को ही लीव सैंक्शन करनी थी इसलिए आसानी से हो गई. सैलरी भी मिलती रही. मामला बुरी तरह गड़बड़ाने लगा है अब.
सुजाता ने 27 नवंबर से लीव एक्सटेंशन की एप्लिकेशन लगाई थी. बीजेपी की मोहन मांझी सरकार ने लीव एक्सटेंशन देने से मना कर दिया है. सुजाता कार्तिकेयन की पोस्टिंग ओडिशा के वित्त विभाग में स्पेशल कमिश्नर पद पर है. तुरंत सुजाता से ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा. समय और सत्ता बदलता देख बिना आनाकानी किए सुजाता कार्तिकेयन ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली.
बीजेपी कर चुकी है शिकायत
आईएएस सुजाता कार्तिकेयन से बीजेपी पहले से चिढ़ी बैठी है. नवीन पटनायक की सरकार के रहते बीजेपी ने चुनाव आयोग से सुजाता को लेकर कई शिकायतें की थी. सरकारी पद पर रहते हुए बीजेडी के लिए काम करने का आरोप लगाया था. तब सुजाता की पोस्टिंग नवीन पटनायक के महिलाओं के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मिशन शक्ति में थी.
सुजाता बतौर कमिश्नर कम सेक्रेट्री मिशन शक्ति पर काम कर रही थीं. प्रोजेक्ट में बहुत सारे सेल्फ हेल्थ ग्रुप के साथ 70 लाख महिलाएं जुड़ी थीं. बीजेपी ने आरोप लगाया कि उन ग्रुप्स की महिलाओं को सुजाता बीजेडी वोटर बनाने का काम कर रही हैं. ओडिशा के सबसे पावरफुल आईएएस की पत्नी होने के नाते सुजाता पर ये आरोप आसानी से चिपक गया. चुनाव आयोग ने चुनाव के बीच सुजाता का ट्रांसफर कर दिया. उसी के बाद सुजाता ने लंबी छुट्टी पर चली गईं.
कौन हैं सुजाता
सुजाता कार्तिकेयन ने 2000 में आईएएस ज्वाइन की थी. उसी बैच से वीके पांडियन भी आईएएस बने थे. दोनों तमिलनाडु के रहने वाले हैं. दोनों ने शादी भी कर ली. सुजाता को ओडिशा कैडर, पांडियन को पंजाब कैडर मिला था. पत्नी के ओडिशा में पोस्टेड होने के नाम पर पांडियन ने भी अपना कैडर ओडिशा ट्रांसफर करा लिया. 2001 के साइक्लोन के हालात संभालकर नवीन पटनायक की नजरों में आए. उसी से बदल गई तकदीर. अभी भी ये सवाल बना हुआ है कि बीजेपी के साथ सुजाता की कैसी निभेगी. ये भी सवाल है कि सिर्फ 50 साल में आईएएस जैसी नौकरी करने और सत्ता सुख भोगने के बाद पांडियन आगे क्या करने वाले हैं.
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