बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान हाल ही में अपनी फिल्म ‘देवरा’ के रिलीज के बाद से चर्चा में बने हुए हैं. फिल्म के साथ-साथ उनका पुश्तैनी घर ‘पटौदी पैलेस’ भी लगातार सुर्खियों में है. इस ऐतिहासिक महल को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि सैफ इसे म्यूजियम में बदलने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, सैफ ने इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि उनके लिए यह घर बहुत खास है और इसे म्यूजियम में बदलने का उनका कोई इरादा नहीं है.
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पटौदी पैलेस पर आया सैफ का रिएक्शन
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे सैफ अली खान ने अपने ऐतिहासिक घर ‘पटौदी पैलेस’ के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि उनके दिल में इस घर के लिए गहरी भावनाएं हैं. सैफ ने कहा, "यह घर सिर्फ एक संपत्ति नहीं है, बल्कि यह मेरी विरासत का प्रतीक है. मेरे पिता, मंसूर अली खान पटौदी, एक नवाब पैदा हुए थे और उन्होंने इस घर को अपने जीवन का एक अहम हिस्सा बनाया. उन्होंने अपनी शर्तों पर जीवन जिया और वह सबसे अद्भुत व्यक्ति थे."
क्यों शुरू हुई थी होटल में बदलने की चर्चा? सैफ ने किया खुलासा
सैफ ने इस बात का भी जिक्र किया कि उनके पिता (मंसूर अली खान पटौदी) ने एक समय पर पटौदी पैलेस को होटल में किराए पर देने का फैसला किया था. उन्होंने कहा, "समय बदल रहा था, और मेरे पिता ने इसे एक होटल के रूप में किराए पर देने का निर्णय लिया. लेकिन मुझे याद है कि मेरी दादी मुझसे कहती थीं, 'ऐसा कभी मत करना.' यह घर सिर्फ ईंट और पत्थर का ढांचा नहीं है, यह एक इतिहास है, और यह ऐसा कुछ है जिस पर मुझे गर्व है."
पटौदी हाउस को सजाने का सपना
सैफ अली खान ने यह भी बताया कि वह अपने पिता की यादों और विरासत को इस घर के जरिए संजोना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मेरे दादा-दादी और मेरे पिता इस घर में दफनाए गए हैं. यह हमारा पारिवारिक घर है, और यहां बहुत सारी पुरानी यादें हैं. मैं इस घर को एक नया रूप देना चाहता हूं, लेकिन साथ ही इसमें मेरे पिता की आत्मा और उनकी यादों को जीवित रखना चाहता हूं."
सैफ ने यह भी खुलासा किया कि वह पटौदी पैलेस के एक हिस्से को अपने पिता के क्रिकेट के मैदान और बल्लों से सजाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "यह घर मेरे पिता द्वारा बनाया गया था, और इसे सजाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत सपना रहा है. अब यह सपना लगभग पूरा हो चुका है."
शर्मिला टैगोर संभालती हैं घर का खर्च
सैफ अली खान की बहन सोहा अली खान ने भी एक यूट्यूब इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था कि उनकी मां, शर्मिला टैगोर, इस पैलेस के दैनिक और मासिक खर्चों की देखरेख करती हैं. सोहा ने बताया था कि उनकी मां इस घर के खर्चों का हिसाब-किताब बहुत ही बारीकी से रखती हैं और सारी व्यवस्थाओं को ध्यान में रखती हैं.
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पारिवारिक विरासत को संरक्षित रखने की चाहत
सैफ का यह बयान उनके पारिवारिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पटौदी पैलेस उनके लिए सिर्फ एक संपत्ति नहीं है, बल्कि उनके परिवार की यादें और इतिहास का प्रतीक है. इसे म्यूजियम में बदलने की अटकलों को पूरी तरह खारिज करते हुए उन्होंने साफ किया कि यह घर उनके दिल के बेहद करीब है और वह इसे एक जीवंत विरासत के रूप में संजोए रखना चाहते हैं.
सैफ अली खान के लिए पटौदी पैलेस केवल एक ऐतिहासिक इमारत नहीं है, बल्कि उनके परिवार की विरासत और उनकी भावनाओं का एक अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस घर को म्यूजियम में बदलने का उनका कोई इरादा नहीं है, बल्कि वह इसे अपने पिता की यादों और क्रिकेट के साथ जोड़कर सजाना चाहते हैं. सैफ की यह भावना उनके परिवार और उनकी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाती है.
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