हरियाणा चुनाव में दिग्गजों के बीच कांटे की टक्कर, राज्य की हॉट सीटों पर कैसा है समीकरण?

अभिषेक

• 10:28 AM • 04 Oct 2024

Haryana Election: लोकसभा में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी किसी भी हाल में अपनी सरकार को बचाने के लिए फुल फार्म में लगी हुई है. हरियाणा में बहुकोणीय मुकाबला होने की वजह से बीजेपी को उम्मीद है कि वोटों का बंटवारा उसके पक्ष में हो जाएगा.

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Haryana Election: हरियाणा में 5 अक्टूबर यानी कल विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. जहां बीजेपी जीत की हैट्रिक मारने की जुगत में है. दूसरी तरफ कांग्रेस राज्य में लंबे इंतजार के बाद सत्ता में आने की जद्दोजहत कर रही है. बीजेपी ने हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं तक पहुंच बनाई है, गैर-जाट और दलित मतदाताओं को एकजुट करने का प्रयास किया है. इसके साथ ही कांग्रेस में कथित अंदरूनी कलह से भी बीजेपी को फायदा मिलने की उम्मीद है. 

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लोकसभा में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. अब विधानसभा चुनाव में बीजेपी किसी भी हाल में अपनी सरकार को बचाने के लिए फुल फार्म में लगी हुई है. हरियाणा में बहुकोणीय मुकाबला होने की वजह से बीजेपी को उम्मीद है कि वोटों का बंटवारा उसके पक्ष में हो जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि सूबे की हॉट सीटों पर कैसा है मुकाबला? 

पहले जानिए CM सैनी की लाडवा विधानसभा का हाल 

विधानसभा चुनाव में CM नायाब सिंह सैनी ने लाडवा सीट चुनाव लड़ने का फैसला किया. CM के चुनाव लड़ने से ये सीट हाई प्रोफाइल बन गई है.  बता दें कि, CM सैनी इससे पहले करनाल से विधायक थे. लाडवा में उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार मेवा सिंह से है, जो मौजूदा विधायक हैं. मेवा सिंह ने 2019 में बीजेपी उम्मीदवार पवन सैनी को हराकर बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. इस लड़ाई को दिलचस्प बनाने के लिए, INLD-BSP उम्मीदवार सपना बरशामी इस सीट को जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं, जिस पर उनके ससुर शेर सिंह बरशामी ने 2009 में जीत हासिल की थी.

ऐलनाबाद विधानसभा

इस सीट से 2010 से 2021 के बीच लगातार चार चुनाव जीतने वाले इनेलो के अभय चौटाला का मुकाबला कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल, बीजेपी के अमीर चंद, AAP के मनीष अरोड़ा और जेजेपी-एएसपी की अंजनी लड्डा से है. चार चुनाव जीतने के बावजूद अभय सिंह चौटाला इस बार बहुकोणीय मुकाबले में हैं. उन्हें कांग्रेस के बेनीवाल से कड़ी टक्कर मिल रही है. अभय चौटाला को शहरी मतदाताओं का समर्थन मिल रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस उम्मीदवार मजबूत हैं.

गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा

बीजेपी ने गढ़ी सांपला किलोई से एक गैंगस्टर की पत्नी और एक पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी की बेटी मंजू हुड्डा को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर वो कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से मुकाबला करेंगी. आपको बता दें कि, वह रोहतक जिला परिषद की मौजूदा अध्यक्ष हैं. मंजू हुड्डा की उम्र 35 साल है और उनके प्रतिद्वंद्वी भूपिंदर हुड्डा की उम्र 77 साल है. मंजू एक युवा नेत्री हैं जो अपने नई सोच के दम पर चुनाव जीतने के लिए प्रयासरत है.

अंबाला कैंट विधानसभा

बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व गृह एवं खेल मंत्री अनिल विज इस सीट से छह बार चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने 2009 से 2019 के बीच लगातार तीन बार जीत दर्ज की है. इस दिग्गज को अब राज्य के सबसे कठिन चुनावों में से एक का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उनकी सीट पर कड़ा मुकाबला है. अनिल विज, कांग्रेस के परमिंदर सिंह परी और कांग्रेस की बागी चित्रा दरवारा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले में हैं. चित्रा एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. 

आपको बता दें कि, अनिल विज रिकॉर्ड 7वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस के वोट चित्रा सरवारा और परमिंदर सिंह परी के बीच बंट जाएंगे, जिससे उनकी जीत का रास्ता साफ हो जाएगा. बता दें कि, चित्रा सरवारा ने साल 2019 में 44406 वोट पाकर दूसरा स्थान हासिल किया, जो कुल डाले गए वोटों का 36.48 फीसदी है.

रानिया विधानसभा

रानिया विधानसभा क्षेत्र परंपरागत रूप से इनेलो का गढ़ रहा है, जिसने 2009 और 2014 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 2019 का चुनाव रणजीत चौटाला ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीता था. रणजीत एक बार फिर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि उन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था. उनका मुकाबला इनेलो के अर्जुन चौटाला, कांग्रेस के सर्व मित्र कंबोज और बीजेपी के शीशपाल कंबोज से है. जेजेपी-एएसपी गठबंधन ने रणजीत चौटाला को समर्थन देने का ऐलान किया है, जो अपने पोते अर्जुन का सामना कर रहे हैं.

उचाना कलां विधानसभा

उचाना कलां की हॉट सीट जाट लैंड है, जहां इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जेजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे न केवल पूर्व सहयोगी बीजेपी ने छोड़ दिया, बल्कि इसके कई विधायक भी पार्टी छोड़कर चले गए. दुष्यंत ने 2019 में इस सीट पर 45000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी और बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी. हालांकि, बाद में दोनों पार्टियों ने 2019 में गठबंधन करके सरकार बनाई.

कांग्रेस ने पूर्व बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी छोड़ दी थी. भारतीय जनता पार्टी ने इस इलाके से देवेंद्र अत्री को मैदान में उतारा है और वे मतदाताओं को प्रभावित करने और कांग्रेस और जेजेपी दोनों पर हमला करने के लिए इस क्षेत्र में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

तोशाम विधानसभा

तोशाम विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को उनकी चचेरी बहन और बीजेपी उम्मीदवार श्रुति चौधरी के खिलाफ मैदान में उतारा है. दोनों की उम्र 48 (वर्ष) है. हरियाणा की तोशाम विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला पूर्व सीएम बंसीलाल के राजनीतिक परिवार की दो शाखाओं के बीच सीधा मुकाबला बन गया है, जिससे वोटर्स के बीच वफादारी में संभावित रूप से विभाजन हो सकता है.

अनिरुद्ध और श्रुति दोनों बंसीलाल के पोते हैं. अब तक बंसीलाल के राजनीतिक वंश ने श्रुति की मां किरण चौधरी को पिछले कुछ कार्यकालों में तोशाम सीट बरकरार रखने में मदद की थी. लेकिन, अनिरुद्ध के मैदान में उतरने के बाद, तोशाम में मुकाबला अब सिर्फ राजनीतिक विचारधारा के बारे में नहीं, बल्कि पारिवारिक विरासत और संबंधों के बारे में है.

रिपोर्ट- कमलजीत संधू 

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