पवन कल्याण की बेटी को तिरुपति मंदिर में प्रवेश से पहले क्यों करना पड़ा डिक्लेरेशन साइन, क्यों है ये चर्चा में?

सुमित पांडेय

03 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 3 2024 1:55 PM)

Tirupati Laddoo Controversy: पवन कल्याण की यह तिरुपति यात्रा 11 दिवसीय उपवास का हिस्सा है, जो उन्होंने तिरुपति लड्डू को लेकर चल रहे बड़े राजनीतिक विवाद के बीच शुरू की है. दरअसल, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि राज्य में वाईएसआरसीपी (जगन सरकार) के शासन के दौरान तिरुपति लड्डू की तैयारी में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था.

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पवन कल्याण ने अपनी बेटी के साथ तिरुपति मंदिर में पूजा-अर्चना की.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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पवन कल्याण उपवास के आखिर में तिरुमाला मंदिर पहुंचे और गर्भगृह में पूजा-अर्चना की

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पवन कल्याण की जन सेना पार्टी ने इसका वीडियो शेयर किया है, जिसमें उनकी बेटियां भी साथ हैं

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तिरुपति लड्डू को लेकर उठे बड़े विवाद के बीच पवन कल्याण ने 11 दिन का उपवास रखा है

Tirupati Laddoo Controversy: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण की बेटी पोलिना अंजनी कोनिडेला ने तिरुपति मंदिर जाने से पहले मंदिर के नियमों के तहत श्रद्धा का डिक्लेरेशन साइन किया. पोलिना पवन कल्याण की तीसरी पत्नी की बेटी हैं और भारत की विदेशी नागरिक हैं. उन्हें तिरुपति मंदिर में प्रवेश करने से पहले यह प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी है. तिरुपति मंदिर में यह नियम है, जिसमें गैर-हिंदू और विदेशी नागरिकों को भगवान वेंकटेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था का इकरार करना होता है.

डिक्लेरेशन साइन की ये है पूरी प्रोसेस 

पोलिना ने पिता पवन कल्याण के साथ इस डिक्लेरेशन को साइन किया. चूंकि पोलिना अभी नाबालिग हैं, इसलिए उनके पिता पवन कल्याण ने भी इस डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर किए. पवन कल्याण की पार्टी, जन सेना पार्टी ने इस प्रक्रिया का वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें पवन और पोलिना के साथ उनकी दूसरी बेटी आद्या भी नजर आईं, जो मंदिर दर्शन के लिए उनके साथ थीं.

जन सेना पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "डिप्टी सीएम पवन कल्याण की छोटी बेटी पोलिना अंजनी कोनिडेला ने तिरुमाला वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए डिक्लेरेशन साइन किया है. चूंकि पोलिना अंजनी माइनर हैं, उनके पिता पवन कल्याण ने भी इस डिक्लेरेशन पर साइन किए हैं."

तिरुपति लड्डू विवाद और पवन कल्याण का उपवास 

पवन कल्याण की यह तिरुपति यात्रा 11 दिवसीय उपवास का हिस्सा है, जो उन्होंने तिरुपति लड्डू को लेकर चल रहे बड़े राजनीतिक विवाद के बीच शुरू की है. दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि राज्य में वाईएसआरसीपी (जगन सरकार) के शासन के दौरान तिरुपति लड्डू की तैयारी में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. इस आरोप से हिंदूओं की आस्था को बड़ा झटका लगा. इस मामले में पवन कल्याण ने इस मामले पर गहरी चिंता जताई है.

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चंद्रबाबू नायडू के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पवन कल्याण ने कहा कि उन्हें यह जानकर बेहद अफसोस हुआ कि तिरुपति लड्डू जैसी पवित्र प्रसादम में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने इस पर अपनी हैरानी जताते हुए एक्स पर लिखा, "तिरुमाला लड्डू प्रसादम, जिसे पवित्र माना जाता है, वो पिछले शासकों की भ्रष्ट प्रवृत्तियों के कारण अशुद्ध हो गया है. इस घृणित कार्य को पहचानने में देरी करना हिंदू समाज पर एक कलंक है. जैसे ही मुझे पता चला कि लड्डू प्रसादम में पशु चर्बी मिलाई गई है, मैं हैरान रह गया. इससे मुझे अपराधबोध हुआ. मैं लोगों के कल्याण के लिए लड़ रहा हूं, और मुझे दुख है कि इस बारे में मुझे पहले जानकारी नहीं मिली."

पवन कल्याण ने पश्चाताप के लिए किया उपवास 

पवन कल्याण ने यह भी कहा कि हर वह व्यक्ति जो सनातन धर्म पर विश्वास करता है, उसे इस पवित्र प्रसादम के साथ हुए अन्याय के लिए प्रायश्चित करना चाहिए. इसी वजह से उन्होंने तपस्या करने का निर्णय लिया और अब वह अपनी 11 दिवसीय तपस्या के अंतर्गत तिरुपति मंदिर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह तपस्या इस पवित्र प्रसादम के साथ हुए अन्याय के खिलाफ एक आध्यात्मिक कदम है और इसके जरिए वह भगवान वेंकटेश्वर से माफी मांग रहे हैं.

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जगन मोहन ने खारिज कर दिए आरोप

इस पूरे विवाद के बीच, वाईएसआरसीपी के नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हैं. उनका कहना था कि तिरुपति लड्डू की पवित्रता और शुद्धता पर कोई सवाल नहीं उठ सकता और यह हमेशा हिंदू आस्था का प्रतीक रहा है.

पवन कल्याण ने उपवास के बाद की तिरुपति यात्रा

पवन कल्याण ने कहा कि वह अपनी उपवास पूरी करने के बाद तिरुपति मंदिर जाएंगे और भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करेंगे. यह यात्रा न केवल उनकी धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि हिंदू समाज के साथ उनकी गहरी जुड़ाव और संवेदनशीलता को भी दर्शाती है. इस पूरे मामले ने तिरुपति लड्डू और उसके पवित्र महत्व पर एक नई बहस छेड़ दी है. पवन कल्याण की तपस्या और तिरुपति यात्रा ने इस मुद्दे को और भी चर्चा में ला दिया है. हालांकि, वाईएसआरसीपी द्वारा आरोपों को खारिज करने के बावजूद, यह मुद्दा आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है.

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