दिल्ली पुलिस ने 500 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी एप घोटाले का किया भंडाफोड़; एल्विश यादव, भारती सिंह को समन

सुमित पांडेय

03 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 3 2024 8:07 PM)

Delhi Police News: दिल्ली पुलिस ने 500 करोड़ रुपये के एक बड़े धोखाधड़ी घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें प्रसिद्ध यूट्यूबर एल्विश यादव, कॉमेडियन भारती सिंह और तीन अन्य प्रमुख सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को समन भेजा गया है.

दिल्ली पुलिस ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें एल्विश यादव और भारती सिंह का नाम भी आया.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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पुलिस ने धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी शिवराम को गिरफ्तार कर लिया गया है

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शिवराम और अन्य एन्फ्लूएंशंर्स ने एक मोबाइल एप्लिकेशन का प्रचार किया

Delhi Police News: दिल्ली पुलिस ने 500 करोड़ रुपये के एक बड़े धोखाधड़ी घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें प्रसिद्ध यूट्यूबर एल्विश यादव, कॉमेडियन भारती सिंह और तीन अन्य प्रमुख सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को समन भेजा गया है. पुलिस को इस घोटाले के संबंध में 500 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर होता जा रहा है.

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पुलिस ने बताया कि इस धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी, जो चेन्नई निवासी हैं, शिवराम (30) को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोप है कि शिवराम और अन्य सोशल मीडिया प्रभावशाली व्यक्तियों ने एक मोबाइल एप्लिकेशन का प्रचार किया, जिससे निवेशकों को आकर्षित किया गया. शिकायत के अनुसार, सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत जैसे कई अन्य ने इस एप्लिकेशन को बढ़ावा दिया.

HIBOX एप्लिकेशन और उसके लालच भरे ऑफर

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ स्पेशल सेल) हेमंत तिवारी ने बताया कि HIBOX नामक यह एप्लिकेशन एक सुनियोजित घोटाले का हिस्सा थी. इस एप के जरिए आरोपी ने निवेशकों को रोजाना एक से पांच प्रतिशत गारंटीड रिटर्न का वादा किया, जो कि एक महीने में 30 से 90 प्रतिशत के बराबर था. यह एप्लिकेशन फरवरी 2024 में लॉन्च की गई थी, जिसमें 30,000 से अधिक लोगों ने निवेश किया. शुरुआत के पांच महीनों में निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिले, जिससे और भी अधिक लोग इस एप्लिकेशन में निवेश करने के लिए ललचाए.

घोटाले का भंडाफोड़ और भुगतान में रुकावट

हालांकि, जुलाई महीने से एप्लिकेशन ने तकनीकी गड़बड़ियों, कानूनी समस्याओं और जीएसटी मुद्दों का हवाला देते हुए भुगतान रोक दिया. डीसीपी तिवारी ने कहा कि कथित कंपनियों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में अपना ऑफिस बंद कर दिया और इसके बाद वे गायब हो गईं. पुलिस ने शिवराम को गिरफ्तार करने के बाद उसके चार अलग-अलग बैंक खातों से 18 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं.

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FIR के बाद आगे की कार्रवाई

इस घोटाले की प्रारंभिक शिकायतें 16 अगस्त को इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) में दर्ज की गईं, जिसमें 29 पीड़ितों ने HIBOX एप्लिकेशन के खिलाफ शिकायत की. इन शिकायतों में आरोप लगाया गया कि उन्हें उनके निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा किया गया था. पुलिस ने 20 अगस्त को भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और आईटी अधिनियम के तहत FIR दर्ज की.

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विभिन्न स्थानों से आईं शिकायतें

जांच के दौरान, साइबर नॉर्थईस्ट जिले से भी नौ लोगों द्वारा HIBOX एप्लिकेशन के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं, जिनके साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी की गई थी. इन मामलों को IFSO को ट्रांसफर कर दिया गया है. पुलिस को नॉर्थईस्ट जिले, बाहरी जिले, शाहदरा और NCRP पोर्टल से 500 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं.

दिल्ली पुलिस ने जुटाई विस्तृत जानकारी

डीसीपी ने कहा कि उनकी टीम ने धोखाधड़ी में शामिल पेमेंट गेटवे और बैंक खातों की विस्तृत जानकारी जुटाई है. लेन-देन के विश्लेषण से चार ऐसे खातों की पहचान की गई है, जिनका उपयोग ठगी गई रकम को निकालने के लिए किया गया था. पुलिस ने कहा कि 127 शिकायतों को एक साथ जोड़ दिया गया है और EASEBUZZ और PhonePe की भूमिका की जांच की जा रही है. इस बड़े घोटाले के खुलासे ने एक बार फिर से वित्तीय धोखाधड़ी के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है.

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