Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में दिवाली के बाद चुनावी घमासान बढ़ गया है. प्रदेश की 288 विधानसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर का अनुमाना लगाया जा रहा है. दोनों की पक्षों में सहयोगी दलों की भूमिका भी बड़ी रहने वाली है. आचार संहिता लगने से पहले पहले शिंदे सरकार द्वारा लाई गई एक योजना बीजेपी और उनके सहयोगियों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है.
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बता दें कि शिंदे सरकार ने सितंबर में 'मेरी लाडली बहना योजना' शुरू की थी और अब चुनाव में उन्हें इसका फायदा होता दिखाई दे रहा है. जो महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं, उनमें इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है. वहीं सी वोटर ट्रैकर का ताजा सर्वे महाविकास अघाड़ी (MVA) के होश उड़ाने वाला है.
सी-वोटर के ताजा ट्रैकर के मुताबिक, 45.4 फीसदी लोग मेरी लाडली बहना योजना से खुश हैं. इस योजना के चलते इनका झुकाव शिंदे सरकार के पक्ष में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. दूसरी नंबर पर महासेहतकारी योजना को 9.9 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं. तीसरे नंबर पर महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना है, जिसे 7.6 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं.
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लाडली बहना योजना योजना पर दो सर्वे के नतीजे
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की तर्ज पर प्रदेश में मेरी लाडली बहना योजना लागू की, जिसका खासा असर महिलाओं में देखने को मिल रहा है. Lokniti-CSDS ने इस योजना को लेकर दो सर्वे किए, जिसके मुताबिक 45 फीसदी बहनें महायुति के पक्ष में हैं और 41 फीसदी खिलाफ हैं. सी वोटर ट्रैकर के मुताबिक 45.4 फीसदी लोग मेरी लाडली बहना योजना से खुश हैं. कुल मिलाकर दोनों सर्वे रिपोर्ट को देखें तो 45 फीसदी लोग लाडली बहना योजना से खुश हैं. इसका सीधा असर महिला वोटर्स पर देखा जा रहा है.
उम्मीद के मुताबिक लाभ मिले, ऐसा नहीं होता- संजय कुमार
Lokniti-CSDS के डायरेक्टर संजय कुमार का कहना है कि एमपी में बीजेपी की फिर सरकार आई तो ये कहा जाने लगा कि लाडली बहना योजना का फायदा मिला था. मध्य प्रदेश में इसका उतना फायदा नहीं मिला जितना लोग मान रहे थे. जिनको लाडली बहन का फायदा मिल रहा है उनका वोट महायुति की तरफ झुक रहा है. लेकिन ये वोट निर्णायक नहीं होंगे.
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