हरियाणा विधानसभा चुनाव में कौन मारेगा बाजी? दो दिग्गजों ने बता दिया पूरा गणित

ललित यादव

05 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 5 2024 2:13 PM)

हरियाणा में आज, 5 अक्टूबर को वोटिंग चल रही है और इस बीच सिर्फ एक सवाल हर तरफ घूम रहा है. किसकी सरकार बन रही है? कांग्रेस और बीजेपी ने हरियाणा में बिल्कुल अलग लेकिन बेहद समान चुनावी रणनीति अपनाई है. राजनीति जानकार अमिताभ तिवारी और योगेंद्र यादव ने हरियाणा चुनाव को लेकर भविष्यवाणी की है. किसने क्या कहा, किसकी बन रही सरकार आपको बताते हैं.

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हरियाणा में आज, 5 अक्टूबर को वोटिंग चल रही है और इस बीच सिर्फ एक सवाल हर तरफ घूम रहा है. किसकी सरकार बन रही है? कांग्रेस और बीजेपी ने हरियाणा में बिल्कुल अलग लेकिन बेहद समान चुनावी रणनीति अपनाई है. कांग्रेस ने अपने अधिकांश टिकट जाटों को दिए हैं और बीजेपी ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों पर दांव लगाया है. इनमें ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी/खत्री और राजपूत समाज से ज्यादातर उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने करीब 40 प्रतिशत विधायकों के टिकट काट दिए हैं. वहीं, कांग्रेस ने अपने 2019 के अधिकांश विधायकों को दोबारा मौका दिया है.
 
दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र बिल्कुल समान हैं. दोनों दलों ने महिलाओं को कैश में मदद, एलपीजी सिलेंडर में छूट और सरकारी नौकरियों के वादे किए हैं. इस बीच राजनीति जानकार अमिताभ तिवारी और योगेंद्र यादव ने हरियाणा चुनाव को लेकर भविष्यवाणी की है. किसने क्या कहा, किसकी बन रही सरकार आपको बताते हैं.

ओबीसी वोट के बीजेपी का दांव

अमिताभ तिवारी बताते हैं कि 2024 के आम चुनावों में 68 प्रतिशत एससी और 51 फीसदी ओबीसी ने इंडिया ब्लॉक का समर्थन किया था. ये दोनों समुदाय 2024 के विधानसभा चुनाव में किंगमेकर की भूमिका में उभर सकते हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि दलित वोट कांग्रेस, बसपा और आजाद पार्टी के बीच बंट जाएंगे. जबकि नायब सिंह सैनी के सीएम चेहेर के रूप में होने से कांग्रेस की जाति जनगणना की पिच बेअसर हो जाएगी और उसे 2024 में खोए हुए ओबीसी वोट वापस मिल जाएंगे.

14 सीटों पर दोनों पार्टियों के पास जाट उम्मीदवार हैं. प्रत्येक 13 सीटों पर सामान्य-बनाम-सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार और ओबीसी-बनाम-ओबीसी के बीच मुकाबला है. 12 सीटों पर जाट बनाम सामान्य वर्ग, चार पर जाट बनाम ओबीसी और आठ सीटों पर सामान्य बनाम ओबीसी मुकाबला है. सिर्फ दो सीटों पर मुस्लिम बनाम मुस्लिम मुकाबला हो रहा है. सिर्फ एक सीट पर सिख बनाम सिख मुकाबला हो रहा है. एक सीट पर मुस्लिम बनाम ओबीसी मुकाबला हो रहा है,. 

पिछले रुझानों के आधार पर सामान्य वर्ग/ ओबीसी विधायकों के बीजेपी के टिकट पर जीतने की संभावना ज्यादा है. जबकि जाट और दलित विधायकों के कांग्रेस के टिकट पर चुने जाने की संभावना ज्यादा है. कांग्रेस को जीत के लिए जेजेपी, इनेलो और अन्य के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगानी होगी और रिजर्व सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करना होगा. 

योगेंद्र यादव क्या कहते हैं?

योगेंद्र यादव कहते हैं कि हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. योगेंद्र यादव का दावा है कि पिछले विधानसभा चुनावों की तरह इस बार अभय चौटाला की इनैलो, दुष्यंत चौटाला की जजपा, बसपा या आम आदमी पार्टी के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों की बड़ी भूमिका नहीं रहेगी.

बीजेपी को नए चेहरों से उम्मीद

कांग्रेस ने 2019 में 31 सीटों पर चुनाव जीता और इस बार 29 मौजूदा विधायकों को टिकट देकर भरोसा जताया है. जबकि बीजेपी ने अपने 40 में से 15 विधायकों के टिकट काट दिए हैं और नए चेहरों पर दांव लगाया है. कांग्रेस मौजूदा नेतृत्व पर भरोसा कर रही है, जबकि बीजेपी सत्ता विरोधी लहर को बेअसर करने के लिए नए मुख्यमंत्री और नए चेहरों पर भरोसा कर रही है. दोनों पार्टियों ने बेरोजगारी (सरकारी नौकरियां), महंगाई (सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर और महिलाओं को कैश में मदद) और कृषि संकट (MSP) से निपटने के वादे किए हैं.

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