गन्ना आंदोलन से बनी थी नायब सिंह सैनी की नेता के तौर पर पहचान, 2014 में पहली बार MLA, 10 साल बाद बने CM

अभिषेक शर्मा

16 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 16 2024 2:52 PM)

Naib Singh Saini: हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का राजनीतिक कैरियर बड़ा ही रोचक है. बहुत कम समय में उन्होंने एक साधारण कार्यकर्ता से राज्य के मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया है.

Naib Singh Saini

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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नायब सिंह सैनी को बीजेपी में बहुत जल्दी तरक्की मिली.

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28 साल के राजनीतिक कैरियर में वे साधारण कार्यकर्ता से सीएम की कुर्सी तक पहुंचे.

Naib Singh Saini: हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे नायब सिंह सैनी का राजनीतिक कैरियर बड़ा ही रोचक है. बहुत कम समय में उन्होंने एक साधारण कार्यकर्ता से राज्य के मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया है. अंबाला में राजनीतिक कैरियर की शुरूआत स्थानीय गन्ना आंदोलन को लीड करने के साथ शुरू हुई थी. इसके बाद नायब सिंह सैनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

2014 में पहली बार विधायक बने और अगले 10 साल में वे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए. नायब सिंह सैनी हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने थे. इसी साल मार्च में सैनी को बीजेपी आलाकमान ने मनोहर लाल खट्‌टर को हटाकर हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया था. 

इसके बाद नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव में उतारा. नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनावी मैदान में खड़ा किया. उन्होंने कांग्रेस के मेवा सिंह को 16 हजार 54 वोटों से हराया. नायब सिंह सैनी को कुल 70 हजार 177 वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रहे मेवा सिंह को 54 हजार 123 वोट मिले.


1996 में बीजेपी के साथ जुड़े थे सैनी

नायब सिंह सैनी अंबाला के मिजापुर माजरा गांव से आते हैं. उनका जन्म 25 जनवरी 1970 को एक ऐसे परिवार में हुआ जो ओबीसी समाज से आता है. उनकी शिक्षा की बात करें तो सैनी ने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है. फिर उत्तर प्रदेश की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली.

अंबाला से ही सैनी ने राजनीतिक कैरियर शुरू किया था

नब्बे के दशक में अंबाला से ही उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. 1996 में बीजेपी से जुड़ने के बाद वर्ष 2002 में सैनी को अंबाला में बीजेपी के युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया था. लेकिन पहचान बनी अंबाला में हुए गन्ना आंदोलन से. 2005 में बीजेपी ने उन्हें युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया था. वे संगठन में तो काम कर रहे थे लेकिन जनता के बीच उनकी पहचान कुछ खास नहीं थी. लेकिन फिर अंबाला में शुगर मिल में गन्ना के रेट को लेकर आंदोलन खड़ा होने लगा. इस आंदोलन का नेतृत्व नायब सिंह सैनी ने बखूबी किया. किसानों को गन्ना का वाजिब भुगतान कराया. जिससे नायब सिंह सैनी की एक पहचान लोगों के बीच बनी.

यह काम बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के भी नोटिस में आया. इसके बाद बीजेपी ने उनको हरियाणा किसान मोर्चा के महासचिव पद की जिम्मेदारी दी. इसके बाद वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बनाए गए.

2009 में सैनी हार गए थे चुनाव

2009 में नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने पहली बार नारायण गढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया था लेकिन वे कांग्रेस के प्रत्याशी राम किशन से चुनाव हार गए थे. 2012 में बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को अंबाला शहर में जिला अध्यक्ष बनाया. बीजेपी में लगातार ग्राउंड पर काम करने की वजह से सैनी शीर्ष नेतृत्व की निगाहों में आते रहे और फिर 2014 में उनको एक बार फिर से नारायण गढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला और इस बार वे चुनाव जीत गए. इस बार उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को मात दी थी.

2023 में सैनी बने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष

2023 में नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. तभी से ये संकेत मिलने लगे थे कि बीजेपी नायब सिंह सैनी में भविष्य की संभावनाएं देख रही है. फिर हुआ भी यही. मार्च 2024 में उनको सांसद रहते हुए ही राज्य का सीएम बना दिया गया और अब लाडवा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाकर उनको हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनाने जा रहे हैं.

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