हरियाणा के नूंह जिले के एक मुस्लिम बहुल गांव ने साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. मुस्लिम बहुल इस गांव में 3,296 मतदाताओं में से हिंदू वोटर्स की संख्या महज 250 है. गांव के ग्राम पंचायत में 15 पंच में से 14 पंच मुस्लिम हैं. सिर्फ एक ही पंच 'निशा चौहान' हिंदू समुदाय से आती हैं. इन्हीं में से इन पंचों का एक प्रमुख यानी ‘सरपंच’ चुना जाता है. मुस्लिम बहुल वाली इस पंचायत में जब सरपंच के चुनाव की बारी आई, तो इन पंचों ने भाईचारे की एक अनूठी मिसाल पेश की. यहां मुस्लिम पंचों ने मिलकर एकमत से एक हिंदू महिला को अपना सरपंच चुन लिया.
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सांप्रदायिक तनाव के कारण चर्चा में रहा है नूंह
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, नूंह की गिनती हरियाणा के सबसे पिछड़े जिलों में होती है. साल 2023 में ये जिला तब चर्चाओं में आया था, जब विश्व हिंदू परिषद ने यहां एक मार्च आयोजित किया था. इस मार्च में हमले की खबर के बाद से ये जिला सांप्रदायिक संघर्ष का केंद्र बन गया था. लेकिन इस बीच अब यहां के एक गांव ने अमन और चैन की अनूठी मिसाल पेश की है.
सर्वसम्मति से हुआ चुनाव
इस पर पंचायत अधिकारी नसीम ने कहा कि 2 अप्रैल के दिन निशा चौहान (30) को सिरोली का सरपंच चुना गया है. इस जिले में मुस्लिम वाले गांव में किसी हिंदू सरपंच के बनने का ये पहला मामला है. उनका कहना है कि मेवात में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं है और यहां हिंदू और मुस्लिम भाईचारे की लंबी परंपरा रही है. ये उसी का उदाहरण है. चौहान ने बताया कि उनका चुनाव पूरे क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द का एक मजबूत संदेश देगा.
वहीं इस पर नूंह के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी शमशेर सिंह कहा कि सिरोली में कुल 15 में से 8 महिला पंच चुनी गई हैं. सरपंच का पद महिला के लिए आरक्षित है. 2 अप्रैल के दिन यहां सरपंच के लिए चुनाव हुआ था, इस दौरान इसमें 15 पंचों में से 10 पंच मौजूद थे. इनमें से सभी ने एकमत से निशा चौहान को वोट दिया.
मौजूदा सरपंच से नाखुश थे सदस्य
उन्होंने कहा कि ये गांव पुन्हाना ब्लॉक में आता है. यहां दिसंबर 2022 में पंचायत चुनाव हुए थे. इसमें विजेता सहाना सरपंच चुनी गई थी. लेकिन उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र लगाए थे. इस वजह से फरवरी 2023 में इस पद से उन्हें बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद रुक्शिना को मार्च 2024 में वार्ड सदस्य के रूप में कार्यकारी सरपंच का पदभार दिया गया. लेकिन उनके काम से नाखुश होकर पंचायत के सदस्य इस साल फरवरी में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ गए.
पूर्व सरपंच ने भी किया समर्थन
इस पर वार्ड के सदस्य और पूर्व सरपंच रह चुके अशरफ अली ने कहा कि पंचों ने निशा चौहान को अच्छा काम करने की उम्मीद में चुना है. उन्होंने कहा कि इस इलाके में के हिंदू और मुस्लिम समुदाय एक दूसरे के प्रति कई दुर्भावना नहीं रखते हैं. यहां पर गलती करने पर एक हिंदू परिवार, अपने पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम को डांट सकता है. हम एक दूसरे की शादियों और अन्य सामाजिक आयोजनों में हिस्सा लेते हैं.
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