Ashok Tanwar: हरियाणा में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. वोटिंग से दो दिन पहले अशोक तंवर ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है. राहुल गांधी की जनसभा में पहुंचकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. पहले भी कांंग्रेस में ही थे. नाराज होकर चले गए थे. अब फिर वापस आ गए हैं. अशोक तंवर 2019 से पहले हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे. लेकिन फिर नाराज होकर कांग्रेस छोड़ गए थे.
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ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वजह से अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. इसका जवाब जानने हमें 5 साल पीछे जाना होगा. 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण के तौर-तरीकों से अशोक तंवर नाराज थे. पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से उनकी अदावत अलग चल रही थी. इसी अदावत की वजह से उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देना पड़ गया था. उस समय अशोक तंवर ने तो कांग्रेस पर 5 करोड़ रुपए में टिकट बेचने तक का आरोप लगा दिया था. आखिरकार राजनीतिक शतरंज से परेशान होकर अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी को 5 अक्टूबर 2019 को अलविदा कह दिया था.
इसके बाद अशोक तंवर कई पार्टियों में गए और थोड़ा-थोड़ा समय हर जगह बिताया. कांग्रेस छोड़कर वे सबसे पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी में शामिल हुए. लेकिन कुछ ही समय बाद वे 4 अप्रैल 2022 को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. यहां तकरीबन 22 महीने रहे. फिर आप पार्टी को छोड़कर अशोक तंवर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
गुरुवार दोपहर दो बजे तक वे बीजेपी में ही थे और बीजेपी के लिए जनसभाएं कर रहे थे. लेकिन दोपहर 3 बजे वे राहुल गांधी की जनसभा में पहुंचकर कांग्रेस में शामिल हो गए. अब सोशल मीडिया पर अशोक तंवर को लेकर कई तरह के मीम्स भी वायरल किए जा रहे हैं.
अब तक कैसा रहा है अशोक तंवर का कैरियर?
- अशोक तंवर वर्ष 1993 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. बताया जाता है तब उनकी उम्र मात्र 17 साल थी.
- 2003 में वे कांग्रेस पार्टी की छात्र विंग में सक्रिय पदाधिकारी बने.
- इसके बाद वे एनएसयूआई और फिर वर्ष 2005 में यूथ कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने.
- यूथ कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने की वजह से उन्हें सीधे राहुल गांधी के साथ काम करने का अवसर मिला.
- 2014 में कांग्रेस पार्टी ने उनको हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था.
- वे सिरसा सीट से तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.
- 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सिरसा सीट से चुनाव लड़े और जीते थे.
- 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर टिकट दिया लेकिन इस बार इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार चरणजीत सिंह से चुनाव हार गए.
कांग्रेस ने टिकट काटा तो हो गए थे बागी
2019 में कांग्रेस ने सिरसा सीट पर इनका टिकट काट दिया था. इस बात से नाराज होकर अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद वे पहले टीएमसी, फिर आप पार्टी और जनवरी 2024 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट पर इनको अपना उम्मीदवार बनाया. कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने इनको ढाई लाख वोटों से चुनाव हरा दिया. अब गुरुवार को एक बार फिर से अशोक तंवर कांग्रेस में वापस आ गए.
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