हरियाणा कैबिनेट में परिवहन और ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने पार्टी की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है. विज ने 8 प्वाइंट में अपनी बात रखी है. हालांकि मीडिया में इस जवाब को लेकर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है. सीएम नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी के चलते अनिल विज को कारण बताओ नोटिस दिया गया था.
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विज के इस जवाब के बाद हरियाणा की सियासत गरमा गई है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि विज ने अपनी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. माना जा रहा है कि इस जवाब के बाद पार्टी के कई बड़े नेता सवालों के घेरे में आ सकते हैं. विज ने 8 प्वाइंट में जवाब दिया है.
1. मेरा टिकट कटने का भ्रम फैलाया गया
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अनिल विज ने अपने जवाब की शुरुआत टिकट काटे जाने की अफवाह से की है. उन्होंने लिखा है कि पार्टी में उनके विरोधियों ने अंबाला कैंट हलके में ये भ्रम फैलाया कि अनिल विज को इस बार टिकट मिलेगा ही नहीं.
2. हलके के विकास कार्य रोका गया
अनिल विज ने अपने जवाब में इस बात पर जोर दिया है कि उनके हलके के विकास कार्यों को जानबूझकर रोका गया. इसमें स्थानीय कर्मचारी और नेता दोनों की भूमिका थी. विज का कहना है कि ये कार्य पहले पास हो चुके थे, लेकिन उन्हें चुनाव में नुकसान हो ये सुनिश्चित करने के लिए इन कार्यों को जानबूझकर रोका गया.
3. मरवाने की साजिश और सुरक्षा में कटौती
अनिल विज ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए इस बात का भी जिक्र किया है कि चुनाव प्रचार के दौरान उनको मरवाने की साजिश रची गई. विज का कहना है कि उनकी सुरक्षा में भी कटौती की गई. एक जगह किसानों ने उन्हें घेर लिया, वहां जानबूझकर सुरक्षा के इंतजाम नहीं किया गए थे. विज का मानना है कि कुछ लोग चाहते थे...उनके चुनाव में खून खराब हो.
4. कोषाध्यक्ष रहे आशीष तायल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना
अनिल विज ने अंबाला बीजेपी के कोषाध्यक्ष रहे आशीष तायल पर निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा की मदद का आरोप लगाया था. उन्होंने आशीष तायल का वीडियो और फोटो भी पार्टी संगठन के सामने रखा था. इन वीडियो और फोटो में आशीष तायल चित्रा सरवारा के लिए कैंपेन कर रहे थे. विज का कहना है कि ये सबूत देने के बाद भी आशीष तायल के खिलाफ सरकार के 100 दिन पूरे होने तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
5. सीएम और पार्टी अध्यक्ष को सब बताया मगर कार्रवाई नहीं हुई
अनिल विज ने अपने जवाब में इस बात पर जोर दिया है कि ये तमाम समस्याएं उन्होंने सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के सामने रखी थीं. सीएम और प्रदेश अध्यक्ष ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन सरकार बनने के 100 दिन बाद तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके बाद मुझे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर मुखर होना पड़ा.
6. मेरे खिलाफ चुनाव लड़ी निर्दलीय उम्मीदवार को BJP में शामिल कराने का खेल रचा गया
अनिल विज ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए उनके खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ीं चित्रा सरवारा को लेकर बड़ा खुलासा किया है. विज ने लिखा है कि चित्रा सरवारा को उनके विरोधियों ने BJP में शामिल कराने की प्लानिंग की थी, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो पाए. पार्टी चाहे तो जमीनी स्तर पर इसकी जांच करा ले.
7. अंबाला कैंट सदर थाने का SHO सस्पेंड नहीं किया गया
अनिल विज ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि उनके आदेश उनके खुद के हलके में ही लागू नहीं किए जा रहे. अंबाला कैंट ने जनता दरबार के दौरान उन्होंने एक SHO को सस्पेंड करने का आदेश दिया था, इसके लिए DGP शत्रुजीत कपूर को फोन भी किया लेकिन सीएम सैनी के अधीन गृह मंत्रालय ने सस्पेंशन की फाइल रिजेक्ट कर दी.
8. कारण बताओ नोटिस जानबूझकर लीक किया
अनिल विज ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि उनको जारी किया गया कारण बताओ नोटिस मीडिया में लीक क्यों हुआ, किसने किया? विज की मांग है कि पार्टी को इस बात की जांच करनी चाहिए.
अनिल विज के इस जवाब के बाद देखना ये होगा कि उन मामलों में कार्रवाई होगी जिनमें आभी तक नहीं हुई. जिनकी चर्चा अनिल विज ने की है या पार्टी विज के खिलाफ ही एक्शन लेगी?
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