बॉलीवुड एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह की भाभी चित्रा सरवारा अंबाला कैंट से अनिल विज को देंगी टक्कर, जानिए कौन हैं ये

रूपक प्रियदर्शी

19 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 19 2024 6:21 PM)

Chitra Sarwara: कांग्रेस से टिकट ना मिलने के कारण चित्रा सरवारा निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. वह अनिल विज को अंबाला कैंट से टक्कर देंगी.

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Chitra Sarwara: अंबाला कैंट से बीजेपी के दिग्गज अनिल विज लड़ रहे हैं. अनिल विज बीजेपी के दिग्गज नेता हैं. 6 बार चुनाव जीत चुके. हरियाणा के गृह मंत्री रहे. ऐसे नेता के खिलाफ दावेदारी पेश करके चित्रा सरवारा वायरल हो गई हैं. चित्रा सरवारा कांग्रेस में होती थीं. अंबाला कैंट से चित्रा सरवारा की टिकट की दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी लेकिन पार्टी ने परविंद्र सिंह परी को टिकट दे दिया.

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कौन हैं चित्रा सरवारा?

चित्रा सरवारा इंटरनेशनल वॉलीबाल प्लेयर रही हैं. उनकी शादी भी देश के मशहूर गोल्फर दिग्विजय सिंह से हुई. दिग्विजय सिंह की बहन मशहूर एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह हैं. कहा जाता है कि चित्रा सरवारा की भूरी आंखों पर फिदा हो गए थे दिग्विजय सिंह.

टिकट नहीं मिलने के बाद भी चित्रा सरवारा ने हार नहीं मानी. उन्होंने अनिल विज के खिलाफ निर्दलीय दावेदारी पेश कर दी. इससे अंबाला कैंट का चुनाव कांग्रेस वर्सेज कांग्रेस हो गया है. कांग्रेस की फूट का फायदा अनिल विज को मिल सकता है लेकिन चित्रा सरवारा को दावेदारी कमजोर नहीं मानी जा रही है. अंबाला कैंट में नारे लग रहे हैं कि चित्रा को जितवा दो नहीं तो गब्बर आ जायेगा. गब्बर कहा जा रहा है अनिल विज को. ढेर सारे उम्मीदवार होने के बाद भी चित्रा सरवारा कह रही हैं कि उनका मुकाबला अनिल विज से है.

पिता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

चित्रा सरवारा हर लिहाज से कांग्रेसी हैं. बस चुनाव लड़ने के लिए बागी बनीं. यंग हैं, जोशीली हैं लेकिन ट्रेजडी ये कि बार-बार टिकट से चूक जाती हैं. उनके पिता निर्मल सिंह मोहरा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और अंबाला शहरी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं. निर्मल सिंह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी नेताओं में रहे हैं. 4 बार विधायक रहे. दो बार हरियाणा के मंत्री रहे. 2 साल पहले उन्होंने अंबाला में जलसा करके चित्रा सरवारा को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया था. 

धर्मसंकट में फंसे निर्मल सिंह

कांग्रेस का धर्मसंकट ये कि एक सीट से पिता कांग्रेस उम्मीदवार हैं तो पड़ोस में बेटी बागी उम्मीदवार बनी है. पार्टी के हित में पिता निर्मल सिंह ने बेटी चित्रा को मनाने की हरमुमकिन कोशिश की लेकिन चित्रा ने ठान लिया कि इस बार भी नहीं तो कब. चित्रा की बगावत से फंस गए हैं निर्मल सिंह. अंबाला शहर से बीजेपी उम्मीदवार असीम गोयल ने चित्रा सरवारा की कांग्रेस के खिलाफ बगावत को मुद्दा बना दिया है. कह रहे हैं कि ये लोग किसी के भी सगे नहीं, ना परिवार के और ना ही पार्टी के. पिता कहता है कि कांग्रेस को जिताओ और बेटी कहती है कि कांग्रेस से मेरा वास्ता नहीं, कांग्रेस को हराओ. 

चित्रा सरवारा को राजनीति में आए 10 साल हो गए. कायदे से करियर टेकऑफ हुआ नहीं. 2013 में पहली बार अंबाला नगर निगम में कारपोरेट का चुनाव जीता था. फिर महिला कांग्रेस की राजनीति में एक्टिव रहीं. हरियाणा महिला कांग्रेस में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाई गईं. 2019 में भी अंबाला कैंट सीट से कांग्रेस का टिकट मांगा लेकिन नहीं मिला. उन्होंने तब भी निर्दलीय अनिल विज के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं. 

AAP कर ली थी जॉइन

कांग्रेस से मन खट्टा हुआ तो पिता निर्मल सिंह के साथ केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ज्वाइन की. हरियाणा में AAP को यंग फेस की जरूरत थी. हरियाणा आप की उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति हुई लेकिन सालभर में AAP से मन भरा गया. पिछले साल टिकट की उम्मीद में वापस कांग्रेस में लौटी. फिर धोखा हो गया. पिता को तो टिकट मिल गया लेकिन चित्रा का टिकट कट गया. तब जाकर फिर से निर्दलीय किस्मत आजमाई है. 

हरियाणा के चुनाव का माहौल बीजेपी के लिए कोई बहुच अच्छा नहीं माना जा रहा है. 10 साल सरकार चलाने के बाद वैसे भी किसी भी पार्टी के एंटी इन्कम्बेंसी से जूझना आसान नहीं होता. टिकट बंटवारे के बाद मचे तूफान से नुकसान बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. ऊपर से अनिल विज कह रहे हैं कि चुनाव बाद सीएम बनना है. अनिल विज मनोहर लाल खट्टर की सरकार में गृह मंत्री होते थे. खट्टर के बाद नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया गया तो नाराज होकर घर बैठ गए. मंत्री तक नहीं बने. अब वो सीएम बनने के लिए अंबाला कैंट से लड़ रहे हैं.

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