Haryana Cracks Down on Illegal Immigration: कबूतरबाजी, डोंकी या फिर आसान भाषा में कहें तो गैर कानूनी तरीके से किसी देश में घुसना. डोंकी शब्द उस समय चर्चा में आया जब फरवरी महीने में अमेरिका ने वहां रह रहे अवैध भारतीयों को अपने तीन सैन्य जहाज के माध्यम से डिपोर्ट कर दिया. अमेरिका से आई अवैध भारतीयों की इन तीन फ्लाइट्स में कुल 111 लोग हरियाणा के थे. प्रदेश में डोंकी रूट से विदेश जाने का चलन पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है.
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लाखों डॉलर की इस डोंकी इंडस्ट्री में कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जब आम लोग ट्रैवल एजेंट्स का शिकार बन अपने लाखों रुपए गंवा देते हैं और विदेश पहुंचने का उनका सपना भी पूरा नहीं हो पाता या फिर वो वहां जाकर पकड़े जाते हैं. कुछ मामलों में तो विदेश पहुंचने के दौरान बीच रास्ते लोगों की मौत और किडनैपिंग तक के उदाहरण सामने आए हैं. इस भयानक समस्या से निपटने के लिए अब हरियाणा सरकार ट्रैवल एजेंट्स पंजीकरण बिल, 2025 के नाम से एक नया कानून लेकर आ गई है.
नायाब सैनी ने विधानसभा में पेश किया बजट
इस कानून को बीते दिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में पेश किया. नए बिल के मुताबिक अब गैर कानूनी तरीके से विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंट को अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है. पहले ये सीमा केवल तीन साल थी. साथ ही नए बिल में सरकार ने विदेश भेजने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी के मामले की शिकायत के लिए एक लोकपाल की नियुक्ति का भी प्रावधान किया है. ये लोकपाल राज्य सरकार नियुक्त करेगी, लोकपाल पूरे प्रदेश से आने वाली इस तरह की शिकायतों को दर्ज करने का एक प्लेटफार्म जनता को मुहैया करवाएगा.
किसी एजेंट के खिलाफ एक बार मामला दर्ज होने के बाद उसकी जांच सब इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के अधिकारी करेंगे. DSP या ACP रैंक के अधिकारी की देखरेख में ये सारी जांच होगी. पहले जांच का ये जिम्मा ASI लेवल के अधिकारी के पास था. साथ ही सरकार ने जिले के SP और DC को इन शिकायतों के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त करने का फैसला लिया है.
नए बिल में कड़े किए गए नियम
नए बिल में ट्रैवल एजेंट की सर्टिफिकेट को लेकर भी नियम कड़े कर दिए गए हैं. अब यदि कोई एजेंट मानव तस्करी और दस्तावेजों की धोखाधड़ी का दोषी पाया जाता है तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. साथ ही मानव तस्करी में दोषी पाए जाने पर दस साल तक की सजा और दो से पांच लाख तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है.
अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा कानून का ड्रॉफ्ट
प्रदेश में गैर कानूनी रूप से विदेश जाने की ये समस्या कितनी गंभीर है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अप्रैल 2023 में इस तरह के मामलों की जांच के लिए बनाई गई SIT अभी तक 1500 FIR दर्ज कर 1122 एजेंट्स की गिरफ्तारी और 24.04 करोड़ रुपए की रिकवरी कर चुकी है. विधानसभा से पास होने के बाद अब इस बिल को केंद्र सरकार के पास भेजा गया है क्योंकि पूरा मामला विदेश और गृह मंत्रालय से भी जुड़ा है. केंद्र से हरि झंडी मिलने के बाद जल्द ही प्रदेश में यह नया कानून लागू हो जाएगा.
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