Haryana Election News: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी खबर सामने आ रही है. सिरसा से बीजेपी कैंडिडेट रोहतास जांगड़ा ने अचानक अपना नामांकन वापस ले लिया है. रोहतास का नाम बीजेपी की तीसरी और अंतिम लिस्ट में जारी किया गया था. अचानक उनके नाम वापसी से तमाम अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं. हालांकि रोहतास ने अपना नाम बीजेपी के कहने पर वापस लिया है. अब इस सीट पर बीजेपी गोपाल कांडा का समर्थन करेगी. गोपाल कांडा इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
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दरअसल, हरियाणा चुनाव के नामांकन वापसी के अंतिम दिन इसे बीजेपी का बड़ा दांव माना जा रहा है. बीजेपी ने हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के उम्मीदवार गोपाल कांडा के समर्थन करने का फैसला लिया है. समझौते के तहत गोपाल कांडा रानिया सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस लेंगे.
अब बीजेपी 89 सीट पर लड़ेगी चुनाव!
बीजेपी ने हरियाणा की सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. एक कैंडिडेट के नाम वापसी के बाद 89 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं. सोमवार की सुबह बीजेपी ने पार्टी की गुप्त मीटिंग बुलाई और उसके बाद सिरसा विधानसभा सीट से प्रत्याशी वापस लेने का फैसला किया. नामांकन वापसी का ऐलान करते हुए रोहतास जांगड़ा ने कहा कि उन्होंने पार्टी के फैसले का सम्मान करते हुए यह फैसला किया है.
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गोपाल कांडा के भाई ने भी रिजेक्ट करवाया नामांकन
इससे एक दिन पहले ही फतेहाबाद से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरने वाले सिरसा के बीजेपी नेता गोबिंद कांडा का नामांकन शुक्रवार को रिजेक्ट हो गया था. छंटनी के दौरान गोबिंद कांडा समेत आठ प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हुए हैं, जिनमें अधिकतर कवरिंग कैंडिडेट थे. गोबिंद कांडा का नामांकन इसलिए रद्द किया गया क्योंकि वे गुरुवार को नामांकन करने के लिए एसडीएम ऑफिस नहीं आए, बल्कि अपनी लीगल टीम को भेजा था. गोबिंद कांडा, गोपाल कांडा के भाई हैं.
कांडा ने धर्मेंद्र प्रधान से की थी मुलाकात!
गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) एनडीए में शामिल है. इससे पहले कांडा ने बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाकात की थी. सूत्रों की मानें तो हलोपा हरियाणा की 90 में से आधा दर्जन सीटों पर दावेदारी जता रही है. हालांकि अब लगता है कि दोनों पार्टियों के बीच समन्वय बन गया है.
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कौन हैं गोपाल कांडा?
गोपाल कांडा हरियाणा की सिरसा सीट से मौजूदा विधायक हैं. इनके पिता मुरलीधर शहर के जाने-माने वकील थे. गोपाल कांडा ने नब्बे के दशक में रेडियो रिपेयर की दुकान जूपिटर म्यूजिक होम खोली थी. इसके बाद भाई के साथ मिलकर नया काम कांडा शू शॉप शुरू किया. इस दौरान नेताओं-अफसरों से नजदीकी बढ़ी, तो शू फैक्ट्री शुरू कर दी. चौटाला परिवार के करीब आने पर 1999 के दौरान 2004 के बीच कांडा बंधुओं का कारोबार काफी फैला. साल 2007 में कांडा ने पिता के नाम पर MDLR (मुरली धर लख राम) नई एयरलाइंस शुरू की. 2 साल बाद 2009 में एयरलाइंस को बंद कर दिया गया.
2009 में गोपाल कांडा की राजनीति में एंट्री
गोपाल कांडा की राजनीति में एंट्री साल 2009 में हुई. गोपाल कांडा निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते. इसके बाद वह हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री बने. 5 अगस्त 2012 को उनकी एयरलाइंस की एयर होस्टेस गीतिका ने आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में गोपाल कांडा पर आरोप लगा दिए. गोपाल कांडा ने साल 2012 में एयर होस्टेस गीतिका शर्मा मामले में फंसने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और फिर जेल जाना पड़ा.
जेल से छूटने के बाद गोपाल कांडा ने हरियाणा लोकहित पार्टी बनाई, लेकिन 2014 में वह चुनाव हार गए. इसके बाद 2019 में सिरसा से चुनाव जीता और बीजेपी को समर्थन दिया. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2023 में गीतिका मामले में गोपाल कांडा और दूसरी आरोपी अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया था.
बता दें कि भाजपा शासित हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी.
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